श्री गुरूनानकदेव जी का 551 वां प्रकाश उत्सव आज

बालाघाट. सतिगुरू नानक प्रगटिआ, मिटी धुंध जग चानण होआ.. . जैसे महान श्री गुरूनानकदेव जी का 551 वां प्रकाश उत्सव आज सोमवार 30 नवंबर को पूरी आस्था, विश्वास और श्रद्वा के साथ गुरूद्धारा में समूह साध संगत द्वारा मनाया जायेगा.  

सिक्ख धर्म के प्रथम संस्थापक धन्य धन्य श्री गुरूनानक देवजी के 551 वें प्रकाश उत्सव पर गुरूद्वारा श्री गुरूसिंघ सभा द्वारा विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. कहा जाता है कि पंद्रहवी सदी में जब मुगल हुकुमत का बोलबाला था, हर ओर जोर-जुल्म की आंधी ने पूरे संसार को घेरे रखा था. जनता त्राहि-त्राहि कर रही थी और चारो तरफ अंधेरा था, उस समय आज से 551 वर्ष पूर्व सन् 1469 में श्री गुरूनानक देवजी महाराज का अवतरण तलवंडी शहर में हुआ था. जो ननकाना साहिब के नाम से पाकिस्तान में प्रसिद्ध है. जिन्होंने पूरे हिन्दुस्तान को जुल्मों से मुक्त कराया. जिन्होंने लोगों में व्याप्त अंधविश्वास को दूर करने का काम किया. यही कारण है कि गुरू श्री नानकदेवजी को हर पंथ और हर धर्म के धर्मावलंबियों ने अपना गुरू माना. श्री गुरूनानक देवजी ने सर्वप्रथम उस समय 20 रूपये से लंगर की सेवा शुरू की थी, जिसका उद्देश्य एक पंगत में बैठकर जात-पात, उंच-नीच, अमीरी-गरीबी को भुलाकर, एक साथ लंगर की खाने की प्रथा शुरू की. जिसके बाद गुरूनानकदेव जी के इस प्रथा को गुरू अंगददेवजी ने बड़े विशाल स्तर पर शुरू किया. जिसे आज भी पूरा सिक्ख समाज गुरू का आदेश मानते हुए उस प्रथा को आज भी जीवंत बनाये हुए है.  

गुरू नानकदेवजी के 551 वें प्रकाश उत्सव पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी गुरूद्वारा में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम 20 नवंबर से 30 नवंबर तक आयोजित किये गये है. जिसमें आज 28 नवंबर को श्री अखंड पाठ साहिब जी की आरंभता, रूमाला चन्दोआ साहिब सेवा और हाईड्रोलिक निशान साहिब का अनावरण करते हुए चोले की सेवा सरदार जसबीरसिंघ सौंधी, हरचरणसिंघ नरडे, हरविंदरसिंघ अतालिया और तरजीतसिंघ परमार द्वारा की गई. जबकि 29 नवंबर को बच्चों द्वारा श्री गुरूनानक देवजी की जीवनी, गुरू महाराज के जीवन के संबंध मंे कविता पाठ, शबद कीर्तन और गायन किया गया.

आज 30 नवंबर को श्री गुरूनानकदेवजी का 551 वां प्रकाश उत्सव मनाया जायेगा. जिसमें प्रातः अखंड पाठ साहिब की संपूर्णतया उपरांत रागी हजुरी जत्था बालाघाट भाई जितेन्दरसिंघ समूह और साध-संगत जी द्वारा शबद कीर्तन के बाद  लंगर की सेवा सरदार जसमीतसिंघ एवं मनमीतसिंघ पसरिचा द्वारा की जायेगी. आज सिक्ख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरू श्री गुरूनानकदेवजी के 551 वें प्रकाश उत्सव पर श्री गुरूद्वारा में आयोजित कार्यक्रम और लंगर की सेवा में सभी सिक्ख धर्मावलंबियों और आम नागरिकों से उपस्थिति की अपील सेवादार जसबीरसिंघ सौंधी, सुरजीतसिंघ छाबड़ा, सुरेन्द्रपालसिंघ सौंधी, पूरनसिंघ भाटिया, हरचरणसिंघ नरडे, गुरमीतसिंघ गंभीर, हीरासिंघ भाटिया, अवतारसिंघ भाटिया, गुरजीतसिंघ गिल, जतिन्दरसिंघ परमार, जिम्मी भाटिया, गुरमीतसिंघ सिद्धु, श्रीमती सुखविंदर कौर, श्रीमती अमरजीत कौर अतालिया, श्रीमती राजरानी गांधी, श्रीमती जसप्रीत कौर सहित युथ फेडरेशन के सेवादारों ने की है.


Web Title : 551ST PRAKASH UTSAV OF SHRI GURUNANAKDEV JI TODAY