प्रभु से लौ लगायें, संसार के सब सुख माटी समान हो जायेंगेः महामंडलेश्वर आत्मानंद सरस्वती जी

झरियाः झरिया स्थित राणी सती मंदिर में सोमवार को एक सप्ताह तक चलने वाले श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन, 30 अगस्त को, व्यास पीठ पर आसीन महामंडलेश्वर 1008 श्री आत्मानंद सरस्वती जी महाराज ने अजामिल उपाख्यान एवं प्रह्लाद-नरसिंह चरित्र का बखान कर श्रोताओं को अभिभूत किया.

प्रभु की भक्ति में ही रचा-बसा है संसार का समस्त सुख
गांगेसरिया परिवार द्वारा आयोजित इस ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन महामंडलेश्वर आत्मानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि, ‘‘आज मनुष्य भौतिक सुखों के पीछे पागल है. उसे भगवान से केवल और केवल प्राप्त करने की इच्छा रहती है. निःस्वार्थ भक्ति किसी की नहीं है. लेकिन, यदि सच्चे मन से प्रभु से अपना चित्त जोड़ेंगे, तो किसी भी सुख की परवाह आपको नहीं होगी. भक्ति की शक्ति से बढ़कर और कुछ नहीं होता है.’’

अधर्मी का नाश निश्चित है
आत्मानंद जी ने प्रह्लाद की भक्ति का उदाहरण देते हुए यह बतलाया कि, ‘‘आग में से बचकर प्रह्लाद निकल गये और हिरणकश्यपु की सारी योजना धरी की धरी रह गयी. वहीं, प्रह्लाद की बुआ, जिसे आग में न जलने का वरदान प्राप्त था, वह अधर्म करने के फलस्वरूप खुद ही जल गयी.’’

धर्म की शरण में जाएं, कल्याण निश्चित है
महामंडलेश्वर आत्मानंद जी ने कहा कि, ‘‘अजामिल ने हरि के नाम से ही बाधा पार कर ली थी. इसलिए प्रभु से नैकट्य के लिए कभी भी किसी भी समय उनका नाम भजें, समस्या फौरन मिट जायेगी. लोगों को धर्म का साथ छोड़ना नहीं चाहिए और अधर्म का हाथ पकड़ना नहीं चाहिए.’’

नृत्य-नाटिका ने किया मुग्ध 
कार्यक्रम के दौरान कथा-प्रसंग का नृत्य-नाटिका के माध्यम से मंचन किया गया. श्रद्धालुओं ने इस मंचन की अपूर्व शोभा को खूब सराहा.

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