आम बजट: कहीं खुशी कहीं निराशा,भाजपा ने की बजट की तारीफ तो कांग्रेस और लोगों ने बजट को बताया निराशाजनक

बालाघाट. देश की मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा देश का आम बजट 1 फरवरी को पेश किया गया. जिसमें स्वास्थ्य, निजीकरण, पेट्रोलियम पदार्थ में कृषि सेस, सोने-चांदी, लोहे और तांबे के सामानों में गिरावट, विदेशी कपड़े, मोबाईल और तेल में बढ़ोत्तरी सहित कई बाते है. जिसको लेकर राजनीतिक दलों और आम लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया है. जहां भाजपा ने बजट नेताओं ने बजट की तारीफ की है, वहीं कांग्रेस और अन्य लोगों ने बजट को निराशाजनक बताया है.  

अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला बजट-बिसेन

पूर्व मंत्री एवं विधायक गौरीशंकर बिसेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गये बजट को अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला बजट बताया है. उन्होंने कहा कि यह बजट देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने का महत्वकांक्षी बजट है. इससे देश की इकोनॉमी के साथ ही जीडीपी भी मजबूत होगी. उन्होंने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का आत्मनिर्भर भारत के लिए पेश किये गये महत्वकांक्षी बजट का अभिनंदन करते हुए कहा कि सरकार ने विकास के साथ ही कृषि को प्राथमिकता दी है. किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदे जाने की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी और किसान को लागत का डेढ़ गुनी कीमत मिलेगी. इसमें किसानों की फसलों को खरीदने के लिए राशि का प्रावधान किया गया है. स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अतिरिक्त बजट और 75 साल से ज्यादा उम्र वाले सीटिजन को रिटर्न नहीं भरने की सुविधा दिया जाना, सरकार के सबका साथ-सबका विकास की कल्पना को साकार करता है.

सबका साथ-सबका विकास वाला बजट-सुरजीतसिंह ठाकुर

भाजपा नगर अध्यक्ष सुरजीतसिंह ठाकुर ने कोरोना कॉल में नरेन्द्र मोदी सरकार की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गये देश के आम बजट को देश के विकास की ओर ले जाने वाला और कृषकों को लागत का डेढ़ गुना फायदा पहुंचाने वाला बजट बताया है. उन्होंने कहा कि विपरित परिस्थिति में भी देश की मोदी सरकार ने आम बजट पेश करते हुए यह साफ कर दिया है कि यह सरकार देश के आम वर्ग, किसानों और सबका साथ-सबका विकास चाहने वाली सरकार है. निजीकरण से रोजगार पैदा हो सके, जिसके लिए नरेन्द्र मोदी की सरकार ने साहस का परिचय देते हुए निजीकरण के क्षेत्र में एक अहम फैसला लिया है, जिससे न केवल सरकार को आय होगी अपितु देश के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. कृषकों की लागत का डेढ़ गुना कीमत दिये जाने का फैसला किसानों को संपन्न और खुशहाल बनायेगा. हालांकि अभी पूरे बजट की बारिकियां आना बाकी है, लेकिन जिस तरह से मोदी सरकार ने बजट पेश किया है, उससे यह साफ है कि सरकार देश को आत्मनिर्भर और स्वास्थ्य के क्षेत्र में मजबूत करना चाहती है. जिससे यह बजट देशवासियों के लिए एक अहम बजट साबित होगा.

बजट में सरकार ने हर वर्ग को दी राहत-श्रीमती भारती ठाकुर

श्रीमती भारती ठाकुर ने मोदी सरकार द्वारा पेश किये गये बजट को महत्वपूर्ण और फायदेमंद बताते हुए कहा कि इसमें हर वर्गो के लिए सरकार ने कुछ न कुछ किया है, जिससे यह बजट हर वर्ग के लिए लाभदायक बजट साबित होगा. वयोवृद्ध नागरिकों को अब रिटर्न भरने से मुक्ति मिल गई है. वहीं स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर भारत के लिए सरकार ने एक बड़ा बजट दिया है. जिससे पूरे देश में आम वर्गो को स्वास्थ्य का लाभ मिल सकेगा. बजट की सबसे खास बात यह है कि सरकार ने बजट में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के लिए 35 हजार करोड़ का बजट दिया है. जिससे देश को कोरोना महामारी से मुक्ति मिल पायेगी और देश का हर नागरिक इस जानलेवा महामारी से सुरक्षित होगा. टैक्स में कोई बदलाव नहीं कर सरकार ने सभी को राहत दी है. वहीं टैक्स ऑडिट को बढ़ाकर सरकार ने राहत देने का काम किया है. उच्च शिक्षा, पीपी मॉडल से सैनिक स्कूल, दलित छात्रों के लिए बजट का प्रावधान सहित बजट में ऐसी कई अन्य विशेषतायें है. जिसका फायदा देश की आम जनता को मिलेगा. यह बजट सरकार को 10 में 10 अंक देने वाला बजट है.  

