नयाडंगा कालीमंदिर व थापरनगर के बीच सड़क धसने से आवागमन प्रभावित

रिपोर्ट- बी के सिंह

निरसा-:-   निरसा थाना क्षेत्र के नयाडंगा औऱ थापरनगर स्टेशन के बीच सात फिट के दायरे में सड़क के बीचो बीच दरारें पर गई जिससे आवागमन काफी प्रभावित हो गया. घटना से कई गांव के लोग प्रभावित हो गये हैं . यह घटना बुधवार की सुबह घटी है. प्राप्त समाचार के अनुसार नयाडांगा काली मंदिर से थापरनगर रेलवे स्टेशन जाने वाले सड़क के बीच आसपास 7 फीट के दायरे में जमीन में बड़ी-बड़ी दरारें पर जाने तथा सड़क एवं उसके आसपास की जमीन 1 फीट नीचे धंस जाने के कारण ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध कोयला खनन के कारण नीचे की जमीन धंस गई है जिसके कारण सड़क कभी भी जमीन दोज हो सकता है. मालूम रहे कि इसके दुर्गा पूजा के समय भी उसी स्थान पर आधी सड़क लेते हुए जमीन  घास गए थे तथा वहां पर लगभग 20 फीट के दायरे में गोप 1 गया था  बाद में ग्रामीणों द्वारा हो हंगामा करने पर ईसीएल प्रबंधन द्वारा उसकी भराई कराई गई थी. ग्रामीणों का आरोप है कि यदि समय रहते अवैध कोयला खनन पर रोक नहीं लगा तो सड़क के साथ-साथ श्यामपुर बस्ती को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है. स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क के दोनों किनारे झाड़ी एवं पेड़ की डाली रखकर लोगों को उस ओर जाने से रोक रहे हैं. गुरुवार की सुबह लगभग 8:00 बजे अचानक सड़क पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने लगी तथा वह नीचे जाने लगा सड़क के दोनों और लगभग 20 फीट के दायरे में जमीनें भी में भी दरारे रे उत्पन्न हुए तथा वहां की जमीन सतह से नीचे चली गई. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उस रास्ते से निरसा, राजा कोलियरी, खुदिया फाटक इत्यादि के लोग थापरनगर रेलवे स्टेशन आकर ट्रेन पकड़ते हैं. वही निरसा दक्षिणी क्षेत्र के श्यामपुर, पहाड़ी बस्ती, बांदरचुया,भुइयांडीह इत्यादि दर्जनों गांव के लोग निरसा आने के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल करते हैं. सड़क पर बड़ी-बड़ी दरारें एवं सड़क 1 फीट नीचे धंस जाने के कारण लोगों को इस रास्ते से आने जाने ने काफी परेशानी हो रही है लोग रास्ता बदलकर आ जा रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि कोयला चोरों द्वारा खुदिया नदी के किनारे सुरंग बनाकर अवैध खनन का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है जिसके कारण नीचे की जमीन खोखली हो चुकी है. कोयला चोर कोयला काटने के चक्कर में जमीन के नीचे सपोर्टिंग दीवाल नहीं छोड़ते जिसके कारण दबाव पड़ने पर जमीन नीचे खिसक जाती है बरसात के दिनों में जमीन जमीनदोज हो जाती हैं. कोयला चोरी रोकने के लिए ईसीएल प्रबंधन द्वारा सार्थक प्रयास नहीं करती. अवैध उत्खनन स्थलों की भराई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. जिसके कारण भराई के दूसरे दिन ही कोयला चोर पुनः उसी मुहाने को खोलकर कोयले की चोरी करने लगते हैं.

कुआंनुमा एवं सुरंगनुमा  खदान बनाकर  कोयले का उत्खनन-किया जाता है.