सोशल नेटवर्किंग साइट से धनबाद की वर्षा ने पाया मुकाम

धनबाद : सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल आज के अधिकांश युवा मौज मस्ती के लिए करने में लगे हुए हैं लेकिन कोल नगरी धनबाद में वर्षा सिंह  नाम की  एक ऐसी युवती  भी है जिसने फेस बुक एवं अन्य शोशल नेटवर्किंग साईटों का उपयोग इस कदर किया की आज उसकी पहचान एक कवयित्री ,साहित्यकार के रूप में होने लगी है.

श्रीलंका और जर्मनी जैसे देशों के इंग्लिश लिटरेचर से जुडी प्रकाशकों और इ प्रकाशकों  ने अपने जर्नल के लिए वर्षा से इनकी थीसिस की मांग की है.

शांत स्वभाव की शर्मीली सी दिखने वाली वर्षा में प्रतिभाएं कूट कूट कर भरी है. आज के समय में ये अपने सोशल नेटवर्किंग साइट के बदौलत उस मुकाम पर पहुँच गयी है जन्हा पहुँचने के सपने वर्तमान पीढ़ी के युवा आम तौर पर देख भी नही पातें. हमारी ये बातें सोलह आने सच है. क्योंकि जर्मनी और श्रीलंका के साहित्यकार और प्रकाशक अपनी जर्नल में इनकी रचनाओ को प्रकाशित करने के लिए बाट जोह रहे हैं.

वर्षा आज से लगभग ढाई  साल सोशल साईट से जुडी थीं सबसे पहले इन्होने अपनी कविताओं और अन्य रचनाओ को लिखना शुरू किया जिसके बाद आने वाले कमेन्ट ने काफी कुछ सिखाया. उसके बाद अचानक एक दिन एक ऑफर आया जिसमे उनकी रचनाये प्रकाशित करने के लिए मांगी गयी गयी थी. इनकी सहमती मिलने के बाद अगले शाम को वह प्रकाशित हो चुकी थी.

शुरूआती दौर में मिले पाठकों की सराहना ने इन्हें लिखने के लिए और अभिप्रेरित किया और धीरे धीरे वर्षा ने बड़े बड़े अंग्रेजी साहित्यकारों की किताबों का ऑनलाइन संपादन करने लगी. इसी बिच इन्होने अंग्रेजी और  हिंदी में कई कविताएँ भी लिखी और उन्हें ऑनलाइन प्रकाशित भी कराया कविताओं को भी पाठकों  का अच्छा साथ मिला.

आज के समय में वर्षा को न  केवल भारतीय अंग्रेजी साहित्यकारों का सहयोग मिल रहा है बल्कि विदेशी प्रकाशक भी अपनी जर्नल्स में इनकी रचनाओ को प्रकाशित करने के लिए ऑफरों  की बरसात कर रहे हैं. 

पूरी तरह से आम भारतीय सोच की होने के कारण वर्षा को यह लगा था की पढाई के बाद शादी करके वो भी घर गृहस्ती में उलझ जाएगी. लेकिन फेसबुक और अन्य सोशल साइट ने इसके जीवन में एक नया  मुकाम दिया.

जिसके कारन वर्षा यह भूल गयी की उसने कभी सामान्य भारतीय नारी बनकर जीवन  गुजरने की सोची थी. आज वर्षा किसी साहित्यिक कार्यक्रम में जाती है तो न जाने कितने नामो से पुकारी जाने लगती है और इस तरह जो शुकून मिलती है वर्षा अपने जीवन का सबसे यादगार लम्हा मानती है .

इस कामयाबी से न सिर्फ वर्षा को एक अलग पहचान मिली और वर्षा ने यह साबित किया की सोशल नेटवर्किंग साइट का उपयोग कैसे किया जाये बल्कि इसके माँ को भी अपनियो बेटी को मिलने वाले इस कामयाबी पर फक्र हो.

Web Title : SOCIAL NETWORKING SITE FOUND SIGNIFICANT MILESTONE IN DHANBAD VARSHA