उषा हत्याकांड में आरोपियों को आजीवन कारावास

धनबाद : उषा हत्याकांड मामले में प्रधान सत्र एवं जिला न्यायधीश ने कांड के मुख्य आरोपी अरशद, उसके दो दोस्त शोहेब व जमशेद को आजीवन कारावास के साथ-साथ 20 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई.

वहीं  अरसद के नाना यासिन को चार साल सश्रम कैद के साथ-साथ 15 हजार रूपये जुर्माना की सजा सुनाई.  

पीपी दिग्विजय मणि त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस की सक्रियता एवं स्पीडी ट्राईल की वजह से मामले की सुनवाई जल्द हो सकी.

इस मामले में कुल 11 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. जिस चाकू से उषा की हत्या की गई उसमें लगा बल्ड भी मेच कर गया.

इन्हीं कुछ कारणों से न्यायालय सही दिशा तक पहुंच सकी.

इधर घटना के चश्मदीद गवाह मृतका के भाई त्रिवेणी कुमार महतो ने न्यायालय के फैसले का सम्मान किया है.

वे सभी आरोपियों को फांसी की सजा चाहते हैं, इसके लिए वे उपरी अदालत की रूख करेंगे.

दूसरी ओर कांड के मुख्य आरोपी अरशद ने अपने को बेगुनाह बताया है. बताते चलें कि यह घटना 13 जनवरी 2015 की है.

तोपतांची थाना के अंतर्गत चितपुर की रहनेवाली उषा की हत्या उनके घर के पास ही मुख्य आरोपी अरशद ने चाकू से कर दी थी.

घटना को अंजाम देने में उसके दो दोस्त की संलिप्तता भी पायी गई थी.

अरशद को घर से भगाने में उसके नाना ने साथ दिया था.

पीपी दिग्विजय मणि त्रिपाठी के अनुसार प्रेम प्रसंग में ही उषा की हत्या की गई थी क्योंकि उषा ने शादी से इंकार कर दिया था.


क्या है घटना

13 जनवरी 2015 को तोपचांची थाना क्षेत्र के चितरपुर ग्राम की रहने वाली उषा को शाम करीब साढ़े सात बजे चाकू से ताबड़तोड़ वार कर मार डाला गया था.

वारदात के दूसरे दिन तोपचांची में माहौल तनावपूर्ण हो गया और आक्रोशित लोगों ने बाजार बंद करा दिया था.

जीटी रोड भी करीब आठ घंटे तक जाम रहा.

मामले में महुदा के अरशद उर्फ मुन्ना अंसारी नामक युवक का नाम आ रहा था.

लोग उसे गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे.

बात ये भी सामने आई थी कि अरशद ने लड़की का अश्लील एसएमएस बनाया था.

आक्रोशित लोगों ने अरशद के नाना यासीन अंसारी के तोपचांची स्थित हिल व्यू गेस्ट हाउस को भी आग के हवाले कर दिया था.

बवाल की जानकारी पाकर पूर्व मंत्री मथुरा महतो, विधायक राजकिशोर महतो और सांसद रवींद्र पांडेय पहुंचे थे और पूरा प्रशासनिक अमला यहां तैनात हो गया था.

तत्कालीन एसपी हेमंत टोप्पो ने 24 घंटे में अरशद को गिरफ्तार करने और इस मामले में स्पीडी ट्रायल चलाकर आरोपी को जल्द से जल्द सजा दिलाने का आश्वासन देकर लोगों का गुस्सा शांत किया था.

बवाल के दूसरे दिन ही अरशद को भाटडीह महूदा से दबोच लिया गया था.

पूछताछ में पुलिस को उसने वारदात की पूरी जानकारी दे दी थी.


कैसे हुई थी हत्या

पुलिस को उसने बताया था कि ऊषा और उसके बीच करीब पांच साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था लेकिन कुछ दिनों से उसे संदेह था कि उसकी प्रेमिका किसी और से प्यार करती है.

ऊषा की एक सहेली ने भी उसे ये बात बताई थी. वारदात से करीब एक सप्ताह पूर्व ही वह हत्या को अंजाम देने की साजिश में जुट गया था.

दो दिन पूर्व ही दोस्त जमशेद उर्फ डब्ल्यू के साथ वह मधुपूर गया था और वहां से चाकू खरीदा था.

दूसरे दिन मानटांड गया और एक लोहार के यहां चाकू को धार कराया.

फिर ऊषा से फोन पर बातचीत कर उसे मिलने की बात कही.

शाम में मिलने की बात तय हुई, छह बजे फिर कॉल किया तो ऊषा ने पौने सात बजे मिलने की बात कही.

इसके बाद वह अपने दोस्त शोएब और जमशेद उर्फ डब्ल्यू के साथ उसके घर पहुंचा और उसे नौकरी के कागजात पर हस्ताक्षर करने की बात फोन से कहकर घर के पीछे बुलवाया था.

जब वह आ गई तो उसे उसके दोस्तों ने पकड़ लिया और शोएब ने मुंह दाब दिया और जमशेद ने उसका हाथ पकड़ लिया.

फिर अरशद ने चाकू से पेट पर वार कर दिया. एक के बाद एक कर चार बार फिर प्रहार किया.

जब वह गिर तो गर्दन और पीठ पर वार किया. इसके बाद सभी लोग भाग गए.

पुलिस ने अरशद की निशानदेही पर चितरपुर के जमशेद और शोएब को भी दबोच लिया और हत्या में प्रयुक्त चाकू,दास्ताना, चप्पल, कपड़े और मोबाइल आदि बरामद कर लिया गया.

बाद में पुलिस ने अरशद के नाना को भी मदद पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

उक्त सभी आरोपी वारदात के बाद से जेल में ही हैं. कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुना दिया है.

कांड के लोक अभियोजक ने कोर्ट से इस मामले में कड़ी से कड़ी सजा की मांग की थी .

जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि अभियुक्त कम उम्र के हैं और कोई भी पेशेवर अपराधी नहीं है और न ही इनका कोई पिछला आपराधिक इतिहास है.

ऐसे में इन्हें कम से कम सजा दी जाए.

Web Title : LIFE IMPRISONMENT AT USHA MURDER CASE