शिक्षा विभाग में 40 लाख रूपए का प्रश्न बैंक घोटाला-महेश सहारे, डीईओ और डीपीसी पर लगा घोटाले का आरोप, प्रेसवार्ता में कांग्रेस नेता ने कहा शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्यवाही

बालाघाट. प्रदेश में भाजपा सरकार के राज में भ्रष्टाचार तेजी से फल-फूल रहा है, सरकार को भ्रष्टाचारियों पर जो लगाम लगानी चाहिए, वह लग नहीं पा रही है. भ्रष्टाचारियों की शिकायत के बावजूद, जिम्मेदार अमला उसकी जांच नहीं कर रहा है, जिससे भ्रष्टाचारियो के हौंसले बुलंद है. बालाघाट में वर्ष 2021-22 में शिक्षा विभाग में हुए लगभग 40 लाख रूपए के प्रश्नबैंक घोटाले में मेरी शिकायत के 20 महिना बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो सकी. यह बात प्रेसवार्ता में कांग्रेस नेता महेश सहारे ने कही.  उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में कक्षा नवमी, दसवी, ग्यारहवीं और बारहवीं के प्रश्न बैंक घोटाले में सीधे तौर से जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक शामिल है. जिसका खुलासा आरटीआई के माध्यम से निकाली गई जानकारी से होता है.  

कांग्रेस नेता महेश सहारे ने प्रेसवार्ता में वर्ष 2021-22 में कक्षा नवमी, दसवी, ग्यारहवीं और बारहवीं के प्रश्न बैंक घोटाले पर सिलसिलेवार अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रश्न बैंक तैयार करने, शिक्षा विभाग ने कोई निविदा नहीं निकाली. जबकि भंडार क्रय नियम के तहत निविदा निकाला जाना था. जो भंडार क्रय नियमो का उल्लंघन है. दूसरा यह कि शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्न बैेंक प्रिटिंग के लिए मध्यप्रदेश राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ मर्यादित भोपाल से एक मात्र कोटेशन मंगाया गया. जिसमें कक्षा नवमी और दसवी के लिए 76. 50 और कक्षा ग्यारहवीं एवं बारहवीं के प्रश्न बैंक तैयार करने की 78. 50 पैसे की निर्धारित दर भेजी गई थी. जबकि आदेशानुसार प्रश्न बैंंक तैयार करने शासन के पत्रानुसार, इस तरह का कोई बंदिश नहीं थी कि शिक्षा विभाग को केवल एक ही जगह से प्रश्न बैंक की प्रिटिंग करें. बावजूद इसके बिना निविदा और बिना अन्य कोई कोटेशन मंगाए, शिक्षा विभाग ने कक्षा नवमी, दसवी, ग्यारहवीं और बारहवीं के प्रश्न बैंक प्रिटिंग करने का पूरा काम मध्यप्रदेश राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ मर्यादित भोपाल को दे दिया गया. जिसके बाद ही पूरे भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है.

उन्हांेने सूचना के अधिकारी से निकाली गई जानकारी को मीडिया के सामने रखते हुए कहा कि कक्षा नवमी और दसवी के संपूर्ण विषय की प्रश्न बैंक प्रिटिंग में जो दर भोपाल की सहकारी उपभोक्ता संस्था ने दिया था. उससे 40 प्रतिशत ज्यादा राशि का भुगतान प्राप्त किया और जिला शिक्षा विभाग ने बड़े ही आसानी से वह भुगतान कर दिया.  उन्होंने बताया कि कक्षा नवमी मंे जिले में 21,500 विद्यार्थी थे, जिनके सहकारी उपभोक्ता संस्था द्वारा दी गई निर्धारित दर पर प्रश्न बैंक छापने का कुल खर्च 16,44,750 रूपए होना था लेकिन बिलिंग 23,47,155 रूपए, की गई. जिसमें निर्धारित दर और बिलिंग दर में 07 लाख 02 हजार 405 रूपए का अंतर है. इसी तरह कक्षा दसवी में जिले में 24,500 विद्यार्थी थे, जिनकी प्रश्न बैंक तैयार करने की निर्धारित दर के अनुसार राशि 18,74,250 रूपए थी, लेकिन बिलिंग 30,18,645 रूपए, की गई. जिसमें दर और बिलिंग में 11 लाख 44 हजार 395 रूपए का अंतर है. ऐसा ही कक्षा ग्यारहवी और बारहवीं में भी किया गया. जिससे शासन को लाखों रूपए का नुकसान पहुंचाया गया.  

कांग्रेस नेता महेश सहारे ने कहा कि यह मैं नहीं, बल्कि प्रश्न बैंक प्रिटिंग की सूचना के अधिकार के तहत निकाली गई जानकारी में सामने आया है. जो प्रदर्शित करता है कि प्रश्न बैंक प्रिटिंग में मिलकर लाखो रूपए के घोटालों को अंजाम दिया गया है. जिसकी जांच के लिए कलेक्टर बालाघाट, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ को 20 महिने पहले शिकायत की थी. जिसमें अब तक इस मामले में कोई जांच नहीं की गई. आज वह प्रेसवार्ता के माध्यम से यह बात मीडिया के सामने ला रहे है और इसके बाद भी यदि कोई कार्यवाही नहीं होती है तो मामले को लेकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा और माननीय न्यायालय की शरण भी ली जाएगी.

इनका कहना है

नियमों के तहत मध्यप्रदेश राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ मर्यादित भोपाल से प्रश्न बैंक प्रिटिंग करवाई गई है. जिसमें कोई घोटाला नहीं हुआ है.

अश्विनी उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी


Web Title : RS 40 LAKH QUESTION BANK SCAM IN EDUCATION DEPARTMENT MAHESH SAHARE, DEO AND DPC ACCUSED OF SCAM, CONGRESS LEADER IN PRESS CONFERENCE SAID THAT NO ACTION IS BEING TAKEN EVEN AFTER COMPLAINT