बीबीएमकेयू: इतिहास विभाग में हुआ डीआरसी का गठन, डॉ. कौशल बने चेयरमैन

धनबाद: धनबाद के बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के अध्यक्ष (एचओडी) डॉ. कौशल कुमार, विभागीय शोध परिषद् (डिपार्टमेंटल रिसर्च काउंसिल-डीआरसी) के चेयरमैन बनाए गए हैं. साथ ही, संयोजक पद का भी दायित्व भी उन्हें दिया गया है. कुलपति डॉ. (प्रो. ) अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने इस बाबत आदेश दे दिया है और कुलसचिव डॉ. (कर्नल) मिथिलेश कुमार सिंह ने अधिसूचना जारी कर दी है.  

पीजी इतिहास विभाग के अध्यक्ष हैं डॉ. कौशल 

डॉ. कौशल कुमार बीबीएमकेयू के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के अध्यक्ष हैं. उन्होंने हाल ही में एक मार्च को इस पद को ग्रहण किया है. पीजी इतिहास विभाग में सेवा देने से पूर्व इन्होंने लम्बे समय तक बीएसके कॉलेज मैथन में अध्यापन कार्य किया है. मृदुभाषी, सरल और सबको साथ लेकर चलने की प्रवृत्ति वाले डॉ. कौशल का प्राध्यापकीय अनुभव 24 वर्षों का है.  

डॉ. उमेश कुमार व रेमंड केरकेट्टा बने काउंसिल के सदस्य 

पीजी इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापकद्वय डॉ उमेश कुमार व रेमंड केरकेट्टा को डीआरसी का सदस्य बनाया गया है.

क्या होती है डीआरसी 

डिपार्टमेंटल रिसर्च काउंसिल (डीआरसी) का कार्य विभाग के तमाम शोध कार्यों की निगरानी करना है. साथ ही, डिपार्टमेंट के अंतर्गत होने वाले शोध पर भी निर्णय डीआरसी ही करती है. किस शोध को किस दिशा में ले जाना है, शोध की व्यावहारिकता और प्रामाणिकता पर भी डीआरसी को ही फैसला लेना होता है.