डॉ. वर्षासिंह का दर्शन पॉलीक्लिनिक,पैथालॉजी और मेडिकल दुकान सील,अनियमितता पर की गई कार्यवाही, मेडिकल शॉप मंे मिली महाराष्ट्र की देशी दारू की बाटल,

बालाघाट. लांजी के डॉ. वर्षा सिंह के क्लिनिक को दूसरी बार प्रशासनिक टीम ने 09 मई को सील कर दिया. इसके साथ ही यहां संचालित पैथोलॉजी और मेडिकल दुकान को भी सील करने की कार्यवाही की गई. कार्यवाही के दौरान एसडीएम प्रदीप कौरव, बीएमओ डॉ. प्रदीप गेडाम, डॉ. मनीष बड़गुर्जर, एसडीओपी सत्येन्द्र घनघोरिया, बीपीएम मनीष पांडे, पटवारी योगेश पटले और भूपेन्द्र अहिरवार मौजूद थे.

एक जानकारी के अनुसार, डॉ. वर्षासिंह के दर्शन पॉलीक्लिनिक को दूसरी बार सील किया गया है. इससे पूर्व विगत 15 मार्च को, दर्शन पॉली क्लिनिक में इंजेक्शन लगाने के बाद 38 वर्षीय ओंमकार कर्राहे की एकाएक मौत की घटना से क्लिनिक पहली बार सुर्खियो में आया था. चूंकि घटना के बाद परिजनों द्वारा चिकित्सक पर गलत इंजेक्शन लगाकर जान लेने के आरोप में मचे हंगामे के बाद  आनन-फानन में पुलिस टीम और क्षेत्रीय विधायक अस्पताल पहुंचे थे. हालांकि मामला बढ़ता देख, क्लीनिक की संचालिका डॉ. वर्षा सिंह, अपने निवास से तुरंत ही फरार हो गई थी. कुछ दिनो बाद जब मामला, ठंडा पड़ गया तो, डॉ. वर्षा सिंह ने पुनः लांजी क्षेत्र में लोगों का उपचार करना शुरू कर दिया. जिसकी जानकारी मिलने पर क्षेत्रीय विधायक राजकुमार कर्राहे ने एसडीएम और नगर निरीक्षक से मामले की जानकारी ली थी. जिसके बाद प्रशासनिक अमले ने इस मामले में पूछताछ के लिए डॉ. वर्षासिंह के पति को तलब किया था. हालांकि इसके बाद भी क्लिनिक में डॉ. वर्षा सिंह द्वारा ईलाज किए जाने की प्रक्रिया जारी थी. जिसको लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य अमले पर सवाल खड़े हो रहे थे. चूंकि बताया जाता है कि दर्शन पॉली क्लिनिक का विवादों से पुराना नाता रहा है.  

वर्ष 2019 में दर्शन क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण जिला मुख्यालय से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दबिश देकर कुछ समय के लिये दर्शन क्लीनिक को सील करने की कार्यवाही की थी. यही नहीं बल्कि दर्शन क्लीनिक की संचालिका डॉ. वर्षा सिंह द्वारा नगर में अपना प्राईवेट क्लीनिक खोले जाने की जानकारी भी बीएमओ प्रदीप गेडाम को उपलब्ध नहीं कराई गई थी. जिससे दर्शन क्लीनिक विवादों में आया था.  

हालांकि बीएमओ का इस मामले मंे कहना था कि जब दर्शन क्लिनिक में मरीज के ईलाज के बाद मौत होने मामला हो चुका है तो इसकी पूरी जांच रिपोर्ट आने के पूर्व ईलाज किया जाना गैरकानूनी है, लेकिन वह इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे थे.   पॉली क्लिनिक में दोबारा चिकित्सीय उपचार प्रारंभ होने की जानकारी के बाद इस मामले में एसडीएम पुष्पेन्द्र कौरव द्वारा तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई गई थी. जिसमें जांच करने पहुंची तीन सदस्यीय टीम को जांच में पूर्व की तरह अनियमितता मिली थी. जिसके बाद 09 मई को प्रशासनिक टीम ने यहां कार्यवाही करते हुए दर्शन पॉली क्लिनिक, पैथॉलॉजी और मेडिकल दुकान को सील कर दिया है.  इस मामले में एसडीएम प्रदीप कौरव ने बताया कि जांच टीम को पूर्व के समान क्लिनिक में अनियमितता मिलने और मेडिकल दुकान के नारकोटिक्स के नियमों के विपरित दुकान संचालित करने और शराब पाए जाने पर क्लिनिक और मेडिकल को सील कर दिया गया है. मेडिकल को लेकर ड्रग इंस्पेक्टर से सत्यापन कराया जाएगा.  बीएमओ डॉ. प्रदीप गेडाम ने बताया कि जांच में दर्शन पॉलीक्लिनिक में अनियममितता पाए जाने पर उसे सील कर दिया गया. बीएमडब्ल्यु का कोई एनओसी नहीं है. फायर एनओसी नहीं है. यहां एक्सपायरी डेट के इंजेक्शन मिले है. ऑक्सीजन और आकस्मिक चिकित्सका को लेकर भी कोई व्यवस्था नहीं मिली है. पैथोलॉजी का रिकार्ड संधारण नहीं किया गया है. जिसके चलते क्लिनिक सहित पैथोलॉजी लेब और मेडिकल दुकान को सील कर दिया गया है.


Web Title : DR. VARSHA SINGHS PHILOSOPHY POLYCLINIC, PATHOLOGY AND MEDICAL SHOP SEALED, ACTION TAKEN ON IRREGULARITY, BOTTLE OF COUNTRY LIQUOR FROM MAHARASHTRA FOUND IN MEDICAL SHOP,