जिस माँ को पांच बेटों ने ठुकराया उसे लालमणि वृद्धा सेवा आश्रम ने अपनाया

धनबाद: यह कहानी उस महिला की है. जिसने अपने पति के मरने के बाद मेहनत मजदूरी कर अपने पांच बेटो को पाला और  उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए मेहनत मजदूरी की, दूसरों के घर जाकर बर्तन साफ किये, लेकिन जब ये पांचों बेटे बड़े हो गये तो उस महिला को मारपीट कर घर से यह कहकर निकाल दिया कि तुमने हमारे लिए किया क्या है.  

जिसके बाद वृद्धा आखो में आंसू लिये वहा से चली गयी और इधर उधर भीख माँगकर अपना गुजारा करने लगी. लेकिन इसकी ख़बर जब लालमणि वृद्धा सेवा आश्रम के अध्यक्ष मो नौशाद गद्दी को लगी तो वह कतरास, छाताबाद 5 नंबर गए और उस 70 वर्षीय वृद्ध महिला सावित्री देवी को अपने साथ आश्रम ले आये.

मो. नौशाद गद्दी ने कहा कि हमारा आश्रम हमेशा बेबस और बेसाहारा  वृद्धाओं की सेवा करती है. लेकिन हम हाथ जोड़कर आप सभी से प्राथाना करते है कि कृपया अपने माँ बाप को धोखा ना दे. माँ बाप मेहनत कर अपने बेटे को पढ़ाते लिखाते है.   हर एक छोटी सी छोटी ख्वाईश को पूरा करते है. अपने को भूखा रहकर अपने बेटे की जरूरत को पूरा करते है. और वही बेटे बड़े होकर अपने माँ बाप को घर सें यह कहकर निकाल देते है की आपने मेरे लिए किया क्या है. इसलिय  हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि अपने माँ बाप को घर से ना निकाले.

वही वृद्धा सावित्री देवी ने कहा कि मैं आश्रम आ कर बहुत खुश हूं. इस अवसर पर सुरेंद्र यादव, विजय सिन्हा, सुबल सिंह, शांति आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे.