अस्थिर मन में शांति और विकास की बात

धनबाद : लोगो से जुड़ने के क्रम में सरकार की नवीनतम प्रयासों में अंकीय सेवा से हैं. सरकार द्वारा ''प्रायोजित मन की बात'' जनमानस में एक नई उर्जा का संचालन करता हैं. वर्तमान मोदी सरकार नित्य नए प्रयासों को योजना का स्वरूप देकर आम जनता को लाभन्वित कर रहे हैं .

उनपर मौन रहने का आरोप हमेशा विपक्ष मढ़ती रहती हैं एवं लोगो में सरकार के प्रति प्रतिकूल रेवेया पैदा करता हैं पल पल धरने वाली धरनाओं को विकृत एवं बृहत् रुप देकर विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास एवं इससे जबाब की उपेक्षा करती हैं और तो और चुनावी मौसम में ''असहिष्णुता ''का खटराग अलाप कर लोगो को दिग्भ्रमित करती हैं. 

भारत के बुद्धिजीवी वर्ग ,साहित्यकार ,कलाकार ,अभिनेता और इस तरह के समूह आये दिन सरकार के विरोध में खड़े होते हैं, इनकी बुद्धिमता ,कलाकारी और रचना भारतवर्ष पर कलंक हैं जो अपनी विधमान गुणों के बल को ढाल बनाकर सरकार के विरोध में खड़े होते हैं .

इतना ही भारतवर्ष से लगाव हैं तो बॉर्डर पर जाकर अपने प्राणों की आहुति क्यु नहीं दे देते ? एवं अपनी रचनाओ में देश प्रेम क्यु नहीं दिखाते ? जो विपक्ष के ओक्षी राजनीति से प्रेरित होकर अपनी स्वयंप्रभुता को गिरवी रख देते. परन्तु इन सबो से विपरीत सरकार लोगो के अस्थिर मन में विकास और शांति की बात करती हैं और मौन रहकर शांति का पैगाम देती हैं, मैं सरकार का पक्षपात या राजनीति से प्रेरित बात नहीं कर रहा हूं.

बल्कि भारतवर्ष की इस कालखंड की व्याख्या कर रहा हूँ जिस में विपक्ष देश की स्वतंत्रता से लेकर अब तक की सबसे आक्रमक एवं खुनी तेवर में हैं, उन्हें भारतवर्ष की सुरक्षा, देशहित, विकास से कोई लेना देना नहीं हैं केवल सत्ता-भूख सत्ता रही हैं एवं इसी के प्रकोष्ट में इनकी निति हैं.

अब प्रश्न हैं की जनता को इससे क्या मिलेगा ? क्या इसी तथ्यों पर भारत विकास करेगा ? एवं हम कब तक जागृत होंगे ?

 




                                                                                                                                                                                                                      रवीन्द्र पाठक ,कार्टूनिस्ट (सिटीलाइव)

Web Title : PULPY MATTER OF PEACE AND DEVELOPMENT