शराब पर''आप ख़राब-आप ख़राब ''

शराबबंदी पर दो राज्यों में रस्सा-कस्सी का खेल शुरू हो गया है. हमारे पडोसी राज्य में शराब पूर्णतः प्रतिबंधित होने पर इसका असर विशेष रूप से झारखण्ड की की महिलाओं पर होने लगा है. जन मानस में भी यह चर्चा उभरकर सामने आने लगी है.पर इन सबों से दूर इस खेल में सियासी दांव भी दिखने लगा है 

जिसकी परिणति रघुवर-नीतीश के तल्ख़ तेवर के रूप में देखी जा रही है. झारखण्ड की महिलाओं के आमंत्रण के बाद नीतीश का आगमन दिनांक-१० को धनबाद में होने जा रहा है.इससे सियासी हलचल मच गयी है.सत्तारूढ़ पार्टी भी कमोबेश इसमें उलझती नज़र आ रही है एवं इसे राष्ट्रव्यापी मुद्दा बनाकर 2019में होनेवाले लोकसभा चुनाव से देख रही है.

एकतरफ नीतीश शराबबंदी को लेकर उत्साह से लबरेज है और झारखण्ड में भी इसे बाध्यकारी रूप से बंद करवाना चाहते है तो दूसरी तरफ रघुवर इसे ''बिहार मॉडल '' कहकर रघुवर इसे अपनाना नहीं चाह रहे है बकौल रघुवर ''वहां पर सिर्फ शराबबंद की बात हो रही है वहां की सरकार विकास की बात नहीं कर रही है.

बेरोज़गारी और ग़रीबी कैसे मिटे इसपर भी ध्यान नहीं है यहाँ का सामाजिक परिवेश और माहौल बिलकुल अलग है.''.

Web Title : BLAMEGAME ON LIQUOR BAN