धनबाद में कौन चला रहा रैकेट

धनबाद : यहां हर तरफ रैकेट चल रहा है. पिछली सरकार के विकास के दावों के बीच कोयलांचल रैकेटियों का स्वर्ग बना.

इसके लिए प्रशासन तथा पुलिस में रैकेट चलाने में सक्षम अफसर भेजे गए.

अब नयी सरकार गठन के बाद एक-एक कर रैकेट उजागर हो रहे हैं.

पुलिस उपलब्धियों की तलाश में रैकेट उजागर कर रही है तो रैकेट चलानेवाले पिछली सरकार के दलों से ताल्लुक रखनेवालों के ही नाम सामने आ रहे हैं.

फिलहाल, धनबाद के विभिन्न इलाकों में चल रहे सेक्स रैकेट की चर्चा है.

बीते कुछ वर्षों से धनबाद शहर और आसपास के इलाके में चल रहे सेक्स रैकेट के विभिन्न संचालन के रूप में हाल तक सत्ता में  रही पार्टियों के नेता और नेत्रियों के नाम का खुलासा होता रहा है.

इस सिलसिले में ऐसे सफेदपोशों की गिरफ्तारी भी हुई थी.

लेकिन, सत्ता हाथ में होने से सब मैनेज हो गया.

अब नाजायज धंधों को संरक्षण देनेवाली पुलिस सरकार के क्राइम कंट्रोल को लेकर कड़े तेवर के बाद दिखावे के लिए छिटपुट कार्रवाइयां कर रही है.

इसी क्रम में झामुमो की एक नेत्री सोमवार को पकड़ी गयी.

पुलिस ने उनपर अपने हिल काॅलोनी स्थित आवास पर छापामार कर सेक्स रैकेट के रहस्योद्घाटन का दावा किया है.

पुलिस को यहां से कई डायरियों में बहुत से लोगों के नाम मिले हैं.

पुलिस समझ रही है कि यह रैकेट साबित करने का ठोस आधार है. जबकि, यह सवाल अनुत्तरित है कि जब यहां काफी दिनों से रैकेट चल रहा था तो पुलिस कर क्या रही थी.

आरोप है कि स्थानीय पुलिस अपने-अपने क्षेत्र में बंधी-बंधाई रकम लेकर नाजायज धंधे चलवाती रही है.

अवैध लोहा गोदाम, कोयला चोरी, जगह-जगह नाजायज वसूली से पुलिस को मोटी आमदनी होती है.

इधर, एक-दो सालों से अपराध नियंत्रण की बजाय पुलिस नाजायज कारोबार को संरक्षण देकर लाभ कमाने में ही लगी थी.

यहां सरकार में तगड़ी पैरवी अफसर की प्रतिनियुक्ति होती रही है.

ऐसे अफसर खुद कमाने और अपने आका को हिस्सा पहुंचाने में ही मशगूल रहे हैं.

धनबाद में एसपी हेमंत टोप्पो और इससे पहले एके धान के कार्यकाल में अवैध उत्खनन में खासी तेजी आयी.

झामुमो के नेता ही हर जगह कोयला चोरी करवाने और इसका नाजायज धंधा करने में लगे रहे.

बताते हैं कि पार्टी के एक सम्मानित नेता के यहां दिग्गज नेता जब भी आए एक लाख रुपए उनको जेब खर्च मिलता था.

दिग्गज सप्ताह में एक-दो बार उनके यहां धमक ही जाते थे. बाधमारा में अभी हाल ही अवैध उत्खनन के एक मामले के उदभेदन के बाद एक नेता का नाम आया था.

लेकिन, नेता सत्तापक्ष से जुड़े होने के कारण पुलिस ने उनको छुआ तक नहीं.

बताते हैं कि जब तक मुरारीलाल मीणा कोयलांचल रेंज के आइजी थे, तब गड़बड़ी आसान नहीं थी.

पर बाद में सत्ता का समीकरण बदलते ही पूरी व्यवस्था चोरों का संरक्षक बन गयी.

इसके लिए कोयला चोरी करवाने में महारत हासिल अफसरों को शीर्ष पदों पर बिठाया गया.

बता दें कि नयी सरकार ने ऐसे दागी अफसरों को नहीं बदले हैं. वरन सरकार उनमें सुधार की उम्मीद कर रही है.

जबकि, गलत लोगों से संबंधवाले अफसर सरकार बदलने के बाद सिर्फ उतना ही एक्ट कर रहे हैं ताकि उनकी चमड़ी बची रहे.

Web Title : WHO THEY AR BEHIND RACKETS IN DHANBAD