भरवेली मॉयल में वेतन समझौते को लेकर मॉयल कामगार संगठन ने किया काम बंद,कामगारों की हड़ताल से एक करोड़ का नुकसान, मॉयल प्रबंधन ने कहा कि अवैधानिक है कामगार संगठन का आंदोलन

बालाघाट. 3 सालों से वेतन समझौता नहीं होने के कारण आज मॉयल में कार्यरत श्रमिकों और कर्मचारियों ने मॉयल कामगार संगठन के बैनर तले शांतिपूर्ण काम बंद आंदोलन किया. श्रमिक और कर्मचारी काम पर तो पहुंचे लेकिन उन्होंने कोई काम नहीं किया. एक जानकारी के अनुसार श्रमिकों और कर्मचारियों के काम नहीं करने के कारण मॉयल को, उत्पादन नहीं होने से लगभग एक करोड़ का नुकसान पहुंचा है. हालांकि मॉयल कर्मगार संगठन के काम बंद आंदोलन को मॉयल प्रबंधन ने अवैधानिक करार देते हुए श्रमिकों और कर्मचारियों को नोटिस जारी किये जाने की बात कही है. मॉयल प्रबंधन का कहना है कि यदि काम बंद आंदोलन करना था तो कामगार संगठन को 15 दिन पहले नोटिस देना था, लेकिन बिना नोटिस दिये कामगार संगठन द्वारा आंदोलन किया जा रहा है जो नियमानुसार अवैधानिक है. दूसरी ओर मॉयल कामगार संगठन वेतन समझाौते के जल्द लागु नहीं होने तक काम बंद आंदोलन को अनवरत रूप से चलाये जाने पर अड़ा है.  

मिली जानकारी अनुसार मॉयल में श्रमिकों और कर्मचारियों का शासन के नियमानुसार पांच साल या दस साल के लिए वेतन समझौता होता है. बताया जाता है कि आंदोलन कर रहे श्रमिकों और कर्मचारियों का वेतन समझौता 1 जनवरी 2017 को खत्म हो गया था. जिसके बाद से मॉयल कामगार संगठन, मॉयल में कार्यरत श्रमिकों और कर्मचारियों के वेतन समझौते के लिए लगातार मॉयल प्रबंधन से चर्चा कर रहा था, लेकिन मॉयल प्रबंधन वेतन समझौते को लेकर कोई पहल नहीं कर रहा था. जिससे आक्रोशित मॉयल कामगार संगठन ने आज 4 मई को शांतिपूर्ण काम बंद आंदोलन का आगाज कर दिया. जिसके चलते भरवेली मॉयल में मॉयल श्रमिकों और कर्मचारियों ने दोनो शिफ्ट में काम बंद रखा और वेतन समझौते की मांग पर अड़े रहे. हालांकि मॉयल प्रबंधन का कहना है कि 1 जुलाई 2017 को मॉयल श्रमिकों और कर्मचारियों का वेतन समझौता तैयार हो चुका था और वह इस वर्ष लागु हो जाना था किन्तु हालिया कोरोना वायरस के कारण इसमें देरी हो रही है, जिसे जल्द करवा लिया जायेगा.  

वेतन समझौते 10 साल के लिए जल्द लागु करवाने की मांग को लेकर मॉयल कर्मगार संगठन के आव्हान पर जिला संगठन सचिव वेदप्रकाश उर्फ गुड्डा दिवान के नेतृत्व में भरवेली मॉयल में श्रमिक और कर्मचारियों ने काम पर पहुंचकर काम बंद रखा. जिसके कारण मॉयल प्रबंधन की दोनो शिफ्ट में काम बंद रहा. बताया जाता है कि ऐसे लगभग 2 हजार श्रमिक और कर्मचारी है, जिन्होंने काम पर पहुंचने के बाद काम नहीं किया. जिससे मॉयल के उत्पादन पर इसका असर पड़ा और रोजाना होने वाला लगभग 5 सौ टन का उत्पादन नहीं हो सका. जिससे मॉयल को लगभग एक करोड़ रूपये का नुकसान उठाना पड़ा.  

मॉयल कामगार संगठन सचिव वेदप्रकाश उर्फ गुड्डा दिवान ने बताया कि एक जनवरी 2017 को मॉयल में कार्यरत श्रमिकों और कर्मचारियों का वेतन समझौता खत्म हो चुका है. जिसके बाद नये वेतन समझौते को लेकर लगातार संगठन द्वारा मॉयल प्रबंधन से चर्चा की जा रही है किन्तु हर बार आज-कल करके वेतन समझौते को लागु करने के लिए टाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि वेतन समझौत में देरी के कारण आक्रोशित श्रमिकों और कर्मचारियों ने वेतन समझौते को जल्द लागु करने की मांग को लेकर आज काम बंद किया है. जो शांतिपूर्ण है, काम की दोनो शिफ्ट में श्रमिक और कर्मचारी अपने काम पर तो पहुंचे, लेकिन उन्होंने कोई काम नहीं किया. मॉयल श्रमिक और कर्मचारियों को संगठन से उम्मीद है कि वह जल्द उनके हित में वेतन समझौता लागु करवाये और हम भी चाहते है कि कंपनी का काम बंद न हो और वह जल्द शुरू हो जायें तो कंपनी को भी चाहिये कि वह श्रमिकों और कर्मचारियों का वेतन समझौता जल्द लागु करें. उन्होंने कहा कि जब तक वेतन समझौता को लागु करने के लिए कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया जाता, तब तक श्रमिक और कर्मचारी, अपना काम बंद कर विरोध जताते रहेंगे.  

जानकारी अनुसार प्रातः 6,7 और 8 बजे प्रारंभ होने वाली शिफ्ट में पहुंचे श्रमिक और कर्मचारी, अपने कार्यस्थल तो पहुंचे लेकिन उन्होंने काम बंद रखा. यही आलम सेकंड शिफ्ट में दिखाई दिया. जिसके चलते पूरे दिन भरवेली मॉयल में मॉयल के उत्पादन से जुड़ा पूरा काम ठप्प रहा.  


इनका कहना है

आज मॉयल कामगार संगठन द्वार जो काम बंद आंदोलन किया गया है वह कोड ऑफ कंडक्ट के अनुसार अवैधानिक है, इन्हें हमें 15 दिन पहले नोटिस देना था. जिसको लेकर नोटिस भी जारी किया गया है और वरिष्ठ अधिकारियों को आंदोलन कर रहे लोगों के निलंबन के लिए पत्र लिखा गया है. 1 जुलाई 2017 को वेतन समझौता का तैयार किया गया प्रारूप अपने अंतिम चरण में है, एमकेएस की कुछ और मांगे है, जिसका निर्णय वरिष्ठ स्तर पर होना है. श्रमिकों और कर्मचारियों का वेतन समझौता लागु हो जाता किन्तु कोरोना महामारी के कारण इसमें विलंब हुआ है, जिसके लिए श्रमिकों और कर्मचारियों को धैर्य बनाये रखना था, किन्तु बिना जानकारी के इन्होंने काम बंद कर दिया है. जिस पर कार्यवाही की जायेगी.  

उम्मेदसिंह भाटी, प्रबंधक, भरवेली मॉयल


Web Title : MOIL WORKERS ORGANIZATION CLOSES WORK ON WAGE AGREEMENT IN BHARVELI MOYAL, LOSS OF ONE CRORE FROM WORKERS STRIKE, MOIL MANAGEMENT SAYS ILLEGAL WORKERS ORGANIZATION MOVEMENT