सांसद पुत्र से कांग्रेस अध्यक्ष रवींद्र वर्मा के पुत्र ने की सीनाजोरी, गिरफ्तारी के बाद छूटे

धनबाद: कभी-कभी धौंसपट्टी दिखाना कितना भारी पड़ता है, ये कोई धनबाद जिला कांग्रेस के कार्यकारी  अध्यक्ष रविंद्र वर्मा के पुत्र नवीन वर्मा से पूछे. लगभग एक दशक लाल बत्ती लगी गाड़ी प्रकरण में भी नवीन चर्चित रहे हैं. इस मामले में तत्कालीन डीसी ने केस दर्ज कराया था. ताज़ा घटनाक्रम में धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह के पुत्र से उलझना, पीए की बर्थ पर कब्जा जमाने और खुद को अखिल भारतीय सेवा का अधिकारी बताना नवीन को खासा भारी पड़ा. नतीज़तन फ़ज़ीहत भी हुई और गिरफ़्तारी भी.

क्या है मामला 

नई दिल्ली-हावड़ा-राजधानी एक्सप्रेस में शनिवार रात धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह के पीए मिथलेश गोप एवं पुत्र प्रवीर प्रियदर्शी के साथ धनबाद कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र वर्मा के पुत्र नवीन वर्मा सीट को लेकर उलझ गए. देर तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला. अंतत:, सांसद के लेटरपैड पर पीए ने रेल पुलिस से लिखित शिकायत की. इसके बाद कानपुर में नवीन वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. केस दर्ज कर निजी मुचलके पर वर्मा को छोड़ दिया गया है.

सांसद अपने पुत्र और पीए के साथ दिल्ली से धनबाद आ रहे थे. नवीन वर्मा भी धनबाद ही आ रहे थे. सांसद के पीए मिथलेश गोप ने बताया कि ए-वन कोच के सेकंड एसी में मेरा (पीए) सीट 49 थी, वहीं नवीन वर्मा की सीट 50 थी. जब उन्हें अपनी सीट पर जाने को कहा तो गाली-गलौज पर उतर आए. स्वयं को आइआरएस अफसर बताते हुए भला-बुरा कहा. सांसद के पुत्र प्रवीर प्रियदर्शी जब समझाने आए तो उन्हें भी भला-बुरा कहने लगा. पीए ने कहा कि ठीक से बात कीजिए, ये सासंद के पुत्र हैं. इतना कहने पर और भड़क गया. बोला कौन सांसद और कहां का सासंद. वर्मा नशे में था. ट्रेन में सफर करते नवीन वर्मा का एक वीडियो भी वायरल हुआ है. स्थिति इतनी खराब हो गई कि आरपीएफ से सांसद के लेटरपैड पर पीए ने शिकायत की. आरपीएफ इंस्पेक्टर ने इसके बाद कानपुर स्टेशन से नवीन वर्मा को गिरफ्तार कर लिया.  

रेल यात्रा का सबसे खराब अनुभव रहा: सांसद पीएन सिंह

घटना के संबंध में सासंद पीएन सिंह ने कहा कि अब तक के जीवन में ट्रेन सफर में इस तरह का पहला खराब अनुभव रहा. इतनी बदतमीजी की गई कि अगल-बगल के यात्री परेशान हो गये. बदतमीजी करने वाला युवक धनबाद का ही है, यह पता ही नहीं चला. वह नशे में भी था.  

विवादित रहा है नवीन 

वर्ष 2016 में चेक बाउंस (एनआई एक्ट) के आरोप में न्यायालय में केस दर्ज किया गया था. कोर्ट से लगातार गैर हाजिर रहने के कारण न्यायालय ने पहले इश्तेहार और फिर कुर्की का आदेश जारी किया.

हजारीबाग के विनोद कुमार सिंह ने बताया था कि नवीन कुमार वर्मा ने साढ़े तीन लाख रुपए लिए थे. बदले में जो चेक दिया गया था वह बाउंस हो गया. इस मामले में नवीन के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट भी जारी हुआ था. जब उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी तो कुर्की वारंट निर्गत किया गया. नवीन के खिलाफ धनबाद न्यायालय में भी शिक्षण संस्थान के संचालक संदीप पोद्दार ने कर्ज लेकर नहीं लौटाने की शिकायतवाद दर्ज कराई थी. दोनों मामलों में कई बार समझौते का भी प्रयास हुआ.

लाल बत्ती का बेजा प्रयोग प्रकरण में चर्चा में आया था परिवार

नवीन वर्मा का परिवार 2012 में एकाएक चर्चा में आया था. जब उसके पिता लाल बत्ती वाली गाड़ी में घूम रहे थे. रवींद्र वर्मा अपने आप को गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति का सदस्य बता कर लाल बत्ती वाली गाड़ी में चलने लगे थे. उसी दौरान धनबाद के उद्योगपति शिवरतन डोकानिया को भी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य बता कर लाल बत्ती की सौगात दे दी गई थी. तत्कालीन डीसी की जांच में दोनों की सदस्यता फर्जी पाई गई थी. इस मामले में मुकदमा भी दर्ज किया गया था.