धनबाद नगर निगम के प्याले में उठा है तूफान ! हड़ताल पर गये कर्मचारी

धनबाद : कहते हैं, वक्त बदलते देर नहीं लगती.जी हां, महज छः महीने पहले धनबाद नगर निगम की कुर्सी हासिल करने के बाद चंद्रशेखर अग्रवाल मीडिया जगत में, अपने उन बयानों से छाये रहते थे, जिनमें वो धनबाद को एक साल के भीतर स्वर्ग बनाने की बात करते थे.

लेकिन, पिछले कुछ महीनों से मेयर साहब विवादों की वजह से सुर्खी बटोरते रहते हैं.यह धनबाद की जनता पर कुठाराघात नहीं तो और क्या है ? कहां तो स्वर्ग की बात होती थी और अब केवल मार-पीट और
गाली-गलौज की खबरें, नगर निगम की चौखट बदस्तूर पार कर रही हैं.


आखिर हंगामा है क्यों बरपा ?

मंगलवार को नगर निगम कार्यालय से, अचानक हो-हल्ला, बहस, एक-दूसरे को देख लेने की धमकी, फिर गालियों की बौछार और धक्कामुक्की की बात सार्वजनिक हो गयी.ठंडे मौसम में, कुछ ही देर में नगर निगम कार्यालय गर्म हो गया.

कर्मचारियों के चेहरे पर गुस्से की लालिमा दिखने लगी, तो दूसरी ओर मेयर घटना से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए, विवाद को हल्का करने की पुरजोर कोशिश में भिड़े हुए थे.जबतक कोई कुछ समझता, नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की घोषणा ने मामले को और गंभीर बना दिया.

क्या है मामले का मजमून

धनबाद नगर निगम के कर्मी भगवान तिवारी ने मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल पर आरोप लगाया कि मंगलवार की शाम में, करीबन पांच बजे, मेयर ने उन्हें अपने चेंबर में बुलाया.वीर कुंवर सिंह चैक सौंदर्यीकरण योजना को वर्तमान टेंडर में सम्मिलित नहीं किये जाने का कारण पूछा.

मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी.इस पर महापौर उखड़ गये और मेरी पूरी बात सुने बिना गाली-गलौज करने लगे.कॉलर पकड़कर धक्का मारते हुए कार्यालय से बाहर कर दिया.

वहीं, मेयर शेखर अग्रवाल ने गाली-गलौज व धक्कामुक्की की बात को बेबुनियाद बताया.उन्होंने कहा कि वीर कुंवर सिंह चैक योजना की जानकारी लेने के लिए भगवान तिवारी को बुलाया था.उनके खिलाफ शिकायतें आ रही थीं, इसी पर उनको फटकार लगायी है.गाली-गलौज की बात सही नहीं है.मेरे चेंबर के बाहर क्या हुआ, इसकी जानकारी मुझे नहीं है.
 
नगर निगम की अराजक स्थिति से आजिज कंप्यूटर ऑपरेटर ने दिया इस्तीफा


भगवान तिवारी वाली घटना में बीच-बचाव करने आये कंप्यूटर आपरेटर के साथ भी दुव्र्यवहार किया गया.मेयर कोषांग के कर्मी पिंटू व मेयर के सलाहकार रूपेश सिन्हा पर ये आरोप लगाया गया है.हस्तक्षेप करने आये प्रभारी प्रधान सहायक रवीन्द्र भगत को भी गालियां दी गयीं.

कुछ देर बाद प्रीतम कुमार ने अपना इस्तीफा बड़ा बाबू कंुदन कुमार सिन्हा को सौंप दिया.पूछे जाने पर प्रीतम ने बताया कि ऐसे गंदे माहौल में काम नहीं कर सकते हैं.हम नगर आयुक्त के अधीन काम करने के लिए हैं, मेयर कोषांग के लोगों से अपमानित होने के लिए बहाल नहीं हुए हैं.

........और कर्मचारियों ने लिया हड़ताल का फैसला


इन घटनाओं के बाद नगर निगम के कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला ले लिया.मंगलवार को देर शाम झारखंड लोकल बॉडीज इंप्लायज एसोसियेशन के अध्यक्ष गणेश दीवान वर्मा ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की. दीवान ने कहा कि मेयर की तानाशाही नहीं चलेगी.मेयर कोषांग के नाम पर मेयर ने गुंडे पाल रखे है. मेयर लिखित रूप से माफी मांगे; अन्यथा पांचों अंचलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी.

समस्या का समाधान नहीं है हड़ताल पर जाना : नगर आयुक्त

धनबाद नगर निगम के आयुक्त आइएएस छवि रंजन ने कहा है कि विवाद किस बात को लेकर हुई है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है.कर्मचारियों का हड़ताल पर जाना समस्या का समाधान नहीं है.आपस में मिल-बैठ कर सार्थक समाधान निकल सकता है.मैं कर्मचारियों से बात करता हूं.             

Web Title : UPROAR AT DHANBAD MUNICIPAL OFFICE EMPLOYEES ON STRIKE