Non Banking : बेसिल का एमडी कोलकाता से गिरफ्तार

धनबाद : कई हजार करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा करने वाली ननबैंकिंग कंपनी बेसिल के प्रबंध निदेशक विवेक अग्रवाल को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है.

धनबाद बैंक मोड़ पुलिस ने राजार हाट न्यू टाउन थाना स्थित आवास से उसे गिरफ्तार किया.

18 सौ करोड़ के इस फर्जीवाड़े को लेकर महुदा के कलामुद्दीन ने 7 अगस्त 2014 को बैंक मोड़ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

इस मामले में कंपनी के 41 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद साक्ष्य इकट्ठा किया और उसके बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू की.

इसके पहले बैंक मोड़ पुलिस कंपनी के आनंद कुमार मिश्रा, सुशांतो चटर्जी, अशोक नारायण प्रसाद को जेल भेज चुकी है.

इनके खिलाफ पुलिस ने कार्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दिया है.

विवेक अग्रवाल की गिरफ्तारी काफी महत्वपूर्ण बताई जा रही है. कंपनी के कई बड़े अधिकारियों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी.

विवेक अग्रवाल की गिरफ्तारी को लेकर बैंक मोड़ थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह के निर्देश पर एसआई अमित कुमार गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस की टीम कोलकाता गई थी.

प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कंपनी के कई पदाधिकारी भूमिगत हो गए थे.

विवेक अग्रवाल पहले दिल्ली में रहता था, लेकिन कंपनी से जुड़ने के बाद उसका ठिकाना कोलकाता ही था.

दो साल में पैसा दुगना करने के नाम पर कंपनी ने हजारों लोगों से पैसे की वसूली की थी.

कंपनी की शाखा झारखंड सहित नौ राज्यों में खुली थी. खासकर आदिवासी और ग्रामीण बहुल क्षेत्र इनके निशाने पर रहे हैं.

डीएसपी (विधि व्यवस्था) अमित कुमार का कहना है कि विवेक अग्रवाल की गिरफ्तारी धनबाद पुलिस के लिए बड़ी सफलता है.

कंपनी ने गरीब-गुरबों का पैसा दो साल में चार गुणा देने का लालच दिया और बाद में जब पैसा देने की बारी आई तो कंपनी बंद कर दी गई.

इस मामले में कुछ लोग गिरफ्तार किए गए हैं और बाकी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत है.

 

गिरफ्तारी के बाद प्रबंध निदेशक के बदले सुर

पुलिस के गिरफ्त में आने के बाद कंपनी के प्रबंध निदेशक के सुर ही बदल गए.

गिरफ्तारी के बाद विवेक अग्रवाल ने कहा कि जब कंपनी सौ रुपए में 30 रुपए एजेंट को देगी और दस रुपए कंपनी पर खर्च करेगी तो दो साल में चार गुणा पैसा कैसे चुका सकती है.

पैसा ग्राहकों को कैसे वापस वापस होगा, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

बेसिल कंपनी की धनबाद में कई शाखाएं खोली गई थी. हजारों पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक अच्छे करियर का सपना संयोए एजेंट बन गए. करोड़ों रुपए कंपनी के खाते में एजेंटों ने जमा कराए.

निरसा, पुटकी, केंदुआ, हीरापुर, बैंकमोड़, कतरास और झरिया के लोगों ने परिवार की सारी जमापूंजी कंपनी में लगा दी.

साथ ही कई रिश्तेदारों और जान पहचान वालों का पैसा भी निवेश कराया.

Web Title : MD OF BASIL NON BANKING COMPANY ARREST FROM KOLKATA