राष्ट्रीयकरण दिवस पर एलआईसी में आईपीओ का किया विरोध

धनबाद: अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के आह्वान पर पूरे देश में एलआईसी राष्ट्रीयकरण दिवस मनाया गया. इस अवसर पर एलआईसी में आईपीओ का विरोध करते हुए धनबाद शाखा 1, 2, 3 और 4 वेतन बचत योजना एवं गोविंदपुर शाखा के कर्मचारियों ने रणधीर वर्मा चौक पर मानव शृंखला बनाई. साथ ही मोमबत्ती जलाकर सरकार की नीति का विरोध किया. इसका नेतृत्व बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल के अध्यक्ष हेमंत मिश्रा कर रहे थे.

वक्ताओं ने कहा कि आज ही के दिन 1956 में एलआईसी के राष्ट्रीयकरण का प्रथम चरण शुरू हुआ था. इसके बाद 1 सिंतबर 1956 को एलआईसी ऑफ इंडिया अपने वजूद में आ गया था. एलआईसी की स्थापना लोगों का पैसा लोगों के कल्याणार्थ और सभी नागरिकों के लिए जीवन बीमा की सुरक्षा जैसे मौलिक उद्देश्यों के साथ की गई थी. पांच करोड़ की कार्य पूंजी के साथ स्थापित एलआईसी ने 68 साल की सफल यात्रा में 42 लाख 30 हजार 616 करोड़ रुपए की परिसंपत्ति का निर्माण किया है. यह भारत सरकार को अब तक लगभग 30 हजार करोड़ रुपए लाभांश के रूप में दे चुकी है. दूसरी से लेकर 13वीं पंचवर्षीय योजना में 55 लाख 76 हजार 113 करोड़ रुपए का योगदान दिया है. रेलवे, सिंचाई, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जैसी योजनों में केंद्र और राज्य सरकारों को 28 लाख 85 हजार 569 करोड़ रुपए दिया है. बीमा क्षेत्र के निजी एवं विदेशी कंपनियों के लिए खुलने के दो दशकों के बाद भी बीमा बाजार में एलअईसी की हिस्सेदारी लगभग 72 प्रतिशत है. बावजूद सरकार की गलत नीतियों के कारण यह चुनौतीपूर्ण काल से गुजर रही है. सरकार इसे ध्वस्त करने पर आमादा है. एलआईसी में आईपीओ के माध्यम से सरकार कारपोरेट और पूंजीपतियों के हितों को साधने की कोशिश कर रही है. यह दुखद और शर्मनाक है.