बॉलीवुड और थिएटर के दिग्गज एक्टर शशि कपूर का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद मुंबई में निधन हो गया. मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में उन्होंने 79 साल की उम्र अंतिम सांस ली.
शशि कपूर के निधन की खबर मिलते ही सेलेब्स ने ट्विटर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
मंगलवार सुबह 10. 30 बजे कोकिला बेन अस्पताल से उनकी अंतिम यात्रा निकली. इस दौरान रिश्तेदार और परिवार के लोग मौजूद थे.
शशि कपूर का राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया. उनके शरीर को तिरंगे में लपेटा गया है. अंतिम संस्कार के वक्त बॉलीवुड समेत राजनीतिक जगत की हस्तियां भी मौजूद रही.
केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले और महाराष्ट्र सरकार के कुछ मंत्री भी मौजूद हैं. मुंबई पुलिस की एक टुकड़ी ने शशि कपूर को आख़िरी सलामी दी.
शशि कपूर का अंतिम संस्कार सांताक्रूज के श्मशान घाट में किया गया. इससे पहले उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से सीधे ´जानकी कुटीर´ ले जाया गया.
सैफ अली खान, रणबीर कपूर, अनिल कपूर, नसीरुद्दीन शाह, रत्ना पाठक, ऋषि कपूर, अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, राकेश ओम प्रकाश मेहरा, संजय दत्त जैसी बॉलीवुड हस्तियां शशि के अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद रही.
राज कपूर के पोते आधार जैन भी जानकी कुटीर पहुंचे. शशि के भतीजे ऋषि कपूर सोमवार की रात ही शूटिंग कैंसल कर अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुंबई पहुंचे थे.
मुंबई पुलिस ने अस्पताल के बाहर सुरक्षा का अच्छा इंतजाम किया था. ट्रैफिक पुलिस को भी ब्रीफिंग दी गई थी कि जब अस्पताल से पार्थिव शरीर को ले जाया जाए तब मुंबई की सड़कों पर ट्रैफिक स्मूथ रखा जाए.
शशि कपूर के निधन से अमिताभ बच्चन बेहद दुखी हैं. उन्होंने एक लंबा ब्लॉग लिख कर उन्हें याद किया.
शशि कपूर की बेटी संजना और बेटा करण सोमवार रात को ही मुंबई पहुंच गए थे. शशि कपूर के निधन की खबर सुनकर ऋषि कपूर भी दिल्ली में चल रही अपनी फिल्म की शूटिंग कैंसिल कर मुंबई पहुंच गए.
वह दिल्ली में फिल्म ´राजमा चावल´ की शूटिंग कर रहे थे. अस्पताल में शशि कपूर को देखने रणधीर कपूर, रणबीर कपूर, कृष्णा राज कपूर और कपूर फैमिली के और भी मेंबर पहुंचे थे.
शशि कपूर के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई राजनीतिक और बॉलीवुड की हस्तियों ने शोक जताया है.
बॉलीवुड एक्ट्रेस हेमा मालिनी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शशि कपूर के निधन पर शोक व्यक्त किया.
शशि ने हिन्दी सिनेमा की 160 फिल्मों (148 हिंदी और 12 अंग्रेजी) में काम किया. उनका जन्म 18 मार्च 1938 को कोलकाता में हुआ था.
60 और 70 के दशक में उन्होंने जब-जब फूल खिले, कन्यादान, शर्मीली, आ गले लग जा, रोटी कपड़ा और मकान, चोर मचाए शोर, दीवार कभी-कभी और फकीरा जैसी कई हिट फिल्में दी.
1984 में पत्नी जेनिफर की कैंसर से मौत के बाद शशि कपूर काफी अकेले रहने लगे थे और उनकी तबीयत भी बिगड़ती गई. बीमारी की वजह से शशि कपूर ने फिल्मों से दूरी बना ली.
साल 2011 में शशि कपूर को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था. 2015 में उन्हें दादा साहेब पुरस्कार भी मिल चुका था. कपूर खानदान के वो ऐसे तीसरे शख्स थे जिन्हें ये सम्मान हासिल हुआ था.
आकर्षक व्यक्तित्व वाले शशि कपूर के बचपन का नाम बलबीर राज कपूर था. बचपन से ही एक्टिंग के शौकीन शशि स्कूल में नाटकों में हिस्सा लेना चाहते थे.
उनकी यह इच्छा वहां तो कभी पूरी नहीं हुई, लेकिन उन्हें यह मौका अपने पिता के ´पृथ्वी थियेटर्स´ में मिला.