धान खरीदी केन्द्रो से धान परिवहन नहीं होने से किसान परेशान, जिम्मेदार मौन

लामता. एक जानकारी के अनुसार 22 दिसंबर की स्थिति पर जिले के 55 हजार 916 किसानों ने अपनी उपज के विक्रय के लिए स्लॉट बुक कराया है. जिसमें 28 हजार 48 किसानों ने 287 करोड़ 36 लाख रूपए की 13 लाख 16 हजार 372 क्विंटल धान खरीदी केंद्रों में विक्रय की है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में केन्द्रो में बिक्री की गई धान के परिवहन को लेकर, गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है, यही कारण है कि धान खरीदी केन्द्रो में धान की बोरियों का अंबार लग गया है और किसान, अपनी धान कहां रखे, यह सोच का परेशान हो रहा है. वहीं दूसरी ओर धान परिवहन को लेकर उपार्जन कार्य में लगे संबंधित विभाग जानकारी मांगे जाने पर एकदूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे है, परिवहन का जिम्मा संभाल रहे विपणन विभाग के अधिकारी, इस मामले में प्रेस से चर्चा करना तक मुनासिब नहीं समझते है. जिससे साफ है कि परिवहन को लेकर जिम्मेदारो ने मौन साध लिया है, जबकि उपार्जन के पहले तो सेक्टर वाईज, परिवहन की व्यवस्था किए जाने की बड़ी बात विभाग द्वारा कही गई थी.  

एक जानकारी के अनुसार लामता तहसील क्षेत्र के सभी धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी का कार्य प्रगति में है,परन्तु धान खरीदी केंद्रों से धान का परिवहन नही होने से किसानो को परेशान होना पड़ रहा है. लामता क्षेत्र के चरेगांव, लामता, टांकाबर्रा, घुनाड़ी,गुडरु एवं चांगोटोला खरीदी केंद्रों में परिवहन नही होने से खरीदी केन्द्र पूरी तरह से भर गया है. जिससे स्लॉट बुक वाले किसानों को धान तुलवाने के लिए जगह नही होने के कारण किसान परेशान होना पड़ रहा है. धान खरीदी केंद्र प्रभारी की मानें तो खरीदी हुई धान का परिवहन नही होने के कारण जगह का अभाव हो गया है, जगह खाली न होने के कारण जिन किसानों का धान आ रहा उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अगर धान का परिवहन नही किया गया तो किसानों से धान खरीदने में भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा. धान परिवहन न होने से खरीदी केंद्रों में खुले में धान का डंप करके रखा जा रहा. जानकारों के अनुसार क्षेत्र के प्रति खरीदी केंद्रों में 10,000 हजार किविंटल धान से अधिक धान खुले में रखा गया है. जिस पर मौसम का खतरा हमेशा बना है. खरीदी केंद्रों में धान डंप करने एवं किसानों के धान खरीदी करने को पर्याप्त जगह नही होने से किसान अपना धान कहां रखे और कैसे अपना धान तुलवाये, यह किसानो को समझ नहीं आ रहा है.   


Web Title : FARMERS UPSET DUE TO NON TRANSPORTATION OF PADDY FROM PADDY PROCUREMENT CENTERS, RESPONSIBLE SILENCE