रणधीर की जीवनी पुस्तकों में शामिल करने की मांग

धनबाद: जांबाज आरक्षी अधीक्षक अमर शहीद रणधीर वर्मा को आज स्थानीय रणधीर वर्मा चैक पर हर साल की तरह संगीतमय श्रद्धांजलि दी गई.

रणधीर वर्मा मेमोरियल सोसाइटी के अध्यक्ष किशोर कुमार ने कहा कि शहीद वर्मा को पुलिस के कर्तव्यों का निर्वहन करने के साथ ही मिलना-जुलना, उत्सव मनाना और संगीत सुनना अच्छा लगता था.

रणधीर वर्मा मेमोरियल सोसाइटी ने इस परंपरा को बनाए रखा है और संगीतमय श्रद्धांजलि सभा का यह 24वां आयोजन है.

उन्होंने मांग की कि शहीद रणधीर वर्मा की जीवनी पाठ्य-पुस्तकों में शामिल की जाए.

ताकि भावी पीढ़ी देश के प्रति शहीद रणधीर वर्मा के त्याग, कर्तव्य और देश भक्ति से प्रेरित हो सके.

विगत 23 सालों से शहर के हृदयस्थल रणधीर वर्मा चैक पर शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा की पुण्यतिथि 3 जनवरी को होनेवाली श्रद्धांजलि सभा ने सारी उपस्थितियों के बावजूद एक सशक्त सांस्कृतिक उपक्रम के रूप में अपनी पहचान बनाई है.

यही कारण है कि मर्मज्ञ संगीतकारों से लेकर नवोन्मेषी कलाकारों के बीच यह अवसर एक उत्सव या पर्व के रूप में प्रतिष्ठित हुआ है.

अपनी संपूर्णता में आयोजन की सांस्कृतिक चेतना सदैव धर्मनिरपेक्षता का वाहक रही है.

उल्लेखनीय है कि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रणधीर वर्मा ने तीन जनवरी 1991 की सुबह धनबाद में बैंक ऑफ इंडिया लूटने आए पंजाब के दुर्दांत आतंकवादियों से जूझते अपने प्राण की आहुति दी थी.

तब से इस अमर शहीद की आदमकद प्रतिमा के पास हर साल श्रद्धांजलि सभा हो रही है, इसमें देश की नामचीन हस्तियां भी शिरकत करती रही हैं.

Web Title : RANDHIRS BIOGRAPHY INCLUDE IN BOOK