भूमिगत आग और ज्यादा ओबी से बीसीसीएल में उत्पादन लागत सबसे अधिक

धनबाद:  बीसीसीएल में कोयले का उत्पादन लागत कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. इस वजह से बीसीसीएल को अन्य कंपनियों के मुकाबले प्रतिटन मुनाफा कम होता है. बीसीसीएल की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार औसतन 2800 रुपए प्रतिटन उत्पादन लागत है. इस कारण औसतन प्रतिटन कोयले पर मुनाफा भी कम होता है. भूमिगत आग, ज्यादा ओवरबर्डेन, वेतन मद में ज्यादा भुगतान सहित कई कारण हैं, जिनसे उत्पादन लागत ज्यादा है.

बीते वित्तीय वर्ष में भी कंपनी उत्पादन लागत को कम करने में सफल नहीं हो सकी है. हर साल ढाई हजार के करीब कोयलाकर्मी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इसके बावजूद उत्पादन लागत में कमी नहीं हो रही है. बीसीसीएल में भूमिगत आग के कारण कोयला उत्पादन में अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है. कई फायर प्रोजेक्ट चलते हैं. फायर प्रोजेक्ट से कोयला उत्पादन महंगा पड़ता है.

बीसीसीएल में कोयला उत्पादन के लिए कोलियरियों में ओवरबर्डेन ज्यादा हटाना पड़ता है. कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों में बीसीसीएल और डब्ल्यूसीएल दो कंपनियां ऐसी हैं, जहां ज्यादा ओवरबर्डेन हटाना पड़ता है. इस कारण बीसीसीएल में स्ट्रिपिंग रेशियो सबसे ज्यादा है. स्ट्रिपिंग रेशियो कोयला के मुकाबले ओबी हटाने के अनुपात को कहा जाता है.

वेतन मद में भी बीसीसीएल अन्य कंपनियों के मुकाबले ज्यादा खर्च करती है. उत्पादन लागत में 60 प्रतिशत वेतन मद की राशि है. कई कंपनियां ऐसी हैं, जहां वेतन मद में 40 प्रतिशत खर्च किया जाता है. बीसीसीएल के खनन क्षेत्र में कोयले का अवैध खनन, रंगदारी और लॉ एंड ऑर्डर की समस्या भी उत्पादन लागत बढ़ने की वजह है. आए दिन अवैध खनन में हादसे, आउटसोर्सिंग परियोजनाओं में कोयला उत्पादन में व्यवधान, आंदोलन आदि के कारण असर पड़ता है. डैमरेज और अंडर-लोडिंग के खर्च के कारण भी बीसीसीएल में मुनाफा पर असर पड़ता है. हालांकि कंपनी प्रबंधन ने दावा कि है कि 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में डेमरेज और अंडरलोडिंग खर्च को घटाकर 50% तक लाया गया है.

स्क्रैप बेच कर 16. 26 करोड़ रुपए की कमाई

धनबाद. बीसीसीएल ने वित्त वर्ष 2022-23 में स्क्रैप बेच 16. 26 करोड़ रुपए की कमाई हुई. 2021-22 में र्स्केप से 12. 37 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी. बीसीसीएल प्रबंधन की ओर से बताया गया कि स्क्रैप की कमाई में 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में 31% की वृद्धि हुई है.