भ्रष्टचारी कहे जाने पर सहकारी कर्मचारियों ने किया खाद्य अधिकारी चौधरी का विरोध,अधिकारी को हटाये जाने की मांग, काम बंद आंदोलन की चेतावनी

बालाघाट. जिला खाद्य अधिकारी एच. एस. चौधरी के 23 धान खरीदी केन्द्रो को भ्रष्टचारी बताये जाने पर मध्यप्रदेश राज्य सहकारी कर्मचारी संघ, अधिकारी को तत्काल पद से हटाये जाने की मांग को लेकर आंदोलित हो गया. आज चौधरी हटाओ, जिला बचाओ, चौधरी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी, चौधरी हाय-हाय के नारो के साथ सहकारी कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष पी. सी. चौहान के नेतृत्व में एक रैली निकाली गई.  

नगर के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से सहकारी कर्मचारी संघ की रैली काली पुतली चौक, जयस्तंभ चौक, विश्वेश्वरैया चौक से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची. जहां कलेक्टर दीपक आर्य को ज्ञापन सौंपकर खाद्य अधिकारी को हटाये जाने की मांग सहित धान खरीदी के छोड़े गये 23 केन्द्रो की स्थापना करने, केन्द्र स्थापित नहीं करने पर सभी उपार्जन केन्द्र को स्वसहायता समूह को दे दिये जाने और धान खरीदी के दौरान खरीदी केन्द्र में कमी के लिए समिति ही क्यों जवाबदार हो, इसमें खाद्य विभाग, विपणन अधिकारी और परिवहनकर्ताओं की भी जवाबदारी तय किये जाने की मांग को लेकर 4 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौंपा गया. इसके अलावा सहकारी कर्मचारी संघ ने राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक को भी ज्ञापन सौंपा.

खरीफ फसल उपार्जन 2020-21 में की जाने वाली धान उपार्जन को लेकर किसानो का पंजीयन कार्य प्रारंभ है, जिले के 167 धान उपार्जन केन्द्र में 23 धान उपार्जन केन्द्र में इस बार धान खरीदी सहकारी समिति न करके आजीविका मिशन से कराये जाने के निर्णय लिया गया है. जिसको लेकर जिला खाद्यअधिकारी एच. एस. चौधरी ने मीडिया को दिये गये बयान में 23 समितियों पर भ्रष्टाचार होने के कारण वहां धान उपार्जन का कार्य नहीं कराये जाने की बात कही है.  

जिला आपूर्ति अधिकारी के बयान और 23 सहकारी समितियों में धान खरीदी नहीं करने के लिये गये निर्णय के खिलाफ मध्यप्रदेश राज्य सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ बालाघाट इकाई लामबंद हो गई है. महासंघ की की बैठक आज जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक परिसर से आज रैली निकाली.  

महासंघ जिलाध्यक्ष पी. सी. चौहान ने प्रेस से चर्चा करते हुए कहा कि जिला खाद्य अधिकारी द्वारा जिन 23 समितियों को लेकर भ्रष्टाचार की बात कही गई है, वह उसे सिद्ध करें या फिर अपना बयान वापस ले. साथ ही जिन 23 सहकारी समितियों को धान खरीदी से अलग किया गया है, उसका निर्णय भी वापस लिया जायें अन्यथा, जिले की सभी 167 सहकारी समितियों में कोई धान खरीदी नहीं की जायेगी. प्रशासन और खाद्य अधिकारी धान की खरीदी, केन्द्रो में न करवाकर आजीविका मिशन के माध्यम से करा लें. उन्होंने कहा कि यदि आगामी 15 अक्टूबर तक खाद्य अधिकारी श्री चौधरी को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तो इसके बाद जिले के सभी सहकारी कर्मचारी काम बंद कर आंदोलन में चले जायेंगें.  

महासंघ प्रांतीय प्रतिनिधि दिनेश परिहार ने कहा कि विपरित परिस्थितियों में सोसायटी कर्मचारियों ने सरकार के निर्देश पर रात-रात भर जागकर किसानों का एक-एक दाना खरीदा. जिस समितियों को वरिष्ठ स्तर पर धान खरीदी के लिए अभी प्रारंभ नहीं किया गया है, उसे जिले के खाद्य अधिकारी भ्रष्टाचारी बताकर सहकारी कर्मचारियों की सेवा पर लांछन लगाने का काम कर रहे है, जो निंदनीय है, हमारी मांग है कि सभी 23 समितियों को भी धान खरीदी केन्द्र बनाये जायें और खाद्य आपूर्ति अधिकारी पर तत्काल कार्यवाही कर उनका स्थानांतरण किया जायें. अन्यथा यह आंदोलन जारी रहेगा.

गौरतलब हो कि वर्तमान में अभी किसानों का पंजीयन प्रारंभ है, आगामी नवंबर में धान खरीदी की जाना है, इसके पूर्व सहकारी समितियों की यह नाराजगी, धान खरीदी के दौरान प्रशासन के लिए एक बड़ी मुसीबत बन सकती है, जिससे किसानों को भी परेशान होना पड़ सकता है. बहरहाल सहकारी कर्मचारी महासंघ अपनी मांगो पर अड़ा है, अब देखना है कि प्रशासन का इस मामले में क्या रूख होता है.

इस दौरान उपाध्यक्ष एल. जे. बिसेन, एल. पी. सोनगढ़े, सचिव एम. पी. ठाकरे, सहसचिव कार्तिक बिसेन, कोषायध्यक्ष योगेन्द्र मात्रे, सहकोषाध्यक्ष राकेश पटले, महामंत्री चेतसिंह भगत, संगठन मंत्री मनोज कटरे, जे. एल. पटले, प्रवक्ता शारदा परिहार, जियालाल लिल्हारे सहित पूरे जिले की सहकारी समितियों से पहुंचे कर्मचारी साथी मौजूद थे.


Web Title : CO OPERATIVE EMPLOYEES PROTEST AGAINST FOOD OFFICER CHAUDHRY, DEMAND REMOVAL OF OFFICER, WARNING OF STOP WORK AGITATION WHEN CALLED CORRUPT.