72 घंटे बाद शुरू हुई एमपीएल की ट्रांसपोर्टिंग

निरसा : निरसा पुलिस निरीक्षक कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता के बाद लगभग 72 घंटे बाद शनिवार को एमपीएल की ट्रांसपोर्टिंग शुरू हुई.

ट्रांसपोर्टिंग शुरू होने के बाद एमपीएल प्रबंधन, ट्रांसपोर्टेरों और हाइवा मालिकों ने राहत की सांस ली है.

त्रिपक्षीय वार्ता के दौरान सहमति बनी कि ट्रांसपोर्टरों ने ट्रैफिक नियंत्रण में लगे सुरक्षा कर्मियों को तत्काल हटाया जा रहा है.

किसी सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से स्वच्छ छविवाले लोगों को चयन कर सुरक्षा व्यवस्था में लगाया जायेगा. इसके बाद ट्रांसपोर्टिंग शुरू हुई.

वार्ता में बताया गया कि वैसे सुरक्षा कर्मियों को ट्रांसपोटरों ने काम में लगा रखा है जो कई मामलों के आरोपी रह चुके है.

वे बाहर से आनेवाले वाहनों से रंगदारी वसूलते है. चालकों व स्थानीय लोगो से मारपीट करते है. वे किसी पंजीकृत सुरक्षा कंपनी से जुड़े नहीं है.

न तो उनकी कोई वर्दी है और न ही कोई पहचान. इसलिए तत्काल वैसे लोगों को हटाया जाए.

हाइवा चालक जामताड़ा रोड में 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से वाहन चलाएंगे.

जो हाइवा चालक इस नियम का उल्लंघन करेंगे उन हाइवा को ब्लैकलिस्टेड किया जायेगा.

सुबह 7 बजे से 9 बजे तक जामताड़ा रोड में हाइवा का परिचालन नहीं होगा.

ट्रांसपोर्टर अगर चाहें तो किसी पंजीकृत सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से ट्राॅफिक नियंत्रण के लिए स्थानीय सुरक्षा कर्मी रख सकते हैं.

परन्तु उनलोगों पर किसी प्रकार का आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए.

वार्ता में पूर्व मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता, उप-प्रमुख गौतम सेनगुप्ता, अमृत तिवारी, एसडीओ अभिषेक श्रीवास्तव, सीओ प्रशांत कुमार लायक, डीएसपी रामचंद्र राम, पुलिस निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार सिंह, निरसा थाना प्रभारी रामप्रवेश कुमार, एमपीएल के पदाधिकारी अभिषेक मणि सिंह और भी ट्रांसपोर्टेरों के प्रतिनिधि मौजूद थे.

 

सवाल मौजूद है

पूर्व मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता के दो हाउस गार्डों की एमपीएल के कोयला प्रेषण में लगे हाइवा चालक व उसके गुर्गों ने बुधवार को पिटाई कर दी थी.

विरोध में स्थानीय लोगों ने ट्रांसपोर्टिंग ठप कर दी थी. स्थानीय लोगों की मांग थी कि आरोपी चालक व उसके गुर्गो की गिरफ़्तारी हो.

उनपर क़ानूनी कार्रवाई हो. परन्तु न तो चालक की गिरफ़्तारी हो पयी और न ही उनके गुर्गे पकड़ में आए.

एसडीओ अभिषेक श्रीवास्तव साफ कहते हैं कि किसी ने भी इस संबंध में थाने में मामला दर्ज करवाया ही नहीं. फिर किसी की गिरफ़्तारी कैसे होगी.

पूर्व मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता ने पैतरा लिया है. हमलोग दोषियों को चिन्हित कर रहे हैं. उसके बाद उनपर मामला दर्ज करवाया जाएगा.

जिसकी पिटाई हुई वह पुलिस का जवान था. जब पुलिस के जवान ही मामला दर्ज करवाने में आगे नहीं आ रहे हैं तो आमलोग कैसे आगे आएंगे.

विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि रांची से प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल इस मामले का समाधान निकलने का दबाब पड़ा.

इसके बाद शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने आनन-फानन में इस मामले का समाधान निकाला.

इससे पहले एमपीएल प्रबंधन जिला प्रशासनिक पदाधिकारियों को त्राहिमाम पत्र लिख चुका था.

लेकिन ट्रांसपोर्टिंग शुरू करवाने का प्रशासन ने कारगर कदम नहीं उठाया. बाद में एमपीएल के वरीय पदाधिकारी मामले को रांची लेते चले गए.

उसके बाद रांची से दबाब पड़ते ही आनन-फानन में प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले का समाधान निकाला.

अगर प्रशासनिक पदाधिकारी पूर्व ही कारगर कदम उठाते तो 72 घंटे तक ट्रांसपोर्टिंग ठप नहीं रहता.

72 घंटे ट्रांसपोर्टिंग ठप रहने के कारण एमपीएल के ज्यादातर कर्मी कार्य पर नहीं जा पा रहे थे. इस कारण बिजली उत्पादन पर भी असर पड़ा.

ट्रांसपोर्टिंग 72 घंटे ठप रहने से हाइवा मालिकों को लगभग 30 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा.

ट्रांसपोर्टिंग में एक हजार से ज्यादा हाइवा लगी हुई है. सड़क पर खड़ी हाइवाओं से कोयले की भी चोरी हो रही है.

इसका खामियाजा हाइवा मालिकों को ही उठाना पड़ेगा. 72 घंटे के दौरान अबतक लगभग 7 हाइवाओं के स्टेपनी चक्का व बैटरी की चोरी हो चुकी है.

Web Title : TRANSPORTING OF MPL BEGAN AFTER 72 HOURS