48 संस्थाओं ने लिखित रूप से शुभ दृष्टि को मदर एनजीओ के लिए चुना, फर्जीवाड़ा का आरोप बेबुनियाद : सुनील वर्मा

धनबाद. मदर एनजीओ के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का लगाया गया आरोप बेबुनियाद है. सभी एनजीओ की आपसी सहमति और निर्णय के आधार पर ही शुभ दृष्टि को मदर एनजीओ बनाया गया है. 48 एनजीओ ने लिखित रूप में अपनी सहमति दी है. धनबद जिला एनजीओ एसोसिएशन के अध्यक्ष  सुनील कुमार वर्मा ने गुरुवार को बैठक सह प्रेस वार्ता में यह बांते कही. मौके पर एसोसिएशन के सचिव नवीन कुमार सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष नीलम मिश्रा, संयुक्त सचिव अनिता अग्रवाल उपस्थित हुई.

सुनील वर्मा ने कहा कुछ एनजीओ संचालक शुभ दृष्टि मदर एनजीओ पर झूठा आरोप लगा रहे है. वास्तविकता यह है कि भारत सरकार नीति आयोग ने भी मदर एनजीओ के रूप में शुभ दृष्टि को चयनित किया है. नीति आयोग से जुड़े सभी दस्तावेजो को उपायुक्त को भी सुपुर्द कर दिया गया है. दस्तावेजो के आधार पर उपायुक्त ने भी शुभ दृष्टि को मदर एनजीओ के रूप में नामित किया है.  

नीति आयोग दर्पण पोर्टल पर 78 संस्थाएं रजिस्टर्ड है. उनमें 48 संस्थाओं ने शुभ दृष्टि को मदर एनजीओ के रूप में अपनी हस्ताक्षरयुक्त सहमति प्रदान की है. नीति आयोग दर्पण पोर्टल पर जितने भी संस्थाएं निबंधित है. नीति आयोग की नजर में वे सभी जीवित और सुरक्षित माने गए है. जिन्हें एक विश्वासी संस्था के रूप में देखा जाता है. जिन 48 संस्थाओं ने अपनी सहमति दी है वह सभी निबंधित है.  

उन्होंने बताया कोविड 19 को देखते हुए लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति जागरूक करने और लॉक डाउन में फंसे लोगों तक मदद पहुँचाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने विभिन्न एनजीओ को जिम्मेवारी सौपी है. इसके लिए एनजीओ का एक समूह बनाया गया है. जिसमे शुभ दृष्टि मदर एनजीओ के रूप में है.  

सचिव नवीन सिंह ने बताया मदर एनजीओ नोडल पदाधिकारी के रूप में कार्यरत है. इसका कार्य क्षेत्र भी काफी बड़ा है. सभी एनजीओ के साथ समन्वय स्थापित कर कोविड 19 के लिए कार्य करना है.  

धनबाद जिला एनजीओ एसोसिएशन इस क्षेत्र में लगातार काम कर रही है. शहरी एवं ग्रामीण दोनो क्षेत्रो में जाकर एसोसिएशन के लोग सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति लोगो को जागरूक कर रहे है. जगह - जगह मास्क, सेनेटाइजर का बड़े पैमाने पर जरुरतमंदो में वितरण किया गया है.

कई इलाकों में जाकर सेनिटाइजेशन का कार्य भी किया गया है और आगे भी जारी है. लोगो को आरोग्य सेतु एप्प भी डाउन लोड करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसमें सफलता भी मिल रही है. अबतक तीन हजार से ज्यादा लोगो के मोबाइल पर यह एप्प डाउन लोड कराया गया है.