आखिर क्यों होता है बच्चों में क्लेफ्ट लिप?

क्लेफ्ट लिप जिसे फांक होंठ के नाम से सभी जानते है, इस समस्‍या के होने पर शिशु का ऊपरी होंठ, मुंह से नाक तक दो हिस्सों में विभाजित हो जाता है. कुछ बच्चों में होंठ पर केवल थोड़ा सा कटाव होता है, वहीं कुछ में यह काफी ज्यादा होता है. गंभीर क्लेफ्ट वाले शिशुओं में होंठ नाक तक बीच से पूरा विभाजित होता है. जन्‍म से जितने विकार होते हैं, क्‍लेफ्ट लिप सबसे ज्‍यादा होने वाली समस्‍या है. हालांकि कुछ मामलों में ये माता-पिता से भी हो सकती है. यह समस्‍या क्‍या है, क्‍यों होती है और इसका इलाज क्‍या है? ऐसी महिलाओं के मन में अक्‍सर यह सवाल आता है जिनके बच्‍चे इस समस्‍या से ग्रस्‍त होते है. अगर आपके मन भी यह सवाल है तो आपके इन सवालों को जवाब ममता कैरोल, वाईस प्रेसिडेंट एवं रीज़नल डायरेक्टर - एशिया, स्माईल ट्रेन दे रही हैं.  

क्लेफ्ट क्या है? इससे कौन सा अंग प्रभावित होता है (केवल होंठ या अन्य अंग भी)?

कटा तालु जन्मजात विकृति है, जिसमें ऊपरी होंठ और/या तालु (मुंह के अंदर ऊपरी हिस्सा) खुला या कटा हुआ होता है. यह मुख्यतः तब होता है जब गर्भ की पहली तिमाही में भ्रूण के शरीर के कुछ हिस्से सही तरीके से जुड़ नहीं पाते.

* कटे तालु की स्थिति में, मुंह का ऊपरी हिस्सा पूरी तरह बंद नहीं हो पाता तथा वह खुला रह जाता है और यह दोश नाक की गुहा तक जा सकता है. यह मुंह के सामने के हिस्से (ऊपरी तालु) से गले (भीतरी तालु) तक जा सकता है.

* कटे होंठ की स्थिति में, ऊपरी होंठ भ्रूण के विकास के दौरान पूरी तरह से नहीं बन पाता. कटे होंठ का प्रभाव अक्सर मसूढ़े तक जा सकता है.

क्या  निदान किया जा सकता है और/या रोका जा सकता है?

गर्भ के 20 हफ्ते पूरे होने पर क्लेफ्ट दोश का पता चल सकता है. शिशु के जन्म के बाद उसके संपूर्ण विकास के लिए क्लेफ्ट का समय पर इलाज बेहद जरूरी है. क्लेफ्ट के कारण अभी तक पता नहीं चल पाए हैं, लेकिन गर्भ के दौरान फोलिक एसिड की कमी, धूम्रपान, अल्कोहल एवं ड्रग की लत जैसे कारण इसे बढ़ा सकते हैं.

इसके मुख्य कारण क्या हैं और इससे जुड़ी समस्याएं क्या हैं?

राजेश कृष्णमूर्ति, बिज़नेस हेड, कंज़्यूमर प्रोडक्ट डिवीज़न, द हिमालया ड्रग कंपनी का कहना है कि ´´क्लेफ्ट के मरीज को अनेक मनोवैज्ञानिक एवं शारीरिक समस्याएं होती हैं और इस बीमारी का कारण अभी भी अज्ञात है. मेडिकल विशेषज्ञों का मानना है कि इसके अनेक कारण हो सकते हैं, जिनमें अनुवांशिक कारण एवं पर्यावरण के तत्व शामिल हैं. दुनिया भर में 700 में से एक शिशु का जन्म क्लेफ्ट के साथ होता है. भारत में हर साल 35,000 से ज्यादा बच्चों का जन्म क्लेफ्ट के साथ होता है. ´´

इलाज की विधियां क्या हैं?

क्लेफ्ट पुर्ननिर्माण सर्जरी एक 45 मिनट की सुरक्षित सर्जरी है. एक योग्य प्लास्टिक या मैक्सिलोफेशियल सर्जन यह सर्जरी कर सकता है. यह एक जीवनरक्षक सर्जरी है, इसलिए चिकित्सकों ने इसकी एक मेडिकल चेकलिस्ट तैयार की है. जब बच्चा पर्याप्त रूप से फिट हो, तब वह यह सर्जरी करवा सकता है. मरीज को सर्जरी के 1 या 2 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है लेकिन उसे कुछ समय तक नियमित परामर्श की जरूरत होती है, ताकि डॉक्टर उसकी प्रगति की प्रक्रिया का निरीक्षण कर सके. मरीज या उसके माता-पिता को 2-3 हफ्तों की सावधानी रखने की जरूरत होती है, जब तक टांके ठीक न हो जाएं.  

सर्जरी के अलावा, बच्चे को विस्तृत क्लेफ्ट केयर जैसे स्पीच थेरेपी और ऑर्थोडोंटिक इलाज की जरूरत होती है.

इलाज न किए जाने पर क्लेफ्ट के क्या जोखिम हैं?

राजेश कृष्णमूर्ति का कहना है कि ´´क्लेफ्ट का इलाज न किए जाने पर व्यक्ति की शारीरिक एवं भावनात्मक सेहत पर बुरा असर पड़ता है. क्लेफ्ट का इलाज न किए जाने पर बच्चे अलग-थलग रहने लगते हैं, उन्हें खाने-पीने, सांस लेने और बोलने में भी समस्या होती है. बोलने से संबंधित लर्निंग की समस्या के कारण कई बच्चे स्कूल छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं, जिस वजह से उन्हें रोजगार के सभी अवसर नहीं मिल पाते हैं. ´´


Web Title : WHY IS THERE A CLEFT LIP IN CHILDREN?

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