एक-एक बूंद पानी को तरस गए सिंदरी बस्ती के लोग

सिंदरी : सिंदरी बस्ती वार्ड नंबर 54 में जल की समस्या भयंकर बनी हुई है. आसमानी  गर्मी लोग के बीच कहर बरपा रही है. आसमानी गर्मी के असर के कारण कई स्थानों पर जल की समस्या उत्पन्न हो रही है. इसी कड़ी में सिंदरी बस्ती सिंदरी के लोगो को जल  व्यवस्था नहीं मिल पा रही है. जल की समस्या का संदेश जिले के सभी तमाम अधिकारियों,सांसद,विधायक एवं पार्षद को जानकारी है.  

यह सिंदरी बस्ती के लिए विडंबना है,सिंदरी  बस्ती दामोदर नदी के किनारे बसे होने के कारण आजादी के समय से ही जल विहीन है. मालूम हो कि सिंदरी शहर में जलापूर्ति व्यवस्था सिंदरी बस्ती के जमीन से ही होकर गुजरा है लेकिन यहां के ही लोग को पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. यहां के लोगो को पानी के लिए एक किलोमीटर दूर दामोदर नदी के तट पर  जाना पड़ता हैं या फिर चापाकल के गंदे पानी से जीवन यापन करने को विबश है या सड़क के किनारे फटे पानी के पाइप से गंदे पानी को भरते हैं.  

मजबूरन गंदे पानी से खाना बनाते हैं जिसे देख कर बहुत ही गंदा महसूस होता एवं बीमारी की समस्या का संभावना अधिक होती है. ग्रामीण  खुले तौर पर कहते कि प्रतिनिधि चुनाव के समय हाथ जोड़कर वोट मांगते हैं. जीतने के बाद वो दिखाई तक नहीं देते हैं. ग्रामीणों ने अपनी जमीन सिंदरी खाद कारखाना बनाने में दी लेकिन यहां के ग्रामीणों को आज तक पानी नहीं मिला. सिंदरी बस्ती मासस,भाजपा गढ़ है. भाजपा केंद्र,राज्य में शाषित हैं अब सवाल यह उठता है कि यहां की जल की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई आखिर ऐसा क्यों ?  

ग्रामीणों ने कहा कि सांसद,विधायक और पार्षद जल की समस्या पर ध्यान तक नहीं दे रहे हैं.                      

दूसरी ओर सिंदरी वार्ड नंबर 53 बीआईटी मेन गेट नुतनडीह बस्ती गर्मी के समय से पहले ही चापाकल खराब है. वहां के महिलाओं आसपास जोड़ियां में जाकर अपना कार्य कर रही है. सिंदरी अंचल कार्यपालक पदाधिकारि मीना मिजं गहरी निंद्रा में विराजमान हैं. कुछ चापाकल को तो तोड़ दिया गया है अपने निजी लाभ के लिए, माडा के पानी का सप्लाई समय पर नहीं होता है.        

वार्ड नंबर 55 पटेल नगर बस्ती में कई दिनों से चापाकल खराब है. इसकी सुद लेने वाला कोई नही है. बस्ती के लोग नजदीक के तालाब में जाकर गंदे पानी को वो सभी नहाने धोने एवं अन्य कार्य मे उपयोग में लाते हैं.