धरोहरों को सहेजना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी, विश्व धरोहर दिवस पर वक्ताओं ने रखे विचार

बालाघाट. कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा और जिला पंचायत सीईओ डीएस रणदा के मार्गदर्शन में जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद डीएटीसीसी टूरिज्म प्रमोशन को लेकर विभिन्न कार्यक्रम करती आ रही है. इसी कड़ी में 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस पर शहर के पुरात्व शोध संग्रहालय में संगोष्ठी कार्यालय का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में डीएटीसी अधिकारी, कर्मचारियों के अलावा पुरातत्व एवं पर्यटन विद, कॉलेज छात्र-छात्राओं के अलावा पुरातत्व शोधार्थी शामिल थे.

भूगर्भ शात्री डॉ. संतोष सक्सेना ने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला. जिले के पुरातत्व स्थलों के विकास और इन्हें कैसे प्रमोट किये जाने पर सभी ने बारी-बारी से सभी ने अपने विचार व्यक्त किए. पुरातत्वविद् प्रेमप्रकाश त्रिपाठी, समीर गहरवार, निशांत सिंह बैस ने जिले के हट्टा की बावली, लांजी का किला, धनसुआ गोसाईं मंदिर सहित अन्य स्थलों का प्रमोशन कर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये. साथ ही युवा शोधार्थियों ने भी अपने सुझाव रखे.

युवा मोटीवेटर अजय ठाकुर ने पुरातत्व स्थलों के साथ जल संरक्षण पर सारगर्भित उद्बोधन दिया. पर्यटन प्रबंधक एमके यादव ने कहा कि जिले की धरोहरों को सहेजना और संरक्षित रखना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है. शासन प्रशासन भी पुरातत्व स्थलों के संरक्षण और विकास को लेकर पूरी तरह से गंभीर है. समय-समय पर इनके रखरखाव और विकास को लेकर जानकारी एकत्रित कर योजनाएं बनाई जा रही है. जिन्हें कलेक्टर और सीईओ के मार्गदर्शन में मूर्त रूप दिए जाने गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं. अंत में धरोहरों के संरक्षण, प्रचार-प्रसार और सुरक्षित पर्यटन को लेकर संकल्प लेकर कार्यक्रम का समापन किया गया. इसके बाद सभी शोधार्थियों और विद्यार्थियों को संग्रहालय भ्रमण करवाकर संग्रहालय में संरक्षित की गई पुरातत्व प्रतिमाओं, जिले के इतिहास के बारे में जानकारी दी गई.  

कार्यक्रम में भूगर्भ शास्त्री डॉ. संतोष सक्सेना, पर्यावरण विद प्रेमप्रकाश त्रिपाठी, समीर गहरवार, निशांत सिंह बैस, पर्यटन प्रबंधक एमके यादव, युवा मोटीवेटर अजय ठाकुर, अखिलेश पटले, मीनाक्षी सिंगोतिया, भक्ति त्रिवेदी, शुभम बोपचे, अंकित उपाध्याय सहित कॉलेज छात्र-छात्राएं और शोधार्थी उपस्थित थे.  


Web Title : IT IS THE MORAL RESPONSIBILITY OF ALL OF US TO PRESERVE THE HERITAGE, SPEAKERS EXPRESSED THEIR VIEWS ON WORLD HERITAGE DAY