लिलौरी पथरा में भू-धंसान

झरिया/लोदना : बारिश के कारण मंगलवार की अहले सुबह लिलौरी पथरा के रहने वाले शंभू वर्मा के आवास के बाहरी आंगन में भू-धंसान के साथ गोफ बन गया.

इससे गैस निकल रही है. इलाका आग से प्रभावित है. घटना से लोगों में बेहद आक्रोश है.

ग्रामीणों ने बताया कि आग प्रभावित इस इलाके में बारिश में स्थिति और भी भयावह हो जाती है.

यदि यह घटना आवास के अंदर होती तो वहां सो रहे असंगठित मजदूर शभू वर्मा व उनके तीन लड़के, छह लड़कियों समेत 11 सदस्यों के परिवार को नुकसान हो सकता था.

मुहल्ले के सहदेव, बिहारी लाल समेत कई लोगों के घरों में गैस रिसाव हो रहा है.

बावजूद प्रबंधन कुछ नहीं कर रहा है.

जेरेडा की ओर से पुर्नावास को लेकर एक वर्ष पूर्व सर्वे किया गया था.

प्रभावितों को कार्ड भी मिला. पर पुर्नवास नहीं कराया गया.

लिलौरी पथरा पुरानी रेलवे लाइन के समीप 50 परिवार रहते हैं.

लोगों ने बताया कि हम बेलगढि़या नहीं जायेंगे बल्कि इसी क्षेत्र में जहां से कोयला निकल चुका है हमें बसाया जाये. ताकि रोजगार प्रभावित न हो.

कहा कि पुनर्वास के नाम पर सरकार हर परिवार पर तकरीबन दस लाख खर्च कर रही है.

यह राशि परिवारों को एक मुश्त दी जाये ताकि लोग कोई काम कर सकें.

 

पिछले वर्ष भी हुआ था शंभू के घर में गैस रिसाव:

एक वर्ष पूर्व 20 जून 2014 को भू धंसान के कारण शंभू के घर की दीवार गिर गयी थी.

गैस रिसाव होने लगा था. आसपास के कई घरों में भी गैस रिसाव हुआ था.

तब जरेडा प्रभारी गोपालजी ने क्षेत्र का दौरा कर पुर्नवास के लिये सर्वे कराया था.

कार्ड भी मुहैया कराया गया.

कोलफील्ड बचाओ समिति के सदस्यों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी.

पर एक वर्ष के बाद भी स्थिति जस की तस है. न आग बुझी न ही पुनर्वास हुआ.

 

खुदाई की भराई नहीं होने से भड़क रही आग:

लोगों का आरोप है कि कुजामा परियोजना विस्तारीकरण के लिये पांच वर्ष पूर्व चटकरी जोडि़या के डायवर्सन की तैयारी की गई थी.

लिलौरी पथरा के समीप से खुदाई का कार्य किया गया.

जोडि़या का डायर्वसन तो हुआ नहीं न ही खुदाई की भराई की गई.

नतीजा भूमिगत आग को हवा मिली और वह और भड़क रही है.

 

कई इलाके हैं खतरनाक:

भूमिगत आग के कारण झरिया के कई इलाके खतरनाक हो गये हैं.

बस्ताकोला सात नंबर, बोका पहाड़ी, घनुडीह, इंदिरा चौक, कुकरतोपा आदि क्षेत्र में बारिश के साथ गैस रिसाव बढ़ा है.

इंदिरा चौक में तो बारिश के बाद गैस बेहद तेजी से निकलती है.

लोदना क्षेत्र प्रबंधन ने लिलोरी पथरा में रहने वालों की पुनर्वास के लिये सूची नहीं दी.

प्रबंधन सूची उपलब्ध कराए लोगों का पुनर्वास कराया जाएगा.

अग्नि प्रभावित क्षेत्र में बारिश के दिनों में गैस रिसाव की समस्या आम है.

बेहतर पुनर्वास को जरेडा तत्पर है.

लिलौरी पथरा का इलाका खतरनाक है.

यहां के लोगों को क्षेत्र खाली करने का अल्टीमेटम पूर्व में ही दिया गया है.

पुलिस से शिकायत भी की.

प्रबंधन अस्थायी पुनर्वास को तैयार है.

पर लोग मुआवजा की मांग को लेकर यहा से जाने को तैयार नहीं हैं.

जल्द जरेडा को प्राथमिक सूची उपलब्ध करा देंगे.

Web Title : LILURI PIERCED LAND SUBSIDENCE IN