पाठक की कलम से : धनबाद में अपराधियों के ठेंगे पर तीन-तीन एसपी - अमर तिवारी

धनबाद : एक डेढ़ साल पहले तक धनबाद एक SP वाला जिला था और तब इतने अपराध नहीं होते थे जितने की इन दिनों. क्षेत्र का विकेंद्रीकरण तो कर दिया गया और दो अतिरिक्त Sp स्तर का पद भी सृजित हो गया, लेकिन उतने ही अपराधी बेलगाम और बेखौफ हो गए.

बड़े साहब का मन अब धनबाद में नहीं लग रहा है, वो अब समय काट रहे हैं. ऐसे भी रांची मुख्यालय में तबादला सूची को लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है, चौथे साहब भी जाने ही वाले हैं. इसलिए टाइम पास और रूटीन वर्क चल रहा है.

एक हैं साहब मनेर के लड्डू,खाओ तो पछताओ और न खाओ तो भी पछताओ. इतना गांव देहात मिल गया है कि भूगोल ही समझ में नहीं आता.कश्मीर से कन्याकुमारी,ऊपर से कुछ नक्सल प्रभावित इलाका.कई ग्रामीण थाना क्षेत्रों में कोयले की चोरी,अवैध डिपो,सॉफ्ट कोक भी चरम पर है.

आखिर कितना माथा कुचाया जाय. थाना भी चल रहे हैं दलालों के इशारों पर. बाबू साहब परेशान हाल हैं.

सिटी SP साहब का खूंटा काफी मजबूत है. कानपुर से नागपुर आये हैं. शहर में नित्य हत्या और बलात्कार हो रहे हैं. महिलाओं के गले का चेन झपटना तो आम बात है. साहब शांति से जीने वाले प्राणी हैं,सोचते हैं कहाँ फंस गए.अरे इससे अच्छा तो बैचमेट सुजाता वीणापाणि और अमन है.अरे यार ये धनबाद है और यहां कोई किसी का नहीं है.

प्रेस और पब्लिक ,मतलब सधा तो वाह वाह वरना लग गए पीछे.खैर जब आपके हवाले शहर है तो इसकी विधि व्यवस्था को ट्रैक पर रखना आपकी जवाबदेही है,अपराधियों में जरा भी पुलिस का खौफ नहीं है. किशोर कुणाल,डी.एन गौतम,अभयानंद सरीखे ips ने इतिहास रच रखा है.

आप चाहो तो सिंघम बन सकते हो बशर्तें काम का ढर्रा बदलना होगा. कानून व्यवस्था सुचारू रखने के लिए मेहनत करनी होगी, हनक पैदा करना होगा.

बड़े भाग्य से मानुष जनम मिलता है, ऊपर से देश की सर्वोत्तम सेवा: ias, ips, कुछ करो साहब ऐसा कि स्वर्णाक्षरों में नाम अंकित हो जाय वरना कितने आये और चले गए.

Web Title : CRIME GRAPH RAISES IN DHANBAD SAID AMAR TIWARI