पुनर्वास से झरिया-बाघमारा विधानसभा की बदलेगा सियासी गणित

धनबाद:  बीसीसीएल के आग प्रभावित क्षेत्रों से लोगों के पुनर्वास को लेकर एक बार फिर कवायद तेज हो गई है. सबकुछ ठीक रहा तो फरवरी में संशोधित झरिया मास्‍टर प्‍लान को कैबिनेट से हरी झंडी मिल जाएगी. आग प्रभावित क्षेत्रों से पुनर्वास का कोयलांचल में सियासी प्रभाव भी महसूस किया जा रहा है. झरिया एवं बाघमारा विधानसभा की डेमोग्राफी बदलेगी. वहीं सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में भी बेलगड़िया के रूप में विस्‍थापितों का बड़ा वोट बैंक तैयार हो रहा है.

पुनर्वास के सियासी प्रभाव की स्‍थिति यह है कि विस्‍थापितों के शिफ्ट होने से मतदाता भी शिफ्ट होंगे. यूं तो धनबाद जिले में छह विधानसभा क्षेत्र हैं. टुंडी को छोड़ पांच विधानसभा क्षेत्रों में कोयला है. वैसे भूमिगत आग से विस्‍थापन की बात करें तो झरिया और बाघमारा सबसे प्रभावित होंगे. झरिया विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्‍यादा लोग प्रभावित हैं. इसके बाद दूसरे नबंर पर बाघमारा है. वहीं इन दो विधानसभा क्षेत्रों से अब तक सबसे ज्‍यादा विस्‍थापित बेलगड़िया में शिफ्ट किए गए हैं. निर्माणाधीन आवासों के तैयार हो जाने तथा विस्‍थापितों को बसा दिए जाने के बाद बेलगड़िया में 20 हजार से अधिक परिवार बस जाएंगे. अब अंदाजा लगा सकते हैं कि बलेगड़िया या सिंदरी विधानसभा क्षेत्र का कितना बड़ा पॉकेट होगा. अभी ही बेलगड़िया राजनीतिक दलों के लिए सियासी आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है.

अब तक के संशोधित प्‍लान के अनुसार एक लाख चार हजार 946 परिवार विस्‍थापित होंगे. बेलगड़िया को छोड़ अन्‍य जगह नए आवास नहीं बनेंगे. निजी स्‍वामित्‍व वाले (एलटीएच) 32 हजार 64 एवं गैर एलटीएच परिवारों की संख्‍या 72 हजार 882 हैं. नकद मुआवजा के संभावित प्रावधान से विस्‍थापित कहीं भी बसने के लिए स्‍वतंत्र होंगे. वैसे एक लाख परिवारों के इधर-उधर होने से सियासी समीकरण भी बदलेंगे. सबसे खास बात है कि विस्‍थापितों में दो श्रेणी है. एलटीएच श्रेणी में वैसे मतदाता हैं, जो स्‍थानीय है. दूसरी तरफ नन एलटीएच श्रेणी में ज्‍यादातर वे लोग हैं, जो कोयला उद्योग में काम करने बाहर से आए या लाए गए. दोनों श्रेणी की सियासी सोच अलग है. इसलिए सियासी समीकरण में भी बदलाव के आसार हैं.

70 अति संवेदनशील आग प्रभावित क्षेत्र का ब्योरा तैयार करने का आदेश

रांची बैठक में प्राथमिकता के आधार पर जिन 70 साइट से पहले पुनर्वास की योजना बनी है, उन क्षेत्रों का मुकम्‍मल ब्‍योरा तैयार होना शुरू हो गया है.   बीसीसीएल मुख्‍यालय में सीएमडी ने संबंधित अधिकारियों को इसपर काम शुरू करने का निर्देश दिया है. 27 को कैबिनेट सचिव की मौजूदगी में दिल्‍ली में होने वाली बैठक के पहले ब्‍योरा तैयार कर लिया जाएगा. प्राथमिकता के आधार पर जिन 70 क्षेत्रों की पहचान की गई है, उनमें 1900 एलटीएच (रैयत) परिवार हैं. नन एलटीएच (गैर रैयत) परिवारों की संख्या 9700 है. इन 70 क्षेत्रों में 560 बीसीसीएल कर्मियों के परिवार हैं. बैठक में सबसे पहले बीसीसीएल के 560 कर्मियों को शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया. 15 दिन के अंदर इन बीसीसीएल कर्मियों को क्‍वार्टर आवंटित कर दिया जाएगा.