आजसू छात्र संघ के द्वारा रणधीर वर्मा चौक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया गया।

आजसू छात्र संघ के द्वारा रणधीर वर्मा चौक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया गया. जिसका नेतृत्व कोयलांचल प्रभारी हिरालाल महतो ने किया.

पुतला दहन कार्यक्रम के माध्यम से हिरालाल महतो ने कहा कि झारखंड सरकार के द्वारा विधानसभा से झारखंड प्रतियोगी परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों व रोकथाम निवारण के उपाय विधेयक - 2023 को बिना संशोधन किए पारित करना छात्रो के लिए काला कानून है.

यदि कोई छात्र प्रतियोगी परीक्षा में हुई गड़बड़ी या अन्य कोई शिकायत करेगा तो उसपर इस विधेयक के धारा - 23 के तहत बिना किसी प्रारंभिक जांच के सीधे एफआईआर दर्ज कर दिया जाएगा जो छात्रो के लिए काला कानून साबित होगा इस विधेयक खंड 2 में इस विधेयक को और अधिक काला कानून बनाता है जिसमे एफआईआर के बाद नियुक्त आईओ के द्वारा बिना किसी के आदेश के एफआईआर के तुरंत बाद ही गिरफ्तारी कर जेल भेजने का प्रावधान है. जो कि सुप्रीम कोर्ट के स्टैंडिंग गाइडलाइन सीआरपीसी - 41 A का उल्लंघन करता है. सीआरपीसी 41 - A के तहत आरोपी से उसका पक्ष जानना आवश्यक होता है जो इस विधेयक में उल्लेखित नही है.

मौके पर उपस्थित विश्वविद्यालय अध्यक्ष विशाल महतो ने कहा कि झारखंड सरकार यह खुद जानती है कि वो बिना गड़बड़ी के सफलतापूर्वक प्रतियोगिता परीक्षा ले ही नही सकती है जिसके कई उदाहरण जेपीएससी और जेएसएससी के है. झारखंड की वर्तमान सरकार अभी तक खुद की सृजित एक भी नौकरी दे नही पाई है ओर इस सरकार के मात्र डेढ़ वर्ष ही बाकी है जिसमे वो 26 हजार शिक्षक बहाली करने जा रही है जिसमे सरकार को डर है कि कही यह प्रक्रिया भी गड़बड़ी के कारण सरकार के कार्यकाल के बाहर चला जाये. इसलिए सरकार छात्रो को डराने के लिए ऐसा कानून षडयंत्र के तहत पारित की है ताकि अंदरखाने से नियुक्त होते रहे और कोई विरोध भी नही करें छात्रो ओर आम अवाम के आवाज को दबाकर यह नियुक्ति करके सरकार अपनी उपलब्धी गिनाने के लिए छात्रो को अंधेरे में धकेल रही है.

इस पुतला दहन कार्यक्रम में : नावाडीह उप मुखिया विकास कुमार, छात्र नेता दिनेश दास, विक्की कुमार, विवेक महतो, सचिन दास, अंशु शर्मा, नीलेश ओझा, उत्पल मंडल, शेखर महतो, बबलू महतो, शुभम रजक, भोला पासवान, पुनु प्रसाद, राहुल यादव, सोनू कर्मकार, राजेश महतो, ऋषिकेश, सोनू सिंह आदि