वर्तमान सरकार की नीति है मुनाफे का निजीकरण और घाटे का राष्ट्रीयकरण - दीपांकर भट्टाचार्य

जब जब वामपंथ कमजोर हुआ है किसानों,गरीबों,मजदूरों पर हमले तेज हुए हैं- दीपांकर भट्टाचार्य


रिपोर्ट /बंटी झा

मैथन:-  भाकपा माले की झारखंड राज्य कमेटी की बैठक 19-20 जून को सामुदायिक केंद्र मैथन में सम्पन्न हुई. बैठक में मुख्य रूप से पार्टी के महासचिव काॅमरेड दीपंकर भट्टाचार्य उपस्थित थे. संचालन राज्य कमेटी के सचिव काॅमरेड जनार्दन प्रसाद ने किया.

इस अवसर पर मीडिया को सम्बोधित करते हुए श्री भट्टाचार्य ने केन्द्र तथा राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि लोक सभा चुनाव के बाद मोदी सरकार दोबारा सत्ता में आई और आने के तुरंत बाद नीति आयोग ने लगभग 50 पब्लिक इकाई सेक्टर को बंद करा दिया जायेगा या निजी हाँथो को बेच दिया जायेगा. रेलवे का सर्कुलर निकला कि अगले 100 दिनों में जो कार्य योजना है उसके अंदर एक तरफ भाड़ा बढ़ेगा और दूसरी ओर राजधानी शताब्दी जैसी ट्रेनें जहाँ से रेलवे मुनाफा कमाते हैं इन रूटों को निजी हांथों में दे दिया जायेगा. यह सरकार की गलत दिशा का परिचय है. मुनाफे का निजीकरण और घाटे का राष्ट्रीयकरण यह अर्थव्यस्था, कर्मचारी, मजदूरों और देश के लिये बहुत नुकसान देह साबित होगा. सरकार की रुचि भूमिअदीग्रहन, निजी सेक्टर को बढ़ावा देने में है. विकास रोजगार और उत्पादन सरकार के रुचि की सूची से बाहर हैं. झारखंड की पूरी विकास नीति गलत है और इसे बदलने की जरूरत है. लोकसभा चुनाव तो पुलवामा और वालाकोट के नाम पर निकल गया लेकिन विधानसभा चुनाव का परिणाम लोकसभा चुनावों के परिणामों के विपरीत होगा.  

वान नेशन और वान इलेक्शन का मतलब देश के लोकतंत्र पर हमला होगा. हमारी लड़ाई इन मुद्दों के अलावा अन्य मुद्दों पर भी है. झारखंड में लगातार भूख से और बिहार में चमकी बुखार से मौतें ही रहीं हैं जिसमें दोनों राज्य की सरकारों के साथ साथ केंद्र सरकार भी अगम्भीर नजर आ रही है. 6 जुलाई को रामगढ़ में राज्य स्तरीय कन्वेंशन होगा और 30 जुलाई को कोलकाता में *एकजुट रहो और मुकाबला करो* नामक केंद्रीय कन्वेंशन होगा. सरकार की विकास की नीति में विकास कम और विस्थापन ज्यादा है. झारखंड की विकास नीति में रोजगार पैदा किये जाये ताकि पलायन घटे लोगों का विस्थापन न हो. सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है वह कहती है सबका साथ सबका विकास जबकि वक केवल अम्बानी और अदानी के विकास में लगी हुई है.  

पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति पर कहा कि बंगाल में भाजपा को अच्छा परिणाम मिला और भाजपा ने इसे लाइसेंस समझ लिया. भाजपा बंगाल में सत्ता कब्जे करने की जल्दबाजी में लग गई है. लोकतंत्र में किसी भी पार्टी का बड़ी ताकत में आना लोकतंत्र में असंतुलन पैदा करता है. वामपंथियों के कमज़ोर होना देश के किसान, मजदूर, गरीबों के लिये अच्छी बात नहीं है. *जब जब वामपंथ कमजोर हुआ है किसानों, गरीबों,मजदूरों ओर हमले तेज हुए हैं* इस लोकतंत्र में संविधान और लोकतंत्र पर किसी तरह का हमला न हो इसके लिये मिल जुलकर मुकाबला करना होगा.    

बैठक में पूर्व विधायक बिनोद सिंह, मनोज भक्त,शुभेन्दु सेन,मोहन दत्ता,सुषमा मेहता,गीता मंडल,सबिता सिंह,पुनम महतो,सुखदेव प्रसाद,भुवनेश्वर केवट,नागेन्द्र कुमार,कृष्णा सिंह,नकुलदेव सिंह,पुरन महतो,जेवियर कुजूर,राजेश यादव,देवदीप सिंह दिवाकर,आर एन सिंह,रविन्द्र राम,सीताराम सिंह,अनिल अनशुमन आदि सदस्य उपस्थित थे. बैठक को सम्पन्न कराने में उपेन्द्र सिंह,मनोरंजन मल्लिक,हरेन्द्र सिंह असीम घोष, रविन्द्र वर्णवाल,रंजीत मोदी,जितेन्द्र शर्मा,जितेन पाण्डेय,मनोज मोदी आदि अहम्  भूमिका निभाई.