सरकार का बजट निराशाजनक, निजीकरण को बढ़ावा दे रही सरकार-सौरभ लोधी

कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष सौरभ लोधी ने कोरोना कॉल में मोदी सरकार में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा पेश किये गये बजट को निराशाजनक और निजीकरण को बढ़ावा देने वाला बजट बताया. उन्होंने कहा कि देश की मोदी सरकार द्वारा पारित किये गये किसान विगत दो महिनों से आंदोलन में डटे है, जिससे उम्मीद थी कि सरकार किसानों के लिए बजट में कुछ नया ऐलान कर सकती है लेकिन सरकार के बजट में किसानों के कुछ नहीं है. आम मध्यमवर्गीय लोगों के लिए कोई सहुलियत नहीं की गई है. केवल और केवल अपने पंूजीपति मित्रों के लिए सरकार ने बजट में बंदरगाह, रेलवे, बीमा सेक्टर और अन्य शासकीय संपत्तियों के निजीकरण का रास्ता खोल दिया है. सरकार का यह बजट पूरी तरह से फेलियर बजट है, जिससे आम वर्ग, किसान और गरीबों को कुछ नहीं मिलने वाला है. केवल और केवल सरकार ने बजट में पूंजीपतियों का ध्यान रखकर बजट पेश किया है. केन्द्र सरकार के आम बजट देश के नागरिकों के लिए निराशाजनक बजट है. पेट्रोल ओर डीजल में कृषि सेस बढ़ाया गया है, जिसको लेकर भले ही सरकार ग्राहकों पर इसका असर नहीं होने की बात कह रही है लेकिन यह साफ है कि इसका बोझ भी आगे आने वाले दिनों पेट्रोलियम पदार्थ की बेतहाशा कीमत के रूप में देश की आम जनता को चुकाने होंगे. सरकार ने एयरपोर्ट, सड़कें, बिजली ट्रांसमिशन, स्टेडियम, इंडियन आयल की पाइपलाइन में एफडीआई की बात कही है. जिससे देश में निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा और देश की जनता निजी हाथो में शासकीय सेवाओं के जाने से भविष्य में परेशान और हताश होगी. सरकार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मैं देश नहीं बिकने दूँगा का नारा भी जुमला साबित हो रहा है.

औघोगिक घरानों को पोषित करने वाला बजट-विशाल बिसेन

यह बजट देश के बड़े औद्योगिक घरानों को पोषित करने वाला दिखाई दे रहा है. बजट 2021 में सबसे बड़ी घोषणाओं में कुछ एयरपोर्ट, बिजली ट्रांसमिशन लाइन, रेलवे डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के हिस्से, वेयरहाउस, गैस और आयल कंपनियों की पाइप लाइन, कुछ बैंक और जनरल इन्शुरन्स कंपनी, स्टेडियम को डिसइन्वेस्टमेंट के लिए निजी क्षेत्रों को बेचने का प्रस्ताव दिया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. देश की बढ़ती महगाई को काबू करने के लिए कोई कार्ययोजना स्पष्ट नही है. पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की दरों को काबू में करने जैसी नियत नजर नही आ रही है. नये कृषि कानूनों की आड़ बनाकर निजी उद्योगपतियों को लाभ पहंुचाने के लिए कृषि उत्पादों को समर्थन मूल्य अपग्रेडेशन की बात कही गयी है. परन्तु किसानों को खेती में कर्ज पर ब्याज बढ़ाया जा रहा है. बढ़ती बेरोजगारी को कम करने के लिये इस बजट में कोई स्पष्ठ प्रावधान नही है. साथ ही मध्यम वर्गीय जनता को टैक्स स्लैब में कोई राहत नही दी गई है. देश की सबसे बड़ी आबादी मध्यम वर्गीय को इस बजट से कोई राहत नही मिलने वाली है. साथ ही इस बजट से दूरगामी परिणाम निराशाजनक होंगे.

व्यापारियों के लिए राहत, आम वर्ग के लिए कुछ नहीं-कोचर

समाजसेवी त्रिलोकचंद कोचर ने केन्द्र सरकार द्वारा पारित बजट को व्यापारियों के लिए राहत देने वाला बजट बताते हुए कहा कि इसमें कोरोना कॉल में नौकरी चले जाने से परेशान और आम वर्ग के लिए कुछ नहीं है. पहली बार इतने बड़े घाटे का बजट पेश किया गया. हालांकि सरकार ने कहा कि इसे कम कर देंगे, लेकिन यह संभव नहीं है. शासकीय संपत्ति को बेचकर निजीकरण किया जाना, आम लोगों के समझ से परे है. सरकार 75 साल उम्र वाले को सीनियर सीटिजन मानती है, जबकि सरकार ने सीनियर सीटिजन के लिए जो राहत दी है, उसे 65 वर्ष किया जाना चाहिये थे. आयुष्मान कार्ड हर किसी के लिए जरूरी होना चाहिये. जिसमें पैन की बाध्यता को खत्म करने की जरूरत है, चूंकि आज पेंशनधारियो के लिए भी पैन अनिवार्य है. रोजगार को बढ़ाने की दिशा में कोई बात बजट में नहीं है. यह व्यापारियों और इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचाने वाला बजट है. सरकार को कोरोना से जूझते देशवासियों को अन्य कई चीजों में राहत देने की जरूरत है, जो बजट में नजर नहीं आई है. यह आम वर्ग और गरीब वर्ग को राहत देने वाला बजट नहीं है. जिसे मैं 10 में से 5 अंक देता हूॅं.


Web Title : GENERAL BUDGET: SOMEWHERE IN DESPAIR, BJP PRAISES BUDGET, CONGRESS AND PEOPLE TELL BUDGET DISMAL