बालाघाट. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भले ही निर्देश दे चुके हो कि जिले में बाहर से कोई धान नहीं आने दिया जायें बल्कि समर्थन मूल्य पर केवल जिले के किसानों से ही धान खरीदी जायें, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश से उलट बालाघाट में यूपी और बिहार से ट्रको से धान की खेप आ रही है और उसे बड़े व्यापारी अपने दलालों और कोचियों के माध्यम से समर्थन मूल्य में खपाने में लगे है. शुक्रवार की रात मानेगांव में यूपी के धान से भरे गये ट्रक के पकड़ाये जाने, जिले में आ रही बाहरी धानों का एक जीवंत प्रमाण है. जिसको लेकर प्रशासनिक उदासीनता और सत्ताधारी नेताओं की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर रहे है.
जिले में यूपी और बिहार से आ रही धान की खेप को लेकर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने बड़ा आरोप लगाया है, निज-निवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कहा कि समर्थन मूल्य की खरीदी के दौरान यूपी और बिहार से कम कीमत में धान को लाकर खपाने का काला कारोबार जिले में राजनेता और प्रशासन के संरक्षण पर चल रहा है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार की रात्रि मानेगांव में पहुंचे दो ट्रको में केवल एक ट्रक पर कार्यवाही की गई, जिसमें भी धान को कम आंका गया. यही नहीं बल्कि श्री मुंजारे ने दिपावली के बाद से जिले में यूपी और बिहार का लगभग 2 करोड़ रूपये का 60 से 70 ट्रक के बालाघाट पहुंचने का संगीन आरोप लगाते हुए सोसायटियो के माध्यम से इसे खपाने की बात कही. उन्होंने कहा कि यूपी और बिहार से बालाघाट लाई गई कुछ धान को छोटे किसानों की पट्टी के माध्यम से खपा भी दिया गया है. यह सब काम प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है और प्रशासन को कोई जानकारी नहीं है, यह समझ से परे है. उन्होंने गायत्री मिल संचालक हितेश अग्रवाल की जांच किये जाने की बात कही है, ताकि इसकी जांच हो सके कि उन्होंने यूपी और बिहार से मंगाये गये माल को और कहां-कहां सप्लाई किया है, या बेचा है और जिन्होंने खरीदा है, उसका वह कैसा उपयोग कर रहे है.
पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कहा कि कैसे एक ट्रक यूपी का धान लेकर बालाघाट आ गया, इसकी भी जांच की जानी चाहिये. उन्होंने कहा कि एक ओर जिले का किसान अपनी उपज बेचने परेशान है तो दूसरी ओर बाहरी प्रदेश से लाई जा रही धान को काले कारोबारी, समर्थन मूल्य में खपाने का काम कर रहे है. यह कतई संभव नहीं है कि केवल यह काम व्यापारी कर रहे है बल्कि यह पूरा काला कारोबार जिले मंे मिलीभगत से किया जा रहा है, जिसकी जांच किये जाने की आवश्यकता है.
एमएसपी की ग्यारंटी दे सरकार
कृषि किसान अध्यादेश को लेकर पंजाब, हरियाणा और अन्य प्रदेशों के किसानों द्वारा किये जा रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कहा कि सरकार आखिर अध्यादेश में यह साफ क्यों नहीं कर रही है कि किसानों की उपज समर्थन मूल्य में खरीदेगी. उन्होंने कहा कि कृषि किसान बिल, पूरी तरह से किसानों को बर्बाद करने वाला बिल है, विदेश में भी सरकार ने इसी तरह का काम किया था. जिससे उस देश के अधिकांश किसान बर्बाद हो गये. कृषि किसान बिल के नाम पर सरकार कृषि को भी पंूजीपतियों के हाथ में सौंपना चाहती है. जो देश और प्रदेश के किसानों के साथ अन्याय है और इसे किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरकर आंदोलन भी किया जायेगा.