मेक इन इंडिया को साकार करने के लिए जागरुकता की आवश्यकता

झारखण्ड के मुख्य सचिव राजीव गौबा ने कहा कि राज्य में मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने हेतु सरकार द्वारा आमलोगों को दी जा रही सुविधाओं के संबंध में जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सी.आई.आई. (कांफेडेरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज) और उद्योग विभाग आपस में समन्वय बनाकर जागरुकता कार्यक्रम राज्य में चलायें.

वे आज रांची के एक होटल में -मेक इन इंडिया, झारखंड- विषय पर सी.आई.आई. और डी.आई.पी.पी. द्वारा आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे. मुख्य सचिव ने कहा कि सुधार निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, आये दिन विभिन्न क्षेत्रों में आने वाली समस्याओं के निदान के लिए कई बिन्दुओं पर कार्य करना पड़ता है.

उन्होंने कहा कि अगर बदलाव लाना है तो सोच को बदलना होगा तभी मेक इंडिया के सपने को साकार किया जा सकता है. सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम को सक्रिय बनाया है जिससे उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्रों का कार्य सुगम होगा. सरकार फेसिलेटर की भूमिका निभाने को तैयार है. उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां उद्यमियों को विभिन्न प्रकार के लाइसेंस और अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्धारित समय में ऑनलाईन प्राप्त हो सकते हैं.


श्री गौबा ने कहा कि यह खुशी की बात है कि देश में नौजवानों की संख्या सबसे अधिक है और इस मामले में विश्व में हम सबसे आगे हैं. युवाओं को रोजगार मिले और उन्हें रोजगार परक शिक्षा दी जाये, ऐसा प्रयास हमें करना चाहिए. उन्होंने उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार की संभावनाओं को पैदा करें ताकि ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के सपने को साकार किया जा सके.

उन्होंने कहा कि सोसाइटी के प्रयासों से ही ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के मंत्र को साकार किया जा सकता है. इससे देश के जी.डी.पी. में इजाफा तो होगा ही साथ ही नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. कार्यक्रम में उद्योग विभाग की सचिव श्रीमती हिमानी पांडेय ने राज्य में कार्यरत सिंगल विंडो सिस्टम पर प्रजेंटेशन देते हुए कहा कि राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए कई स्तर पर नीतियों को लचीला किया गया है.

उन्होंने कहा कि उद्यमी उद्योग की स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं जिसके तहत उन्हें श्रम विभाग, नगर विकास विभाग, प्रदूषण विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग समेत कई विभागों में दौड़ लगाने की आवश्यकता नहीं है.




Web Title : BRING ON GROUND OF MAKE N INDIA NEEDS AWARENESS