बालाघाट. मुख्यालय से होकर गुजरने वाली वैनगंगा नदी के आमाघाट के गहरे पानी डूबने से 22 मई की सुबह नगरीय क्षेत्र बैहर चौकी निवासी 14 वर्षीय मोहित पिता कन्हैया मात्रे और 16 वर्षीय पुनित पिता योगेश मात्रे की मौत हो गई. बताया जाता है कि वैनगंगा नदी के आमाघाट की ओर पांच बालक सुबह घूमने गये थे. जहां मोहित और पुनित घाट में नहाने गये थे, इस दौरान ही वह हादसे का शिकार हो गये. दोनो रिश्तेदारी में काका भाई है. बताया जाता है कि मोहित, पुनित सहित बैहर चौकी निवासी पांच बालक 14 वर्षीय हिमांशु पिता राजेश मात्रे, 15 वर्षीय विवेकानंद पिता सूरज मात्रे और 16 वर्षीय आकाश पिता दिनेश मात्रे सुबह स्टेडियम जाने की मंशा से सायकिल से घूमने निकले थे. इस दौरान वह आमाघाट की ओर चले गये. साथी हिमांशु मात्रा के अनुसार सभी लूडो खेल रहे थे. इस दौरान मोहित और पुनित नहाने चले गये. जहां गहरे पानी में डूबते समय मोहित और पुनित ने बचाव के लिए मदद मांगी लेकिन उन्हें भी तैरना नहीं आता था. घटना के बाद बाहर खड़े तीनो बालकों का शोर सुनकर क्षेत्र में घूमने आने वालो को इसकी जानकारी लगी. जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना डायल 100 को दी. जब तक बच्चों ने भी अपने परिजनों को सूचित कर दिया था. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और परिजन घटनास्थल पहुंचे. जहां घंटो की मशक्कत के बाद पुलिस ने होमगार्ड और स्थानीय गोताखोरों की मदद से घाट के गहरे पानी में डूबे दोनो बालक मोहित और पुनित का शव बाहर निकलकर शव पंचनामा कार्यवाही उपरांत पीएम के लिए जिला चिकित्सालय भिजवाया. जहां पीएम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है. बताया जाता है कि मोहित मात्रे के पिता छिंदवाड़ा में कार्यरत है, लेकिन परिवार और बच्चे यही बालाघाट में बैहर चौकी में निवासरत थे. घटना के पहले सुबह-सुबह मोहित ने सभी हम उम्र साथियों को घूमने के लिए उठाया था. जिसके बाद सभी स्टेडियम जाने की बात पर घर से बिना बताये घूमने निकल गये थे, जहां से वह सीधे आमाघाट पहुंच गये और इस दौरान ही घाट में नहाने के कारण दोनो ही नाबालिगों की डूबने से मौत हो गई.
गौरतलब हो कि वैनगंगा नदी का आमाघाट और शंकरघाट के कुछ स्थान जानलेवा स्पॉट बन गये है. इससे पूर्व भी यहां कई डूबने से मौत की घटनायें हो चुकी है. जिसको लेकर वहां जाने पर सावधानी बरतने की आवश्यकता है, बावजूद इसके लोग वहां जा रहे है, जिससे ऐसी घटनायंे सामने आ रही है.
दो थानो की पहुंची पुलिस
जैसे ही पुलिस को घटना की जानकारी मिली. सीएसपी कर्णिक श्रीवास्तव, टीआई मंशाराम रोमड़े सहित पुलिस बल घटनास्थल पहुंचा और वहां नदी के गहरे पानी में डूबे बच्चो की तलाश शुरू की गई. चूंकि घटनास्थल वारासिवनी थाना के अंतर्गत आने के कारण वारासिवनी पुलिस भी घटनास्थल पहुंची. घाट में डूबे बच्चों की तलाशी के लिए होमगार्ड और स्थानीय गोताखोंरो की मदद से सर्च अभियान चलाया गया. इस दौरान मृतक बच्चों के परिवारों के आंसु थमने का नाम नहीं ले रहे थे. काफी देर बाद मृतक बच्चों के शव घाट के गहरे पानी से बाहर निकाले गये और पंचनामा कार्यवाही कर उन्हें पीएम के लिए जिला चिकित्सालय भिजवाया. जहां वारासिवनी पुलिस ने शव पंचनामा कार्यवाही और पीएम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है. मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है.
इनका कहना है
सुबह लगभग पौने सात-सात बजे बच्चों की आमाघाट में डूबने की खबर मिली थी. इन दो बच्चों के अलावा अन्य तीन बच्चे भी थे. जो सब घूमने घर से बिना बताये निकले थे. नदी के गहरे पानी में डूबने से मोहित और पुनित नाम के दो बच्चों की मौत हो गई. होमगार्ड और स्थानीय गोताखोरों की मदद से शव को आमाघाट के गहरे पानी से निकाला गया. जिसके बाद पीएम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है.
कर्णिक श्रीवास्तव, सीएसपी