धनबाद (प्रशांत झा): दिग्गज अधिवक्ता स्व. बबन लाल की 94वीं जयंती को स्मृति दिवस के रूप में मना कर धनबाद बार एसोसिएशन ने गुरुवार को श्रद्धांजलि दी. बार एसोसिएशन के प्रांगण में आयोजित स्मृति दिवस कार्यक्रम में धनबाद के विधायक राज सिन्हा, बियाडा के पूर्व अध्यक्ष विजय झा, उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता व बबन लाल के दामाद अशोक लाल, निरंजन सिंह समेत तमाम अधिवक्ताओं ने उनके तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में स्व लाल की पुत्री रिटायर्ड जज सह रेरा ( रियल स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) झारखंड की अध्यक्ष सीमा लाल उपस्थित थीं, जिन्होंने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया.
बबन लाल मेमोरियल फॉउंडेशन की हुई स्थापना, मेधावी बच्चों को मिलेगी सहायता
इस मौके पर श्रीमती लाल ने स्व. बबन लाल की स्मृति में बबन लाल मेघा निधि कोष के गठन की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इस कोष में जमा हुए धन का उपयोग धनबाद के वैसे अधिवक्ताओं के संतान की पढ़ाई पर खर्च किया जाएगा, जो रूपए के अभाव में उच्चस्तरीय शिक्षा नहीं कर पा रहे हैं. स्व लाल के पुत्र व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अशेष लाल ने इस मौके पर पचास हजार रूपए कोष में तत्काल दान दिया.
आपातकाल के समय आम लोगों का मुकदमा लड़ते थे बबन लाल: राज सिन्हा
विधायक राज सिन्हा ने इस मौके पर कहा कि आपातकाल के समय में जब पुलिस लोगों को पकड़-पकड़कर जब जेल में डाल रही थी. तब उस समय स्व. लाल आम लोगों की लड़ाई कोर्ट में लड़ते थे उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है.
बबन लाल मार्गदर्शक थे: राधेश्याम गोस्वामी
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी ने इस मौके पर कहा कि स्वर्गीय बबनलाल उनके मार्गदर्शक थे महासचिव देवी शरण सिन्हा ने कहा धनबाद बार उनके योगदान को कभी नही भूलेगा.
बबन लाल मेरे प्रेरणास्रोत थे: अरुण कुमार सिंह
वरीय अधिवक्ता अरूण सिंह ने कहा कि स्व. लाल उनके गुरु व प्रेरणा स्रोत थे.
बबन लाल मेरे पिता ही नहीं गुरु भी थे: असीम लाल
इस मौके पर अधिवक्ता असीम लाल ने कहा कि स्व. लाल उनके पिता ही नहीं, बल्कि उनके गुरु भी थे.
हर विधा में सिद्धहस्त थे बबन लाल: बिजय कुमार झा
विजय झा ने कहा कि फौजदारी मामलों, सांविधानिक विषयों, श्रम कानूनों के मामले में उनकी विशेष पकड़ थी.
सिजुआ फायरिंग कांड में बबन लाल ने की थी आम लोगों की पैरवी: ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ब्रजेन्द्र सिंह ने कहा कि सिजुआ फायरिंग कांड में सरकार द्वारा गठित किए गए कमीशन में बबन लाल ने आम लोगों का प्रतिनिधित्व किया था तथा सीआइएसएफ अधिकारियों को सजा दिलाई थी उनका योगदान समाज के लिए अद्वितीय था.
बबन लाल ने आजीवन पेशेवर ईमानदारी बरती: राजदेव यादव भारतीय
अधिवक्ता राजदेव यादव भारतीय ने कहा कि, बबन लाल एक विद्वान अधिवक्ता थे. उनके सैंकड़ों शागिर्द विभिन्न जगहों पर कानून व आम लोगों की सेवा में जुटे हैं. स्व. लाल ने आजीवन पेशेवर ईमानदारी बरती.
जानिए, कौन थे बबन लाल
वरीय अधिवक्ता बबन लाल का 92 वर्ष की उम्र में निधन आयु 8 अगस्त 2018 को हो गया था. राजधानी रांची में उन्होंने अंतिम सांस ली थी. वे लंबे समय तक धनबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे थे. उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एसबी सिन्हा के आदेश पर झारखण्ड में सीनियर अधिवक्ता की मानद उपाधि दी गई थी थी. वे मामलों की पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट भी जाते थे. वे अपने पीछे तीन पुत्र और चार पुत्रियां छोड़ गये थे. उनकी संतानों में सीमा लाल (सेवानिवृत्त प्रिंसिपल जज, फैमिली कोर्ट, रामगढ़), असीम. लाल (धनबाद न्यायालय में अधिवक्ता), अपूर्व लाल (सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता), शिप्रा लाल (सदस्य, कंज्यूमर फोरम, जामताड़ा) शिखा लाल (भूतपूर्व सदस्य, कंज्यूमर फोरम, हजारीबाग) अशेष लाल (तीस हजारी और सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता) एवं सुष्मिता लाल हैं. चार फरवरी 1927 ई. को उनका जन्म हुआ था. वकालत पेशे में आने से पूर्व वो टीटागढ़ पेपर मील में पर्सनल मैनेजर के पद पर कार्यरत थे. इसके अलावा उन्होंने रानीपुर में भी नौकरी की. 1962 ई. में उन्होंने धनबाद बार एसोसिएशन में वकालत शुरू की. दो बार वह एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे.
इन्होंने दी बबन लाल को श्रद्धांजलि
इस मौके पर स्वर्गीय लाल के पुत्र अधिवक्ता अपूर्व लाल, अनिल त्रिवेदी, सत्येश मणि सिंह, किशोर कुमार, दीनबंधु मंडल, मुकुल तिवारी, आनंद मिश्रा, सहदेव महतो, ब्रजकिशोर कर्ण, अहमद हुसैन अंसारी, अजय त्रिवेदी, रंजीत गुप्ता, नरेंद्र त्रिवेदी समेत दर्जनों अधिवक्ताओं ने अर्पित कर पुष्प उन्हें श्रद्धांजलि दी.