पीएमसीएच में हाई रिस्क पर हो रही कोरोना के संदिग्धों की जांच

धनबादः धनबाद जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है-पीएमसीएच. जिले भर में पाए जाने वाले कोरोना के संदिग्धों की इसी अस्पताल में जांच होती है. लेकिन, यहां जो जांच की व्यवस्था है, उसकी सचाई डराने वाली है. इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. यदि इसमें सुधार कर लिया जाएगा, तो काफी बड़े खतरे से बचा जा सकता है.  

क्या है मामलाः 

ऐसे व्यक्ति, जिन्हें कोरोना का संदिग्ध माना जाता है, उन्हें पीएमसीएच लाया जाता है. यहां जांच कर यह पता लगाया जाता है कि उन्हें कोरोना वायरस ने जकड़ा है या नहीं. उनकी रिपोर्ट यदि निगेटिव आती है, तो न केवल संदिग्ध, न केवल डाॅक्टर, न केवल अस्पताल प्रबंधन, बल्कि पूरे धनबाद को सांस में सांस आती है. लेकिन, दुखद और भयमिश्रित पहलू यह है कि सारे संदिग्धों की जांच एक ही कमरे में की जाती है. यहां गौर करने वाली बात है कि सारे संदिग्धों की जांच एक कमरे में करने से खतरा बढ़ रहा है. कारण, यदि एक भी संदिग्ध का कोरोना टेस्ट पाॅजिटिव निकल जाएगा यानी किसी को कोरोना का संक्रमण हुआ होगा, तो उससे सारे संदिग्धों के संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है. यह एक खतरनाक स्थिति होगी.  

क्या होना चाहिएः 

जानकार बताते हैं कि जांच के लिए अलग-अलग व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि किसी कोरोना पाॅजिटिव मरीज के कारण कोई कोरोना निगेटिव संदिग्ध व्यक्ति संक्रमित न हो जाए.  

खुले क्षेत्र में भी एक-तीन मीटर की दूरी बनाकर संदिग्धों की जांच की जा सकती हैः   

एक वरिष्ठ चिकित्सक कहते हैं कि यदि पीएमसीएच में हर संदिग्ध की जांच के लिए अलग-अलग कमरे या सेक्शन तैयार नहीं किए जा सकते हों, तो खुले में भी संदिग्धों की जांच की जा सकती है. यदि किसी कोरोना पाॅजिटिव मरीज से एक-तीन मीटर की दूरी बनाकर कोई संदिग्ध खुले क्षेत्र में अपनी जांच करवाएगा, तो खतरा बहुत कम हो जाएगा.