धनबाद नगर निगम के चुनाव में छाए रहेंगे पुराने मुद्दे

धनबाद:   नगर निगम का चुनाव दिसंबर में होने की संभावना जताई जा रही है. नगर निगम में मेयर से लेकर पार्षद तक के संभावित दावेदारों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. सात साल बाद एक बार फिर से नगर निगम का चुनाव हो रहा है. चुनाव भले ही नया हो रहा हो, लेकिन मुद्दे वही सात साल पुराने हैं. नगर निगम के चुनाव में आज भी पानी, सड़क और सफाई सबसे अहम मुद्दा बनकर सामने आएगा. धनबाद नगर निगम ने बीते पांच वर्षों में कई क्षेत्रों में बेहतर काम किया, लेकिन जिस रफ्तार से आबादी बढ़ी, उस रफ्तार से नागरिक सुविधाएं नहीं बढ़ीं. नतीजा हुआ कि आज भी आबादी का एक बड़ा हिस्सा मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. नगर निगम चुनाव में उतरने वाले सभी उम्मीदवार अपने चुनावी एजेंडे में इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता की अदालत में जाएंगे.

शहरी जलापूर्ति : धनबाद नगर निगम क्षेत्र में एक हजार करोड़ रुपए की जलापूर्ति योजनाएं चल रही हैं, लेकिन योजना की रफ्तार इतनी धीमी है कि अबतक यह पूरी नहीं हो पाई. दो साल से नगर निगम बोर्ड भंग रहने की वजह से नगर निगम के जनप्रतिनिधि इसपर दबाव नहीं बना पा रहे हैं. नगर निगम चुनाव में हर घर पानी पहुंचाने का वादा लेकर उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे.

फ्लाईओवर की मांग अबतक अधूरी : शहर में फ्लाईओवर की मांग वर्षों से की जा रही है. श्रमिक चौक से बैंकमोड़ तक जाम की समस्या लगभग तीन दशक पुरानी है, लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला. मटकुरिया फ्लाईओवर को दो-दो सरकारों ने मंजूरी तो दे दी, लेकिन अबतक यह टेंडर प्रक्रिया में है. नगर निगम के चुनाव में ट्रैफिक जाम भी बड़ा मुद्दा रहेगा.

मुहल्ले के अंदर सड़कों की हालत खराब : नगर निगम ने 14वें वित्त आयोग की राशि से लगभग 100 करोड़ की सड़कें बनवाई हैं, लेकिन आज भी कई ऐसे मुहल्ले हैं, जहां सड़कें नहीं पहुंच पाईं. वासेपुर, पांडरपाला, सरायढेला, झरिया समेत अन्य क्षेत्रों के कई मुहल्ले में सड़कें नहीं है. यह मुद्दा भी चुनाव में उठेगा.

सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट : 72 करोड़ रुपए की लागत से शहर में सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट बनाने की योजना है. बीते एक दशक से यह योजना जमीन के अभाव में अटकी पड़ी है. इसकी वजह से हर साल धनबाद नगर निगम स्वच्छता रैंकिंग खराब होती है. झरिया में पूरे शहर का कचरा डंप किया जा रहा है. यह भी नगर निगम चुनाव का मुद्दा होगा.