विश्व मत्स्य पालन दिवस पर मत्स्य पालकों को किया गया सम्मानित, सरकार मत्स्य किसानों को प्रोत्साहित कर आत्मनिर्भर बनाने कर रही कार्य-अनुपमा नेताम

बालाघाट. मत्स्य पालन से जुड़े लोगों की आजीविका, मछलियों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण एवं महासागरीय पारिस्थिति तंत्र के मध्य समन्वय एवं संतुलन बनाये रखने के प्रति जागरूकता के लिए प्रति वर्ष की तरह 21 नवंबर को कमला नेहरू महिला मंडल सभागार में विश्व मत्स्य पालन दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया. कार्यक्रम में जिले में मत्स्य पालक किसानों को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर जिला पंचायत उप प्रधान श्रीमती अनुपमा नेताम, पूर्व विधायक  भगत सिह नेताम, उप संचालक मत्स्योद्योग श्रीमती शशिप्रभा धुर्वे, कृषि विज्ञान केन्द्र बड़गांव के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. आर. एल. राउत, मत्स्य पालन से जुड़े विभागों के अधिकारी मौजूद थे.

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला पंचायत उप प्रधान श्रीमती अनुपमा नेताम ने मत्स्य पालन किसानों को विश्व मत्स्य दिवस की बधाई देते हुए कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र को किसानी से जोड़ने का कार्य किया है, जो सराहनीय है. सरकार इस क्षेत्र में कार्य कर रहे किसानों को भरपूर मदद कर रही है, जिससे किसानों की आय बढ़ रही है. सरकार ने मत्स्य किसानों को प्रोत्साहित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालकों को परिश्रम करने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए. श्रीमती नेताम ने कहा कि मत्स्य पालन के इस कार्य से महिलाओं को भी रोजगार मिल रहा है और बालाघाट जिला मत्स्य पालन के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है.

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक श्री भगत सिंह नेताम ने कहा कि मत्स्य पालन के कार्य से अंतिम पायदान के लोगों को जोड़ा गया है. मत्स्य पालन के इस कार्य ने किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारा है. यह स्वरोजगार का एक अच्छा साधन है और कम खर्च में ज्यादा आमदनी देने वाला कार्य है. समय-समय पर राज्य और केंद्र सरकार द्वारा मछली पालक किसानों को योजनाओं के माध्यम से सहायता दी जा रही है. हमें स्थानीय स्तर पर उपलब्ध जल स्त्रोंतों और संसाधन को लाभकारी बनाने केलिए कार्य करने की आवश्यकता है. जिले के कान्हा क्षेत्र में मत्स्य पालन के लिए तालाबों का निर्माण हो और इन तालाबों में मछली पालन के साथ-साथ बोटिंग का कार्य भी हो. जिससे कान्हा घूमने आए पर्यटकों को इन तालाबों में बोटिंग की सुविधा मिल सकेगी. इस प्रकार के कार्य को ईकोटूरिज्म के साथ जोड़ने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा मछली पालन के कार्य में हम खुशहाल बन सकते हैं और लाभान्वित भी हो सकते हैं.

उपसंचालक मत्स्योद्योग श्रीमती शशि प्रभा धुर्वे ने कार्यक्रम में बताया कि विश्व मत्स्य पालन दिवस का कार्यक्रम जिला स्तर पर प्रथम बार आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वरोजगार से एवं मत्स्य पालन से जुड़े सभी किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना है. इसके साथ ही इस क्षेत्र में कार्य करने वाले मत्स्य पालक किसानों को सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में अलग पहचान दिलाना है. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन एक घरेलू उत्पाद है जो देश की आर्थिक स्थिति में भी अपना विशेष योगदान देता है. मत्स्य पालन के क्षेत्र में बालाघाट जिला प्रदेश का अग्रणी जिला है. मछली पालन करने वाले किसानों की स्थिति वर्तमान समय में काफी अच्छी हुई है जिससे उनके परिवार में खुशी का माहौल भी बना हुआ है. मछली खाद्य श्रृंखला देखा जाय तो यह एक प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार है. इसके सेवन से कुपोषण एवं गंभीर बीमारियां भी दूर करने में मदद मिलती है. मत्स्य पालन करने वाले किसान मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत भी लाभ ले सकते हैं. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में और भी सुधार आ सकता है.

विश्व मत्स्य दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा  मत्स्य किसानों को शॉल, श्रीफल और  प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में मत्स्य पालन से आजीविका एवं मछलियों के प्राकृतिक आवासों के संरक्षण के बारे में विस्तार से चर्चा की गई.


Web Title : FISHERIES FARMERS HONOURED ON WORLD FISHERIES DAY, GOVERNMENT ENCOURAGES FISH FARMERS TO MAKE SELF RELIANT ANUPAMA NETAM