पूछता है शिकायत: कब हटेगा अतिक्रमण, नायब तहसीदार के आदेश पर आखिर खामोशी क्यों? कौन दे रहा संरक्षण

लामता. जिम्मेदारों की मिली भगत से लोक निर्माण विभाग के सड़क मद में की भूमि में अतिक्रमण कर, अतिक्रमणकारी द्वारा आलीशान मकान ताना जा रहा है और जिम्मेदार खामोश है? आलम यह है कि अतिक्रमण पर मकान निर्माण के दौरान शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ ही शासकीय परिसर का उपयोग किये जाने पर भी विभाग मौन है. जिससे साफ पता चलता है कि अतिक्रमणकारी को संरक्षण दिया जा रहा है और सवाल यह है कि आखिर वह संरक्षण कौन दे रहा है? 

लामता में लोक निर्माण विभाग के खसरा नम्बर 54 सड़क मद की भूमि में अतिक्रमण कर आलीशान मकान बनाया जा रहा है, जबकि यह जगह राजस्व नक्शे में बालाघाट-नैनपुर सड़क के खसरा नम्बर 54 में दर्ज है. बावजूद इसके लोक निर्माण विभाग खामोश है, जो समझ से परे है.  मामले में कार्यवाही की अपेक्षा विभाग की अनदेखी कहे या मिलीभगत, अतिक्रमणकारी द्वारा भवन निर्माण के लिए मटेरियल सप्लाई भी लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस परिसर से किया गया है, जिससे रेस्ट हाउस परिसर की फेसिंग भी टूट गई, लेकिन विभाग ने कोई एक्शन लिया हो, ऐसा अब तक नजर नहीं आया.

क्षेत्रीय लोग बताते है कि मटेरियल का रेस्ट हाउस परिसर से परिवहन किये जाने से ना केवल फेसिंग टूटी है बल्कि रेस्ट हाउस का फर्श भी टूट चुका है.  जानकारी अनुसार खुरसोड़ा निवासी गिरधारी नगपुरे पर आरोप है कि उसके द्वारा सड़क मद की भूमि पर अतिक्रमण कर मकान बनाया गया है. जिसकी शिकायत दर्ज करने के बावजूद भी उस पर रोक लगाने मंे जिम्मेदारों के पसीने छूट रहे है. खसरा नम्बर 54 में लगभग-लगभग निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, पर अब तक उस पर रोक नही लगाया जाना, कहीं ना कहीं जिम्मेदारों द्वारा उसे संरक्षण दिये जाने की ओर इंगित करता है.  

जानकारी अनुसार अतिक्रमण की लिखित शिकायत 2 मार्च को तहसीलदार नितिन चौधरी से की गई थी. बावजूद इसके अतिक्रमण कर बनाये जा निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगाई गई. जबकि इसी स्थल पर किये जा रहे अतिक्रमण को कब्जे मं लेने के आदेश दिये गये थे. इस आदेश को मिलने में तहसील कार्यालय से शिकायकर्ता को 15 दिन लग गये. इसी अतिक्रमण प्रकरण में वर्ष 2016-17 में नायब तहसीलदार लामता के द्वारा 8 नवंबर 2017 को पारित आदेश में गिरधारी नगपुरे द्वारा खसरा नम्बर 54 में किये अतिक्रमण को हटाने के साथ ही 15000 रुपये का अर्थदंड लगाया गया था. जिसमें अनावेदक  गिरधारी नगपुरे द्वारा, शासन के आदेश की अवहेलना करते हुए अब तक अर्थदंड जमा भी नही किया गया. वहीं आदेश का उल्लंघन करते हुए निर्माण कार्य जारी रखा गया.  

पूर्व में नायब तहसीलदार लामता के आदेश का पालन नहीं होने से वर्तमान जिम्मेदारों पर कई सवाल खड़े हो रहे है. जबकि जब शिकायतकर्ता ने शिकायत की थी, तब केवल मकान की नींव बनी थी और आज वर्तमान समय में स्लैप का काम पूरा हो गया है.  

तहसील के जिम्मेदारों के साथ ही लोक निर्माण विभाग एसडीओ ने भी ध्यान नहीं दिया. रेस्ट हाउस परिसर से निर्माण सामग्री का परिवहन होता रहा और विभाग देखता रहा. टाइम कीपर एपी गौतम का कहना है कि हमारे द्वारा कोई परमिशन नही दिया गया है तो दूसरी ओर वे ही कहते है कि काम हो जाने के बाद मटेरियल हटा दिया जायेगा. और तो और वे कहते है कि तुरंत ही मकान मालिक को मटेरियल हटाने के लिये कहा गया, लेकिन वास्तविकता यह है आज दिनांक तक ना तो रेस्ट हाउस परिसर से मटेरियल हटाया गया है और ना ही रेस्ट हाउस परिसर से मटेरियल परिवहन पर रोक लगाई गई.

हालांकि मामले में दूरभाष पर चर्चा के दौरान पूर्व में अनुविभागीय अधिकारी पारस सिंह से बताया कि मुझे जानकारी नही है, कौल साहब को पहुंचाकर कार्यवाही का भरोसा दिलाया, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही विभागीय स्तर पर देखने को नहीं मिली. हालांकि बीते दिनों जरूर अनुविभागीय अधिकारी लामता रेस्ट हाउस पहुंचे थे और उम्मीद थी कि वह निरीक्षण के बाद कोई कार्यवाही करेंगे लेकिन ऐसा हो नहीं सका.  

उन्होंने मोबाईल चर्चा में बस इतना बताया कि मेरे द्वारा मकान मालिक गिरधारी नगपुरे को रेस्ट हाउस परिसर से मटेरियल हटाने एवं फेंसिंग कराने बोल दिया गया है, जो जल्दी फेंसिंग कर देंगा. लेकिन वह सड़क मद की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर मौन रहे. जिसमें उनकी जिम्मेदारी पर सवाल खड़े हो रहे है और कई तरह की चर्चायें होने लगी है. फिलहाल शिकायतकर्ता के हौंसले अब भी पस्त नहीं है, वह शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाकर अपनी जागरूक होने की नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध है, उसका कहना है कि एक बार फिर मेरी राजस्व विभाग एवं लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारियी से अपील है कि वह सड़क मद की भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण कार्य शीघ्र हटाये, अन्यथा वह इस मामले की उच्च अधिकारियों से शिकायत कार्यवाही की मांग करेगा.  


Web Title : COMPLAINT ASKS: WHEN WILL THE ENCROACHMENT BE REMOVED, WHY IS THERE SILENCE ON THE ORDERS OF NAIB TEHSILDAR? WHO IS PROTECTING?