भाजपा प्रत्याशी के प्रचार पाम्पलेट से पिता की फोटो गायब होने से पुत्र दुःखी, क्या भाजपा कर रही वरिष्ठो की अनदेखी?

बालाघाट. यह भाजपा को क्या हो गया है, वह अपनी ही पार्टी के वरिष्ठों को भुलने लगी है या फिर भाजपा में शामिल होते नए चेहरों की चकाचौंध में, पार्टी को खड़ा करने वाले, उसे नजर नहीं आ रहे है. यह इसलिए कहना पड़ रहा है कि जिले में भाजपा के बड़े नेताओं की अनदेखी किए जाने की चर्चा जोरो पर है. चुनाव के इस समय, जहां हर किसी की जरूरत है, वहां वरिष्ठो को तवज्जो नहीं मिलने से ना केवल वरिष्ठ बल्कि उनके साथ के लोग भी नाराज है.  

जिले में इन दिनों भाजपा के दो वरिष्ठो को, या तो पार्टी नजरअंदाज कर रही है, या फिर पार्टी को लगता है कि अब उनकी जरूरत नहीं है, सोच जो भी हो, लेकिन इन दो चर्चित नेताओं की भाजपा के प्रचार पोस्टर में फोटो नहीं होने से कई सवाल खड़े हो रहे है. यदि पूर्व विधायक डॉ. योगेन्द्र निर्मल को लेकर, कांग्रेस से निर्दलीय और निर्दलीय से भाजपा में आए पूर्व विधायक प्रदीप जायसवाल के कारण मान भी लिया जाए तो पूर्व सांसद के. डी. देशमुख को पोस्टर राजनीति से हटाने की कोई ठोस वजह दिखाई नहीं दे रही है, वह भी उस वक्त, जब प्रचार के पोस्टर में पूर्व विधायकों से लेकर पार्टी महामंत्री तक की फोटो हो.  

हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है, भाजपा मंे तो सांसद रहते हुए डॉ. ढालसिंह बिसेन को होर्डिंग्स से ही गायब कर दिया गया था, जो मामला भी काफी चर्चा में रहा है. ताजा मामला भाजपा के घर-घर होते संपर्क अभियान के तहत दिए जाने वाले प्रचार पोस्टर में जिले के वरिष्ठ भाजपा नेताओं की फोटो नहीं है. जिसमें पूर्व अध्यक्ष तो पूर्व विधायक और सांसद भी शामिल है और ऐसा नहीं है कि पूर्व सांसद के. डी. देशमुख ने कभी बगावत की हो, वह लोकसभा चुनाव में बकायदा पार्टी प्रत्याशी के साथ गए है और उनके प्रचार में जा भी रहे है, बावजूद इनके प्रत्याशी के प्रचार फोटो में उनकी फोटो नहीं होने से उनके समर्थकों मंे नाराजगी है, वहीं उनके पुत्र विक्रम देशमुख ने इस पर दुःख व्यक्त किया है.  

पूर्व सांसद के. डी. देशमुख, पंवार समाज के एक बड़े नेता है, यही नहीं वह पूर्व विधायक भी है. इस दृष्टि से उनका कद, पूर्व विधायकों से ज्यादा है, बावजूद उनके कद को प्रचार पाम्पलेट में स्थान नहीं देना, भाजपा की कौन सी नई राजनीति है यह तो वही जाने, लेकिन यदि, यह दरकिनार करने की राजनीति है तो इसका नुकसान, प्रत्याशी को उठाना पड़ सकता है.

भाजपा के डोर-टू-डोर प्रचार पाम्पलेट में पिता पूर्व सांसद के. डी. देशमुख की फोटो नहीं होने पर पुत्र विक्रम देशमुख ने कहा कि यह तो प्रत्याशी ही बता सकते है कि आखिर उन्होंने पिता को प्रचार पाम्पलेट में स्थान क्यों नहीं दिया या फिर कोई चूक हो गई. ऐसा लगता है कि संभवतः भुल गए है. पिताजी की फोटो रखना चाहिए था. जब पाम्पलेट में पूर्व विधायक और महामंत्री की फोटो है. शायद जगह कम पड़ गई होगी. पाम्पलेट में पूर्व सांसद के. डी. देशमुख की फोटो नहीं होने से दुःख तो जरूर हो रहा है.


Web Title : SON SADDENED BY MISSING FATHERS PHOTO FROM BJP CANDIDATES CAMPAIGN PAMPHLET, IS BJP IGNORING SENIORS?