वैनगंगा नदी में कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दीपदान करने श्रद्वालुओं की लगी भीड़, कार्तिक में पूर्णिमा पर अंतिम स्नान कर किया भगवान शिव और विष्णु का किया पूजन, उगत सूर्य को दिया अर्ध्य

बालाघाट. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन कार्तिक स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को अपार सौभाग्य की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा सबसे शुभ दिनों में से एक मानी जाती है. ऐसा माना जाता है कि कार्तिक माह के दौरान कार्तिक स्नान करना 100 अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर है.

19 नवंबर शुक्रवार को हो रहे कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने वैनगंगा नदी पर श्रद्वालुओं की भीड़ रही. जहां बड़ी संख्या में लोगो ने स्नान किया, वही भगवान शिव और विष्णु का पूजन किया. इस दौरान दीपदान भी किया गया. नगर से होकर गुजरने वाली वैनगंगा नदी में तड़के से ही पवित्र स्नान का दौर जारी रहा. कार्तिक मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. यह पूर्णिमा सभी पूर्णिमा में बड़ी होती है. इस दिन दान और स्नान का विशेष महत्व है. गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है. हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है.

श्रद्वालु अंजु राऊत ने बताया कि मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर देवता पृथ्वी पर आकर गंगा में स्नान करते हैं इसलिए इस दिन गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए. यदि गंगा स्नान संभव न हो तो पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए. कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली भी होती है. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करना बेहद शुभ माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी नदी या सरोवर के किनारे दीपदान किया जाता है. कहा जाता है कि यदि नदी या सरोवर पर नहीं जा सकते हैं तो देवस्थान पर जाकर दीपदान करे. इससे देवता प्रसन्न होते हैं. घर में धन-धान्य और सुख-शांति बनी रहती है. इसलिए कार्तिक स्नान वे नदी पहुंचे थे. इस दौरान यहां गंगा स्नान के बाद दीपदान किया गया और नदी में रेत का शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा अर्चना की गई. उन्होंने बताया कि इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने पर श्री हरि प्रसन्न होते हैं. व्यक्ति के सभी संकटों को दूर करते हैं.

इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने पर श्री हरि प्रसन्न होते हैं. व्यक्ति के सभी संकटों को दूर करते हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था. इस दिन दान-पुण्य करना बेहद फलदायी होता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करके उगते सूर्य को अर्ध्य दिया गया. जो बेहद फलदायी माना जाता है. इसके अलावा दान-पुण्य का विशेष महत्व है.


Web Title : DEVOTEES THRONG VANGANGA RIVER TO BATHE AND OFFER DEEPADAN ON KARTIK PURNIMA, PERFORM LAST BATH ON PURNIMA IN KARTIK, WORSHIP LORD SHIVA AND VISHNU, GIVE HALF TO RISING SUN