लॉक डाउन दुकान गयी बच्ची को पुलिस ने पीटा, सदमे से बच्ची ने लगा ली फांसी

धनबाद : 12 वर्षीय मासूम बच्ची को पुलिस ने घर के बाहर लॉक डाउन का उल्लंघन करते देखा तो लाठी चटका दिया. पुलिस को शायद, उस वक्त नहीं पता था कि यह लाठी मासूम के दिलो-दिमाग पर असर कर जाएगा और वह अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेगी.  

यह मामला है धनसर थाना क्षेत्र के घूरणी जोड़ियां चेक पोस्ट की. जहां 2 दिन पहले धनसार थाना की गश्ती पुलिस ने एक मासूम 12 वर्षीय बच्ची को जींस शर्ट में देखकर लड़का समझ बैठी और घर से बाहर निकलने पर उसके ऊपर लाठियां चटका दी. जबकि बच्ची ने पुलिस को बताया  कि वह घर के पास राशन दुकान से राशन लेने आई है. जिसके बाद पुलिस को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह चुपचाप वहां से चलती बनी.  

लेकिन नगर निगम में सफाई कर्मी के तौर पर काम कर रहे हैं कोरोना योद्धा रुपी उसके पिता ने बताया कि उक्त घटना के बाद से उनकी बच्ची काफी सदमे में रहने लगी. पिछले 48 घंटों के दौरान उसने दो से तीन बार जान देने की कोशिश की.  

परिजन उसे बार-बार समझाते रहे और ऐसा न करने की नसीहत भी देते रहे. लेकिन शायद मासूम के दिमाग में पुलिस की लाठी अपना डेरा बसा लिया था और अपनी डिप्रेशन को उक्त मासूम बच्ची ने अपने से अलग नहीं होने दिया. जिसका परिणाम यह हुआ कि सोमवार की देर रात अपने कमरे में दुपट्टा लपेट कर छत के हुक से लटक गई और अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.  

परिजनों ने बच्ची को फांसी से झूलते देखा तो घर में कोहराम मच गया. बाद में पुलिस को सूचना दी गई. ऐसे में सवाल यह है कि इस मौत को हत्या माना जाए या आत्महत्या? साथ ही  मासूमों के ऊपर लाठी का कहर रोका जाए, ताकि उनके अबोध दिमाग पर सदमा ना लगे.