कागजी बिजली बिल उपभोक्ता का अधिकार, पेपरलेस बिल को लेकर न्यायालय की शरण लेगी उपभोक्ता संरक्षण समिति

बालाघाट. कागजी बिजली बिल उपभोक्ता का अधिकार है. विक्रेता या प्रदायकर्ता का दायित्व है कि वह क्रेता को बिल प्रदाय करें. किन्तु बिजली विभाग इसका उल्लंघन करते हुए उपभोक्ता के साथ अन्याय कर रहा है. जिसको लेकर उपभोक्ता संरक्षण समिति ने निर्णय लिया है कि इस समस्या के निराकरण के लिए बिजली विभाग के अध्यक्ष, प्रबंध संचालक, मुख्य मंत्री मध्यप्रदेश शासन, ऊर्जा मंत्री मध्यप्रदेश शासन को पत्र भेजकर मांग की जायेगी और यदि इस समस्या का तत्काल निराकरण नहीं किया जाता है तो समिति उपभोक्ताओं के हितों को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका (पी. आई. एल. ) दायर करेगी. यह बात प्रेस से चर्चा करते हुए उपभोक्ता संरक्षण समिति के महामंत्री संतोष असाटी ने कही.

उन्होंने बताया उपभोक्ता संरक्षण समिति के प्रबंधकारिणी की बैठक समिति कार्यालय अध्यक्ष सुरजीत सिंह छाबड़ा की अध्यक्षता में आहूत की गई. जिसमें बिजली विभाग द्वारा चालु की गई पेपरलेस मासिक बिल प्रणाली को लेकर पदाधिकारियों ने भारी आक्रोश जाहिर किया.  

महामंत्री संतोष असाटी ने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण समिति के  प्रतिनिधि मंडल ने विद्युत मंडल के अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालन अभियंता से मुलाकात कर बिंदुवार पेपरलेस बिजली बिल सहित उपभोक्ता द्वारा बिजली बिल के ऑनलाइन भुगतान किये जाने पर 7. 08 रूपये का अतिरिक्त चार्ज लिये जाने, ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित विद्युत आपूर्ति नहीं होने जैसी बिजली समस्याओं पर मांगपत्र दिया है.  

उन्हांेने कहा कि पेपरलेस बिल व्यवस्था के कारण आम उपभोक्ता भारी परेशान हो रहे हैं. चूंकि ऐसे उपभोक्ता जिनके मोबाईल नंबर दर्ज है, उनके मोबाइल पर तो मैसेज आता है, लेकिन मैसेज में अधूरी जानकारी होती है, जब उसके लिंक को खोलकर जानकारी पता करनी होती है तो उपभोक्ताओं को अपना समय ऑनलाईन में व्यर्थ गंवाना पड़ता है, जबकि पूर्व में कागजी बिजली बिल आने से उपभोक्ता के पास पूरी जानकारी पहंुच जाती थी. वहीं  जिनके पास मोबाइल ही नहीं है या फिर पूर्व में दिया गया मोबाईल नं. बंद हो गया है, उन्हें भारी परेशानी हो रही है, यही नहीं बल्कि कई ऐसे अपराधिक मामले सामने आये है, जिसमें उपभोक्ता, मोबाईल पर बिजली बिल भुगतान किये जाने संबंधित आने वाले फर्जी मैसेज को सही मानकर साइबर फ्रॉड करने वालों के शिकार होकर अपने बैंक खातों से राशि गंवा रहे हैं. जिसे देखते हुए जिलें में उपभोक्ताओं के हितो के लिए कार्य कर रही उपभोक्ता संरक्षण समिति ने तय किया है कि बिजली विभाग के पेपरलेस ऑनलाईन बिजली बिल के तुगलकी फरमान के खिलाफ समिति पहले संबंधित प्लेटफार्म तक अपनी बात को पहुंचायेगी और वहां से निराकरण नहीं मिलने पर वह मामले को लेकर माननीय हाईकोई में जनहित याचिका दायर करेगी.  उपभोक्ता संरक्षण समिति की बैठक में अध्यक्ष सुरजीत सिंह छाबड़ा, त्रिलोकचंद कोचर, लोचनसिंह देशमुख, बलीराम भैरम, सुभाष गुप्ता, सुरेश रंगलानी, नानाजी बिसेन, डी. पी. राहंगडाले, भिवाजी उके, एम. आर. रामटेके, सूरजलाल गौतम, संतोष असाटी, श्रीमती वीणा डोंगरे, श्रीमती मंजुला तिवारी सहित अन्य उपस्थित थे.


Web Title : CONSUMER PROTECTION COMMITTEE TO APPROACH COURT OVER PAPERLESS BILL, CONSUMER BILL