बाघमारा के विभिन्न गांव- इलाको में हजारो लोग बिन पानी के ही ईद मनाएंगे

कतरास ( जीतेन्द्र कुमार ) : जमुनिया का पानी बीते 12 दिनों से जलापूर्ति नही होने से बाघमारा के बिभिन इलाकों में हजारो लोगो को ईद में परेशानी का सामना करना पड़ेगा. जलापूर्ति को लेकर विभाग की ओर से पहल नही होना दुर्भाग्य पूर्ण है. सूत्रों की माने तो 15 दिनों का ही पानी बचा है जमुनिया डैम में सोमबार को वट सावित्री की पूजा समाप्त हो गई रमजान का पावन महीना चल रहा है और आज (बुधबार )को ईद है लेकिन इन 15 दिनों के दरमियान बाघमारा के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं और विभाग कान में तेल डालकर सोया है, जिला प्रशासन एवं विभाग को सचेत किया था कि जमुनिया में मात्र 15 दिन का ही पानी बचा हुआ है. उसके बावजूद भी जिला प्रशासन या कोई जनप्रतिनिधि या विभाग के द्वारा पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई. अबे ऐसे में बाघमारा के लोग बिना पानी का ही ईद के त्यौहार को मनाने के लिए विवश है.

जमुनिया जलापूर्ति योजना के तहत ही कतरास के लोगों को पानी मिलता. लेकिन जमुरिया डैम पूरी तरह सूख जाने के बाद पिछले 15 दिनों से कतरास के लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. हालांकि बाघमारा विधायक के प्रयास से कुछ क्षेत्रों में टैंकर भेज कर लोगो को जलापूर्ति कराई जा रही है. जो कि नाकाफी है. अगर जिला प्रशासन और विभाग 15 दिन 20 दिन पहले ही सचेत हो जाता है तो लोगों को यह हालत देखने के लिए नहीं मिलती. और लोग पानी के लिए इधर-उधर नहीं भटकते.

हालांकि कुछ लोग निजी टैंकर से पानी मंगा कर अपनी दिनचर्या को पूरा करने में लगे हुए हैं. कतरास के ग्रामीणों का कहना है कि पैसा देने के बावजूद भी टैंकर से पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. अगर आज पैसा दिया जाता है टैंकर वाले को तो तीन-चार दिन के बाद पानी ला कर देता है. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि बाघमारा के मुस्लिम समुदाय को बिना पानी का ही ईद का पावन त्यौहार मनाना पड़ेगा, बिना पानी का त्यौहार मनाना पड़ रहा है, तो इसके पीछे जिम्मेदार कौन लोग है. कतरास नगर निगम क्षेत्र होने के बावजूद भी नगर निगम की सुविधाएं से कतरास के लोगों बंचित है. नगर निगम लोगों की मौलिक सुविधाओं को भी उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है. ऐसे में लोग नगर निगम को होल्डिंग टैक्स देकर अपने पैसे की बर्बादी क्यों करें कतरास वासी?