नीति आयोग के टास्क के सुपरविजन को कल सिंफर पहुंचेंगे सीएसआइआर के डीजी डाॅ शेखर सी. मांडे, कोल नगरी के दो दिवसीय दौरे पर करेंगे कार्यशाला का उद्घाटन

धनबाद, (प्रशांत झा): सीएसआइआर-काउंसिल फाॅर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च (वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद) के महानिदेशक व वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सचिव डाॅ. शेखर सी. मांडे कल धनबाद पधार रहे हैं. वे अपने दो दिवसीय दौरे पर देश की कोयला राजधानी आ रहे हैं. रविवार की दोपहर डाॅ मांडे बरवा रोड स्थित सिंफर पहुंचेंगे.  

कार्यशाला का करेंगे उद्घाटन

डाॅ. शेखर सी. मांडे आते ही सबसे पहले सिंफर में आयोजित प्रेस वार्ता में सम्मिलित होंगे. 17-18 के अपने दो दिवसीय धनबाद दौर में वे सिंफर द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का सुपरविजन करेंगे. साथ ही, एक कार्यशाला का भी उद्घाटन करेंगे. 17 जनवरी की शाम में ही डिगवाडीह स्थित सिंफर में भी जांएंगे. 18 जनवरी की शाम चार बजे धनबाद से प्रस्थान कर जाएंगे.  

कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर काम कर रहा है सिंफर 

केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) की कई कई महत्वाकांछी परियोजनाएँ पटरी पर हैं. संस्थान की परियोजना (जो नीति आयोग का टास्क है) कोल टू मिथेनॉल के लिए वैज्ञानिकों ने कदम बढ़ा दिए हैं. इसके लिए डिगवाडीह में प्लांट विकसित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. अगले छः महीनों में कोयले से मिथेनॉल बनाने का काम भी शुरू हो जाने की पूरी संभावना है. जिला प्रशासन की मदद से सिंफर की जमीन पर कब्जा कर रहने वालों को हटाने की प्रक्रिया चल रही है. मुमकिन है कि जल्द ही सफलता मिलेगी.

  वहीं, सिंफर ने सीमा सड़क संगठन के साथ पांच वर्षों के लिए एमओयू किया है. सिंफर वैज्ञानिक वैज्ञानिक सड़क सीमा संगठन के साथ मिलकर हिमालय की दुर्गम चढ़ाई वाले हजारों फीट ऊपर सड़क का निर्माण करने में मदद करेंगे. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के लिए अंडरग्राउंड स्पेस तकनीक विकसित करने व खदानों की डिजिटलाइजेशन में मदद करने की युक्ति में भी सिंफर वैज्ञानिक जुटे हुए हैं. मेघालय में खनन की वजह से प्रदूषित हो रहे जलाशयों के संरक्षण की तकनीक पर भी काम चल रहा है. ग्रामीण उद्यमिता के लिए मशरूम प्रशिक्षण का शिविर भी आयोजित किया जाता रहा है.  

कौन हैं डाॅ शेखर सी. मांडे 

डाॅ शेखर सी मांडे सीएसआइआर-काउंसिल फाॅर साइंटिफिक एंड  इंडस्ट्रीयल रिसर्च (वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद) के महानिदेशक हैं. साथ ही, वे वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सचिव भी हैं. मूलतः, जीवविज्ञानी डाॅ मांडे विज्ञान भारती के उपाध्यक्ष भी हैं. भारतीय विज्ञान संस्थान से माॅलिकुलर बायोफिजिक्स में पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाले डाॅ शेखर देश के शीर्ष वैज्ञानिकों में शुमार हैं. विज्ञान के क्षेत्र में भारत में दिए जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से इन्हें 2005 ई. में ही नवाजा जा चुका है.