धनबाद हाईटेंशन हादसा: ना जूते...न दस्ताने; किसके भरोसे थी मजदूरों की जान; जिंदा जल गए 6 लोग

हावड़ा-नई दिल्ली रेलखंड पर सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने की तैयारी चल रही है. ट्रेन की गति 130 किमी प्रतिघंटे से 160 किमी प्रतिघंटे करने के लिए पटरी बदली जा रही है. साथ ही ओवरहेड तार को ठोस बनाने का काम चल रहा है. यह काम रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को सौंपा गया है. आरवीएनएल एजेंसी के माध्यम से मास्ट लगा रहा है. एजेंसी नियम को ताख पर रखकर पोल गाड़ रही है. पिछले 3 महीनों से धनबाद और गोमो में पोल गाड़े जा रहे हैं. मौजूदा ओवरहेड मास्ट के आसपास नए सिरे से ओएचई मास्ट गाड़े जा रहे हैं. बाद में इसी मास्ट पर हाईटेंशन तार लगाए जाएंगे. भारी-भरकम मास्ट को खड़ा करने में 8-10 मजदूरों को लगाया जा रहा है. बिना पावर ब्लॉक लिए चालू लाइन के बगल में पोल गाड़े जा रहे हैं.

सोमवार को झारखोर गांव के पास एक पेड़ में रस्सी बांध कर उसी रस्सी के सहारे पोल को खड़ा किया जा रहा था. बताया जा रहा है कि पेड़ की रस्सी ढीली हुई और पोल झुक कर ओवरहेड तार पर गिर गया. विशेषज्ञ का मानना है कि पावर ब्लॉक लेकर इतने भारी मास्ट को उठाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल होना चाहिए था. मजदूरों के पैर में गमबूट और हाथ में रबड़ वाले दस्ताने होने चाहिए थे, लेकिन एजेंसी जुगाड़ के भरोसे पोल गाड़ने में जुटी थी.

गोमो में ओएचई मास्ट गाड़ने का काम कर रहे बरवाडीह के मोरवाई के मजदूर महेंद्र सिंह ने बताया कि तीन महीने पहले उनके गांव का बबलू काम के लिए धनबाद लाया था. उनके साथ लातेहार और पलामू के 21 मजूदर थे. सभी भूली के एक मकान में रह रहे थे. घटना की जानकारी पाकर महेंद्र मौके पर पहुंचे. ठेकेदार के सुपरवाइज बबलू को फोन लगाया तो स्वीच ऑफ मिला. महेंद्र ने बताया कि बबलू भी यहीं था. घटना के बाद वह भाग गया.

कांग्रेस ने मृत छह लोगों के परिजनों को नौकरी देने की मांग की है. घटना के लिए ठेकेदार को जिम्मेवार ठहराया है. कांग्रेस अनुशासन समिति के चेयरमैन ब्रजेंद्र सिंह ने कहा कि घटना के शिकार परिजनों को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए. धनबाद के कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा कि ठेकेदार पर मामला दर्ज होना चाहिए. परिजनों को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है. कहा कि बगैर ब्लॉक के काम करना तो और भी गंभीर मामला बनता है. अगर ऐसी बात है तो फिर मामले की व्यापक जांच होनी चाहिए.