नीरज सिंह हत्याकांड : गैंगवार का परिणाम या तीसरे बाहुबली के एंट्री की दस्तक...?

झरियाः नगर निगम के पूर्व उप मेयर सह कांग्रेस नेता नीरज सिंह हत्याकांड की कारणों का घटना के पांच दिन बाद भी खुलासा नहीं हो सका है.

हमलावर धनबाद स्थित कुसुम विहार में माह भर ठहरे रहे, नीरज सिंह के गतिविधियों की रेकी की. लेकिन सीआईडी को इस बात की भनक तक नहीं लगी.

खुफिया तंत्र के इस कमजोरी पर लोग सवालिया निसान लगाने लगे है. शनिवार को कोयलांचल में यह बात चर्चे में थी कि रंजय सिंह हत्याकांड के 51वें दिन नीरज सिंह की हत्या हुई. इन दोनों हत्याकांडो ने कोयलांचल में फिर से गैंगवार होने की दस्तक दे दी है.

अबतक दोनों ही कांडों में हत्यारे पुलिस की पहुंच से बाहर है. कुसुम विहार के जिस घर में कथित शुटर ठहरे थे, मकान मालिक के बताये अनुसार पुलिस विभाग ने शुटरों को स्कैच बनवाया है. जिसकी मदद से इस हत्याकांड का सुराग बिहार और यूपी से जुड़े होने की बात कही जा रही है.

 

तीसरे पक्ष पर जा रही है लोगों की निगाहें

रंजय सिंह और नीरज सिंह हत्याकांड गैंगवार का परिणाम है. दोनों ही लोगों की हत्याओं में कई समानताएं मिल रही है. रंजय की हत्या रघुकुल के पास हुई, जबकि नीरज सिंह की हत्या सिंह मेंसन के पास. यह बात चर्चे में है कि निश्चित रुप से एक ऐसा तीसरा बाहुबली है जो दोनों परिवारों से खार खाये हुए है, और एक दुसरे को जबरदस्त प्रतिद्वदीं बनाकर इतना कमजोर कर दिया जाय कि कुछ भी बोल नहीं सके.

तीसरे बाहुबली की निगाहें कोयलांचल के अकूत संपत्ति यानी लोडिंग प्वाइन्ट एवं आउटसोर्सिगं कंपनियों से प्राप्त होने वाली धनराशि से है. पूर्व में कई बार इस धन को लेकर विभिन्न यूनियनों में झड़प भी हो चुकी है.

कोयलांचल में दशकों पूर्व गैंगवार की षुरुआत हुई थी. गैंगवार चाहे वासेपुर से जुड़ा हुआ हो या फिर बाघमारा कतरास से या झरिया कोयलांचल से. पूर्व में हुई हत्याओं की लंबी फेहरिस्त लोगों की जेहन में है. कुछ दिनों तक भले ही मामला शांत रहा हो लेकिन गैंगवार की दस्तक से लोगों का दिल दहल उठता है.

वर्ष 2017 की शुरुआत कोयलांचल के लिए बेहतर नहीं रही. 29 जनवरी 2017 को धनबाद बिग बाजार के पास रंजय सिंह की हत्या हुई थी. जबकि 21 मार्च 2017 को पूर्व उप मेयर नीरज सिंह की हत्या सरायढेला स्टील गेट के पास हुई.

 

घटना का सूत्रधार कौन है?

बाहर से कोयलांचल में आये शूटरों को झरिया धनबाद की भौगोलिक जानकारी देने वाला कोई ना कोई स्थानीय लिंक रहा होगा. इस लिंक का खुलासा पुलिस को करना होगा. जिस घर में शुटर ठहरे थे उसके मकान मालिक सीएफआरआई के सेवानिवृत उप निदेशक है. उनके अनुसार स्थानीय किसी मुन्ना नामक व्यक्ति की अनुशंसा पर उक्त युवकों को रखा गया था. यह जांच का विषय है कि मुन्ना का संबध आरोपियों से कैसा था. पुलिस के लिए मुन्ना ट्रूप कार्ड साबित हो सकता है.

 

गिरफ्तारी और पूछताछ का  सिलसिला जारी

कांग्रेस नेता नीरज सिंह हत्याकांड मामले को सुलझाने के लिए पुलिस के अलावा सीआईडी एवं एसआईटी की टीम जुटी हुई है. शनिवार को भी एसआईटी टीम के अधिकारियों ने मामले को सुलझाने के लिए झरिया थाना में घंटो मंथन किया.

बैठक में मौजूद एसआईटी अधिकारी एमपी गुप्ता ने पुलिस अधिकारियों से विचार विमर्श किया. गौरतलब हो कि शुक्रवार को ही पुलिस ने झरिया कोयलांचल से विभिन्न मामलों के तीन आरोपियों को हिरासत में लिया था.

जिसमें से 2 को शनिवार को जेल भेज दिया गया. साथ ही इस मामले में देर शाम दो नामजद गया सिंह और  महंत पाण्डेय को पुलिस गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम को शंका है कि झरिया से ही शुटरों को कई तरह की जानकारियां मिली है. कारण प्रतिदिन शाम नीरज सिंह झरिया कतरास मोड़ स्थित कार्यालय आते-जाते थे.

घटना की शाम भी झरिया कार्यालय में कार्यकर्ताओं से वार्ता करने के बाद वे धनबाद के लिए निकले. सूत्रों का ऐसा मानना है कि झरिया के किसी मुखबीर ने इस बात की सूचना शुटरों को दी होगी.

इस सूचना पर ही घटना को अंजाम देने के लिए कथित शुटर स्टील गेट में जुटे होगें. सत्यता क्या है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा. लेकिन एसआईटी टीम का झरिया में डेरा डालना इस शंका को बल देता है.

Web Title : IS THIRD PARTY KNOCKED IN KOYLANCHAL WITH NIRAJ SINGH MURDER