अपनी कलम से :: कर्म की इबादत से लिखी सफलता की इबारत

धनबाद: अष्टादशेषु पुराणेषु व्यासस्य वचनं द्वयं, परोपकारः पुण्याय, पापाय परपीडनम्. पुराण में महर्षि वेदव्यास की पुण्य लेखनी को ध्येय वाक्य मानते हुए हमने स्वास्थ्य-सेवा के क्षेत्र में कदम रखा था. स्वास्थ्य धन के बिना मानव-जीवन में किसी भी प्रकार के धन का होना बेकार और अनुपयोगी है. 2014 से पूर्व के और आज के जालान अस्पताल की स्थिति में मौजूदा समय में जमीं-आसमां का फर्क जो आम से लेेकर खास तक देख रहे हैं, वह हमारे मिशन का प्रतिफल है. जीवन रेखा ट्रस्ट के सचिव बनने के बाद एशियन अस्पताल को जोड़ना और धनबाद में स्वास्थ्य-सेवा के क्षेत्र में एक मुकाम हासिल करना बाएं हाथ का खेल नहीं रहा.    

दरअसल, एक वादा हमने अस्पताल के शिलान्यास एवं उद्घाटनकर्ता मुख्यमंत्री रघुवर दास से किया था कि अस्पताल में जरूरतमंदों की हरसंभव मदद जीवन रेखा ट्रस्ट द्वारा की जाएगी. आज ऐसा लग रहा है कि जो हमने वादा किया, वह सकारात्मक सोच, लगनशीलता, लक्ष्य के प्रति समर्पण, पूरी टीम के परिश्रम के कारण पूरा होता दिख रहा है.          

हमारा लक्ष्य है धनबाद में इलाज की सर्वांगीण व्यवस्था है, जिसमें असाध्य रोग कैंसर के इलाज सहित अंग प्रत्यारोपण एवं अन्य सभी प्रकार के इलाज की व्यवस्था धनबाद में हो.    

प्रति महीने लगभग 500 मरीजों को डायलसिस में 450 रुपए की छूट, 100 मरीजों के मोतियाबिंद का आपरेशन, साल 18-19 में ट्रस्ट एवं अस्पताल प्रबंधन द्वारा लगभग एक करोड़ से अधिक की छूट दी गई है. पिछले एक पखवारे में अस्पताल प्रबंधन एवं ट्रस्ट ने जो उल्लेखनीय मदद प्रदान किए हैं, उनमें कुछ हैं 

पिंकी देवी, उम्र 35 वर्ष, पति- अमीम रवानी, पुराना बाजार स्थित छाई गद्दा निवासी, जिसके 3 बच्चे भी हैं. उन्हें आंख से ठीक से दिखाई भी नहीं दे रहा था. साथी फाउंडेशन के रोहित कुमार भारती, इरफान आलम एवं मधुरेन्द्र सिंह, पूर्व अध्यक्ष बरटांड़ चैम्बर सहित अन्य ने मुझसे संपर्क किया. हमने पूरी व्यवस्था की. एशियन द्वारकादास जालान अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ० धीरज विक्रांत ने जांचोपरांत दोनों आंख में आपरेशन की सिफारिश की. आज एक आंख का आपरेशन किया गया. इसके ठीक होने के पश्चात दूसरी आंख का आपरेशन भी मुफ्त किया जाएगा. इनका मुफ्त आपरेशन एवं दवा जीवन रेखा ट्रस्ट द्वारा एशियन द्वारकादास जालान अस्पताल के सहयोग से कराया जा रहा है.   ट्रस्ट ने 100 जरूरतमंदों का आंख का ऑपरेशन कराने का लक्ष्य रखा है.

विगत दिनों शरद कुमार नामक 2 वर्षीय बच्चा, जिसका न्यूरो सर्जरी का आपरेशन किया गया था, पुनः  उसका आपरेशन किया गया, जिसमें 10 दिन तक शरद अस्पताल में भर्ती रहा. उसे सकुशल चाइल्ड वेलफेयर सेन्टर को सुपुर्द किया गया है. इसमें अभी तक  कुल खर्च 1,93,000 रुपए हुए है.    

गोविन्दपुर निवासी एक अत्यंत गरीब व्यक्ति मदन मंडल की दुर्घटना गोविन्दपुर के देवली में विगत 13 सिंतबर को हो गई थी. अचेतावस्था में पड़े मदन को संस्था के ट्रस्टी केदारनाथ मित्तल ने न केवल अस्पताल पहुंचाया, बल्कि इलाज में भी काफी सहयोग दिया. इस कार्य में भी ट्रस्ट के द्वारा 50,000 रुपए की छूट प्रदान की गई. आज मदन मंडल स्वस्थ होकर घर वापस चले गए हैं.   

कुल मिलाकर, हमारा उद्देश्य धनबाद के लोगों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है, जिसके लिए तमाम ट्रस्टी प्रयासरत हैं. जैसे वर्ष 2014 से अबतक जीवन रेखा ट्रस्ट के सहयोगी एवं अभिभावक स्व० बी० पी० डालमिया, सर्वश्री वर्तमान अध्यक्ष रमेश गुटगुटिया, उपाध्यक्ष शम्भूनाथ अग्रवाल,  अरविंद डालमिया,  केशव कुमार हाड़ोदिया, संजीव अग्रवाल,  रमेश रिटोलिया, दीपक रुइया,  सी० बी० सिंह,  कृष्ण कुमार लोहरुका सभी कार्यकारिणी सदस्य व तमाम ट्रस्टीगण तथा आजीवन सदस्य, जिनके बगैर सम्पूर्ण सहयोग के आज यह अस्पताल तरक्की के इस पायदान पर पहुंच नहीं पाता. न्यूरो-कार्डियक की सुपर स्पेशियलिटी सुविधा देने के साथ-साथ निरंतर अस्पताल का विस्तारीकरण हमारी प्राथमिकता में है.   

 -(लेखक, राजीव शर्मा, धनबाद के सामाजिक क्षेत्र के सशक्त हस्ताक्षर एवं जीवन रेखा ट्रस्ट के सचिव हैं)